कैप्टन ने फिर सुखबीर से पूछा, पंजाब के ऊपर मंडरा रहा खतरा आपको दिखाई नहीं देता?

punjabkesari.in Friday, Jul 31, 2020 - 08:47 AM (IST)

चंडीगढ़/जालंधर(अश्वनी,धवन): मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह ने शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल पर तीखा हमला करते हुए कहा कि वह राजनीतिक ड्रामे से गुरेज करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम एक्ट (यू.ए.पी.ए.), जिसका पिछली सरकार ने खुल कर इस्तेमाल किया था, संबंधी सुखबीर को राजनीतिक ड्रामे से बचना चाहिए।  उन्होंने सिख फॉर जस्टिस (एस.एफ.जे.) के रैफरैंडम 2020 को खुलेतौर पर रद्द कर देने वाले देशों की कतार में यू.के. के बयान का स्वागत किया। वहीं मुख्यमंत्री ने हैरानी जाहिर की कि क्यों सुखबीर ने पाकिस्तान की समर्थन प्राप्त सिख्स फॉर जस्टिस और भारत व पंजाब को अस्थिर करने में लगी दहशतगर्दी और गर्मख्याली जत्थेबंदियों की तरफ से पेश खतरे की तरफ से आंखें बंद कर रखी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि, क्या सुखबीर यह नहीं देख सकते कि यू.ए.पी.ए. के अंतर्गत की गई गिरफ्तारियां, जिनका वह विरोध कर रहे हैं, राज्य सरकार की तरफ से इस खतरे से निपटने के लिए अपनाई जा रही रणनीति का हिस्सा है?

सूची भेजें सुखबीर 
मुख्यमंत्री ने सुखबीर बादल को कहा कि आप मुझे उन मामलों की सूची क्यों नहीं भेजते, जिन पर आपका दावा है कि पुलिस ने गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम एक्ट के तहत गलत मामले दर्ज किए हैं? इसके साथ ही उन्होंने सुखबीर से अकाली-भाजपा सरकार के दौरान यू.ए.पी.ए. के अधीन गिरफ्तार किए गए लोगों के नामों की सूची की मांग भी की। मुख्यमंत्री ने शिअद प्रधान को याद करवाया कि बादल सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान यू.ए.पी.ए. के तहत 60 से ज्यादा मामले दर्ज किए थे। इन मामलों में गिरफ्तार किए 225 लोगों में से 120 या तो बरी हो गए या छोड़ दिए गए। मुख्यमंत्री ने सुखबीर से पूछा कि क्या इतनी बड़ी संख्या में लोगों के बरी होने/छोड़े जाने का यह अर्थ निकाला जाए कि आपने इस एक्ट का प्रयोग अंधाधुंध किया था। उन्होंने पंजाब पुलिस की तरफ से हालिया समय के दौरान यू.ए.पी.ए. के अंतर्गत की गई गिरफ्तारियों में से कुछेक को साम्प्रदायिक रंगत देने के पीछे शिरोमणि अकाली दल के प्रधान की मंशा पर भी सवाल खड़े किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि अकाली यह महसूस करते हैं कि यू.ए.पी.ए. लोक विरोधी और विभाजन करने वाला एक्ट है तो सुखबीर जो कि पिछली अकाली-भाजपा सरकार में उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री थे, को सत्ता में रहते हुए इतनी बड़ी संख्या में मामलों में इसको लागू नहीं करना चाहिए था।

पुलिस के खिलाफ भड़काना क्यों
मुख्यमंत्री ने सवाल करते हुए कहा कि क्यों सुखबीर पंजाब के अमन पसंद लोगों को उस राज्य पुलिस के खिलाफ भड़का रहे हैं, जोकि बीते 3 बरसों से ज्यादा समय से सिख्स फॉर जस्टिस और आई.एस.आई. के भेजे दहशतगर्दों का कामयाबी के साथ मुकाबला कर रही है। कैप्टन ने याद करवाया कि यह पुलिस नहीं, बल्कि सुखबीर ही थे जिन्होंने सिख युवाओं के लिए ‘संभावी दहशतगर्द’ शब्द इस्तेमाल किया था। उन्होंने कहा कि अकालियों के ऐसे गैर-जिम्मेदाराना बयान उनको उलटे पड़ सकते हैं। पंजाब के लोग अकालियों की नफरत फैलाने वाले और संकुचित राजनीति के झांसों में नहीं आएंगे।


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