पंजाब के इन बच्चों का भविष्य दांव पर, जान जोखिम में डाल जाते हैं पढ़ाई करने

punjabkesari.in Wednesday, Jul 10, 2024 - 12:31 PM (IST)

दीनानगर (हरजिंदर सिंह गोराया): पंजाब में जहां हर सरकार शिक्षा का स्तर ऊंचा उठाने के लिए कई वादे करती है और हर जगह बच्चों की पढ़ाई के लिए कई तरह के खास इंतजाम करने का वादा किया जाता है लेकिन ये वादे सिर्फ कागजों तक ही सीमित नजर आ रहे हैं जिसकी उदाहरण केविधानसभा क्षेत्र  दीनानगर के अंतर्गत आने वाले मकौड़ा पत्तन के रावी नदी पार के सात गांवों के करीब 40 से 50 बच्चों को आठवीं कक्षा के बाद उच्च कक्षाओं में पढ़ने को लेकर उनका भविष्य दांव पर लगा हुआ है। इस संबंधी रावी नदी के उस पार स्थित गांवों के बच्चों ने पत्रकारों से  टेलीफोन के माध्यम से बात करते हुए कहा कि उनके सात गांवों के लगभग 40 से 50 बच्चे हैं जिन्हें आठवीं कक्षा के बाद नाव के जरिए दूसरी ओर पढ़ने के लिए मजबूर होना पड़ता है।  

नाव तक जाने में उनका समय पढ़ाई से भी ज्यादा खराब हो जाता है और उन्हें कड़ी धूप में कई घंटों तक नाव का इंतजार करना पड़ता है, जिसका खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ता है। उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले ही जिला प्रशासन द्वारा आठवीं कक्षा से ऊपर तक पढ़ने वाले बच्चों के लिए सरकारी मिडल स्कूल भरियाल में ही शिक्षक भेजकर व्यवस्था की जाती थी, लेकिन इस बार सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है, जिससे रावी के दूसरी ओर गांवों के बच्चों का भविष्य अंधकारमय व खोखला नजर आ रहा है।

इन बच्चों ने कहा कि इस संबंध में उन्होंने जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को जानकारी दे चुके हैं लेकिन अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है। उन्होंने बताया कि बच्चों के आजे पेपर चल रहे हैं जो बच्चों द्वारा नहीं दिए जा रहे  क्योंकि बच्चों को नाव के आने-जाने के लिए कई घंटों तक नदी के किनारे खड़ा रहना पड़ता है और जब तक नाव सवारियों से पूरी तरह भर नहीं जाती है तब तक नाव नहीं चलाई जाती जिससे बच्चे न तो समय पर स्कूल पहुंच पाते हैं और न ही समय पर घर वापस आ पाते हैं।

बच्चे भीषण गर्मी में परेशान होते हैं। इस मौके पर इन छात्र-छात्राओं व उनके अभिभावकों ने प्रशासन व शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों से मांग की है कि जल्द से जल्द उनके बच्चों के भविष्य को खोखला होने से बचाया जाये। जल्द से जल्द रावी की दूसरी ओर स्कूल में नौवीं से बारहवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को स्कूल में पढ़ाने की व्यवस्था की जाए ताकि उनके बच्चों का भविष्य खराब न हो सके।
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News Editor

Urmila

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