चोरी के आरोप में पुलिस ने बेरहमी से बच्चों को पीटा, चीखें सुन कैदी भी करने लगे मिन्नतें
punjabkesari.in Sunday, Aug 09, 2020 - 12:58 PM (IST)
मोगा /अजीतवाल (गोपी राऊके, रत्ती): मोगा के थाना अजीतवाल में मोबाइल फोन चोरी के शक में दलित बच्चों पर पुलिस ने अत्याचार करते हुए उनको नंगे कर पीटा। आर्थिक तंगी का पहले ही सामना कर रहा यह परिवार इस घटना बाद में गहरे सदमे में से निकल रहा है। मिली जानकारी अनुसार गाँव के व्यक्तियों ने इस परिवार को बच्चों का मेडिकल करवाने से तो रोक दिया है परन्तु फिर भी पीड़ित परिवार ने ज़िला पुलिस प्रमुख हरमनबीर सिंह गिल को शिकायत पत्र भेज कर मामले संबंधी इंसाफ की गुहार लगाई है।
पीड़ित जगजीत सिंह ने कहा कि वह मज़दूरी का काम करता है और उनके पड़ोस में किसी का 4 दिन पहले मोबाइल फ़ोन चोरी हो गया था और इसी मामले में जब उनको थाने बुलाया गया तो वह अपनी पत्नी नवदीप कौर के अलावा 7, 9 और 10 साल के बच्चों को साथ लेकर थाने चला गया। उसने आरोप लगाया कि सहायक थानेदार बलविन्दर सिंह ने थाना प्रमुख जसविन्दर सिंह की हाज़िरी में उसके बच्चों को कमरे अंदर बंद कर दिया और जब कमरे में से बच्चों के रोने की चीखों सुनाई दीं तो उसकी पत्नी नवदीप कौर ने धक्का मार कर दरवाज़ा खोला।
इसके बाद में गुस्से में आए सहायक थानेदार ने कथित तौर पर उसकी पत्नी को भी बेरहमी के साथ पीटना शुरू कर दिया, इस तरह की स्थिति बनने बाद में उसकी पत्नी की तबियत खराब हो गई। उन्होंने कहा कि जब बच्चे बाहर निकाले गए तो वह अलफ नंगे थे। पुलिस की तरफ से जब ऐसा किया जा रहा था तो दो ओर हवालाती मुलजिमों ने भी पुलिस की मिन्नतें की कि वह उनको पीट ले परन्तु बच्चों को छोड़ दिया जाये।
इसी दौरान ही सहायक थानेदार बलविन्दर सिंह ने मारपीट के आरोपों को नकारते हुए कहा कि परिवारिक मैंबर बच्चों को ख़ुद थाने लेकर आए थे, परन्तु मारपीट नहीं की। इस मौके एक बच्चा मोबाइल चोरी करने का आरोप मान भी गया था परन्तु फिर भी बच्चे छोटे होने के कारण पुलिस ने कार्यवाही की जगह दोनों पक्षों का राज़ीनामा करवाने को प्राथमिकता दी है और इस संबंधी सारा रिकार्ड पुलिस थाने में मौजूद है।