यूक्रेन में स्थिति हुई कंट्रोल से बाहर, हालात और भयानक होने की संभावना

punjabkesari.in Monday, Feb 28, 2022 - 11:20 AM (IST)

जालंधर (पुनीत): यूक्रेन में हालात खराब होते जा रहे हैं जिसके साथ भारतीय विद्यार्थियों के वापिस आने को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है। यूक्रेन में अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए भारतीय विद्यार्थियों के साथ बात हुई तो उनका कहना था कि शनिवार सुबह तक किसी नागरिक को मुश्किल पेश नहीं आ रही थी परन्तु अब स्थिति कंट्रोल से बाहर होती जा रही है। इसका मुख्य कारण यह है कि रूसी सेना के साथ निपटने के लिए यूक्रेन ने अपने नागरिकों को हथियार मुहैया करवा दिए हैं जोकि चिंता का विषय बन कर सामने आ रहा है। बार्डर के कई इलाकों में फंसे हुए लोगों को खाने के लाले पड़े हुए हैं और कई इलाकों में लूटपाट की घटनाएं शुरू हो चुकी हैं।

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वहां फंसे हुए दिल्ली के सुशांत ने कहा कि एक तरफ रूस के साथ बातचीत की बातें हो रही हैं वहीं दूसरी तरफ नागरिकों को हथियार देने से हालात बदतर होते जा रहे हैं। जिनको हथियार दिए गए हैं उनमें से कई गैर-सामाजिक अनसर अपने ही देश के लोगों के साथ लूटपाट की आपराधिक घटनाएं करने लगे हैं। इस कड़ी में हथियार लेकर घूमने वाले उक्त लोग कई विद्यार्थियों से भी पैसे आदि छीन चुके हैं, जिस कारण वहां आने वाले दिनों में स्थिति और भी गंभीर रूप धारण कर सकती है।

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इस समय वहां क्रीमिया शहर में हालात आम हैं जबकि यूक्रेन की राजधानी कीव में हालात खराब हो रहे हैं क्योंकि रूसी फौजी वहां चारों तरफ फैल चुके हैं और आने वाले समय में लोगों का वहां रहना खतरे से खाली नहीं है। वहां से हंगरी बार्डर पर जाने वाले एक विद्यार्थी सुशांत ने बताया कि सड़क रास्ते यूक्रेन से पोलैंड के बार्डर तक जाने में 5 घंटे का समय लगता था परन्तु अब वहां जगह-जगह फौजी तैनात किए जा चुके हैं और हर बैरीकेड पर चैकिंग करके आगे भेजा जा रहा है। इस कारण अब बार्डर तक पहुंचने में 25 से 30 घंटे का समय लग रहा है क्योंकि सड़कों पर भारी भीड़ है और गाड़ियां बिल्कुल धीरे चल रही हैं।

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500 रुपए में बिक रही है 50 रुपए वाली ब्रैड
हालात खराब होने के कारण वहां हर चीज की कीमत आसमान को छूने लगी है। जो ब्रैड 50 रुपए में मिलती थी उसकी अब 500 रुपए या इससे अधिक कीमत वसूल की जा रही है। इस कारण वहां विद्यार्थियों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ए.टी.एम. में से पैसे निकलवाना भी संभव नहीं है। कई स्टूडेंट्स के पास कैश भी उपलब्ध नहीं है जिस कारण वह भूखे रह कर समय काटने को मजबूर हो रहे हैं। वहीं उनको यदि खाने को मिल रहा है तो एक व्यक्ति को सिर्फ 1 ब्रैड का पीस दिया जा रहा है।

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भारतीय एम्बेसी के साथ संपर्क करना हो रहा है मुश्किल
जहां वापिस आने का इंतजार कर रहे भारतीय विद्यार्थियों का कहना है कि भारतीय एम्बेसी के साथ संपर्क करना मुश्किल हो रहा है। कीव में जहां वह फंसे हुए हैं, वहां रूसी सेना ने 18 से 60 वर्ष तक के लोगों के लिए घरों में से बाहर निकलने पर पूरी पाबंदी लगा दी है। दवाइयां आदि लेने जाना भी संभव नहीं हो रहा। आने वाला समय ओर भयानक होने की संभावना है। 

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News Editor

Urmila

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