खालिस्तानी आतंकवादियों को स्थानीय मुलाजिम से मिल रहे सहयोग ने बढ़ाई चिंता

punjabkesari.in Monday, May 16, 2022 - 01:04 PM (IST)

चंडीगढ़ (रमनजीत सिंह): हाल ही में पंजाब समेत हरियाणा व हिमाचल प्रदेश के कुछेक हिस्सों में हुई खालिस्तानी आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ी घटनाओं ने एक बार फिर से यह बहस छेड़ दी है कि पंजाब फिर से देश विरोधी ताकतों के निशाने पर है। आतंकवाद का लंबा दौर झेल चुके और उसे बुरी तरह से कुचलने के लिए भी सराहना हासिल कर चुके पंजाब के लिए मौजूदा समय में सिर उठा रही यह इक्का-दुक्का घटनाएं भी चिंता का सबब बनी हुई हैं। पुलिस के लिए बड़ी चुनौती के तौर पर गैंगस्टर, खालिस्तानी व नशा तस्करों का गठजोड़ मौजूद है।

खालिस्तानियों द्वारा अपनी रणनीति बदलकर छोटे-मोटे अपराधियों के जरिए अपने नापाक इरादों को पूरा करने के प्रयास चिंता का विषय बने हुए हैं। आतंकी गतिविधियों के साथ जुड़ा कोई पुराना रिकॉर्ड न होने के कारण छोटे अपराधियों के बारे में वैसा लगातार फीडबैक हासिल नहीं किया जा सकता जैसा कि किसी जमाने में आतंकी संगठनों के हमदर्द रहे लोगों का हासिल किया जाता रहा है।

आतंकवाद के साथ लड़ने वाले पुलिस अधिकारियों का भी यही मानना है कि भले ही पंजाब में आतंकवाद दोबारा कभी अपना सिर नहीं उठा सकता, लेकिन छिटपुट घटनाओं को लेकर भी पंजाब पुलिस को ढील न बरतते हुए सख्त कदम उठाने की सलाह तो विशेषज्ञ दे ही रहे हैं, साथ ही सभी आपराधिक व गुंडा तत्वों की लगातार थानों में पेशी व उनकी निगरानी करने की सलाह भी दे रहे हैं। उनका मानना है कि खालिस्तानी तत्व पंजाब में हाल ही के दौरान हुए सत्ता परिवर्तन के मद्देनजर माहौल का अंदाजा लगाने का प्रयास कर रहे हैं।

9 मई को पंजाब पुलिस के इंटैलीजैंस हैडक्वार्टर पर हुए रॉकेट प्रोपैल्ड ग्रेनेड हमले से ऐसे ही संकेत मिले हैं कि खालिस्तानी संगठन पंजाब में अलगाववाद को फिर से बढ़ावा देने व राज्य का माहौल खराब करने के लिए सक्रिय हैं। हमले की साजिश में शामिल लोगों को गिरफ्तार किए जाने व साजिश के बारे में जानकारी देने के लिए पंजाब पुलिस मुख्यालय में पत्रकारों को डी.जी.पी. वीरेश कुमार भावरा ने इस बात की पुष्टि की कि आर.पी.जी. हमले के पीछे असल में पाकिस्तान में बैठे बब्बर खालसा इंटरनैशनल के प्रमुख आतंकी हरविंद्र सिंह रिंदा और पाकिस्तानी खुफिया एजैंसी आई.एस.आई. का सहयोग होने का पता चला है।

पाकिस्तान की तरफ से पंजाब में ड्रोन के जरिए नशा व हथियार भेजे जाने का पहली बार पता चलने के बाद से लगातार पंजाब पुलिस ड्रोन, नशा और हथियार, टिफिन बम और आई.ई.डी. बरामद कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह भी लगातार यही कहते रहे कि किसान आंदोलन के दौरान बने हुए भावनात्मक माहौल का फायदा विदेशी आतंकी संगठन अपने विस्तार के लिए करने के प्रयास कर रहे थे। पुलिस भी लगातार विस्फोटक सामग्री व उन्हें ले जा रहे अपराधियों को पकड़ती रही है। 

इसी बीच पंजाब पुलिस के जालंधर के मकसूदां स्थित पुलिस थाने, नवांशहर के सी.आई.ए. स्टाफ, पठानकोट आर्मी बेस के नजदीक, जलालाबाद, गुरदासपुर जिले के इलाके में कहीं ग्रेनेड से हमला हुआ और कहीं आई.ई.डी. का विस्फोट टैस्ट करने की तरह किया गया। इन सभी घटनाओं को एकसूत्र में पिरोकर देखने पर पता चलता है कि राज्य में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए विदेशी आतंकी संगठन जी-तोड़ प्रयास कर रहे हैं और लोगों को भ्रामक प्रचार के जरिए अपने साथ जोड़ रहे हैं। इस काम में आतंकी संगठनों के पुराने संपर्कों, जिन्हें स्लीपर सैल कहा जाता है, के साथ-साथ गैंगस्टर भी मैनपॉवर जुटाने में सहयोग दे रहे हैं। 

सतर्कता बरते सरकार 
भारतीय सेना के स्पैशल फोर्सेज में पूर्व अधिकारी के तौर पर जम्मू-कश्मीर के आतंकवाद प्रभावित इलाकों में तैनात रहे व पंजाब पुलिस के सेवामुक्त ए.डी.जी.पी.  राकेश चंद्रा का कहना है कि घटनाओं की एक कड़ी बन रही है, जिससे लगता है कि विदेशी आतंकी संगठन फिर से गैर-सामाजिक लोगों को संगठित करके वारदातों को अंजाम देने के प्रयास में हैं। ऐसे में पंजाब सरकार और पंजाब पुलिस को सतर्कता बरतने की जरूरत है। घटना की साजिश से पर्दा उठाया गया है और कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इससे लोगों का पुलिस में विश्वास बढ़ेगा और पुलिस की क्षमता का अहसास भी होगा, लेकिन पंजाब पुलिस को इस बात पर भी फोकस करना होगा कि थानों और इंटैलीजैंस हैडक्वार्टर की तरह कहीं और ऐसी वारदात न होने पाए, जिसके लिए एहतियाती कदम उठाने जरूरी हैं।


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News Editor

Urmila

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