राज्य भर में पराली को आग लगाने की घटनाओं में आई कमी, सामने आए ये आंकड़े

punjabkesari.in Tuesday, Oct 18, 2022 - 08:20 PM (IST)

चंडीगढ़ : मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार की तरफ से धान की पराली जलाने के विरुद्ध चलाई ज़ोरदार मुहिम के परिणामस्वरूप राज्य में बीते साल के मुकाबले इस बार पराली को आग लगाने की घटनाओं में कमी आई है। 

आज यहां यह प्रगटावा करते हुए विज्ञान प्रौद्यौगिकी और वातावरण मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने बताया कि पंजाब रिमोट सैसिंग सैंटर के आंकड़ों के मुताबिक 15 सितम्बर से 17 अक्तूबर, 2022 तक राज्य भर में पराली जलाने की 1847 घटनाएँ दर्ज की गई हैं, जबकि साल 2021 और 2020 में इसी समय में क्रमवार 2389 और 5562 मामले सामने आए थे। 

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि बहुत से जिलों में पराली जलाने के मामूली मामले दर्ज किए गए हैं। उन्होंने बताया कि रूपनगर और पठानकोट जिलों में आग लगने की कोई भी घटना सामने नहीं आई। उन्होंने आगे कहा कि एस.बी.एस. नगर और होशियारपुर में दो-दो घटनाएं घटीं हैं जबकि श्री मुक्तसरसाहिब और बठिंडा में आग लगने की सिर्फ़ तीन-तीन घटनाएं ही घटीं। इसी तरह मानसा, बरनाला, फरीदकोट और एस.ए.एस. नगर जिलों में अब तक आग लगने की 10 से कम घटनाएं घटीं हैं। 

मीत हेयर ने कहा कि इन आंकड़ों से सिद्ध होता है कि पंजाब सरकार की पराली जलाने विरोधी मुहिम और इसकी रोकथाम के लिए सरकार के वातावरण समर्थकी प्रयासों को किसानों ने सकारात्मक समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने किसानों को पराली का योग्य ढंग से निपटारा करने के लिए 90422 खेती मशीनें मुहैया करवाई जबकि इस साल किसानों को 31000 और मशीनें दी जा रही हैं। 

वातावरण मंत्री ने आगे बताया कि पराली को आग लगाने की घटनाओं में कमी आने के कारण बीते साल की अपेक्षा पंजाब की हवा का गुणवत्ता सूचक (ए.क्यू.आई.) भी सुधरा है। इस साल पंजाब का गुणवत्ता सूचक 93 है जबकि बीते साल इस समय के दौरान 116 था। 
 


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Content Writer

Subhash Kapoor

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