इस आप विधायक ने अपनी पार्टी पर लगाया आरोप, कहा- नशे की समस्या को खत्म करने में हुए नाकाम

punjabkesari.in Monday, Jun 10, 2024 - 07:56 PM (IST)

पंजाब डेस्क:  आप के एमएलए अमृतसर सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र से अजय गुप्ता ने भगवंत मान की सरकार पर भ्रष्टाचार और नशे की लत को राज्य से खत्म करने में नाकाम रहने का आरोप लगाने के बाद, मुख्यमंत्री मान ने उनसे फोन पर बात कर उनका गुस्सा शांत किया। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उन्हें शांत करते हुए आश्वासन दिया कि पार्टी और सरकार के कामकाज को बेहतर बनाने के लिए उनके सभी बातों को ध्यान से सुना जाएगा और जल्द ही आने वाली बैठक में इस पर चर्चा भी की जाएगी।

PunjabKesari

अजय गुप्ता ने एक निजी रिसॉर्ट में आयोजित पार्टी की बैठक के दौरान अपना गुस्सा जाहिर किया था। इस बैठक में अन्य लोगों के अलावा कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल, जिन्होंने अमृतसर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था, और अटारी विधायक जसविंदर सिंह भी शामिल हुए थे।

विधायक गुप्ता ने कहा कि आप सरकार शासन में बदलाव के वादे के साथ सत्ता में आई थी, सरकार राज्य में भ्रष्टाचार और नशे की लत को खत्म करने के अपने प्रमुख चुनावी वादों को पूरा करने में बुरी तरह नाकाम रही। उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों से राज्य में काफी गड़बड़ियाँ बढ़ गई हैं। अपने एक व्यवसायी मित्र का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि सरकारी विभाग से संबंधित उनके निजी काम के लिए, अधिकारियों ने उन्हें 1 लाख रुपये देने को कहा था। व्यवसायी ने इसे रोकने के लिए एक विधायक से संपर्क किया, लेकिन आखिर में उन्हें 5 लाख रुपये की रिश्वत देनी पड़ी।

उनके इस भाषण का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल और पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वाड़िंग ने इसे ट्वीट भी किया था। उन्होंने कहा कि वे पुलिस थानों सहित सरकारी कार्यालयों में आप कार्यकर्ताओं के सम्मान की बहाली के बाद ही काम करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालयों में आप कार्यकर्ताओं को अपमानित किया जाता है। अधिकारी उन्हें बैठने के लिए कुर्सियाँ तक नहीं देते। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल के नेताओं का प्रभाव पुलिस थानों पर अभी भी हावी है।

उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जब तक आम आदमी पार्टी के अधिकारियों का गौरव सरकारी दफ्तरों में वापिस नहीं लाया जाता, वह काम नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के कारणों की जांच करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पार्टी पिछले विधानसभा चुनाव (2022) में ‘बदलाव’ के वादे पर सत्ता में आई थी। दो साल बाद, पार्टी ने लोगों के बीच अपनी विश्वसनीयता खो दी है, क्योंकि उसे अपने विधायकों के 92 विधानसभा क्षेत्रों में से 60 में हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी कि मौजूदा कार्यशैली के साथ, पार्टी 2027 का विधानसभा चुनाव नहीं जीत पाएगी।

गुप्ता ने कहा कि अपनी ही सरकार के खिलाफ उनकी आवाज उठाना जनहित में था और इसका उद्देश्य पार्टी में सुधार लाना है। उन्होंने कहा कि उनकी मांगों को किसी अन्य नेता के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Radhika Salwan

Related News