किसानों के लिए मिसाल बना ये Couple, हर तरफ हो रही चर्चा

punjabkesari.in Saturday, Jun 18, 2022 - 03:33 PM (IST)

लुधियाना(सलूजा): 54 एकड़ जमीन पर धान व गेहूं की बुआई करने की बजाय 22 एकड़ पर हल्दी, 13 एकड़ पर मक्की और 16 एकड़ जमीन पर आड़ू व नाशपती की खेती करने वाला 32 वर्षीय युवा किसान अमृतपाल सिंह रंधावा पंजाब के किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं।पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी लुधियाना से अमृतपाल सिंह रंधावा ने एम.एससी. बागबानी की शिक्षा प्राप्त करने के बाद खेती को धंधे के रूप में अपनाया।

इनके पिता इकबाल सिंह रंधावा भी खेती करते थे जिन्होंंने 1960 में गेहूं व मक्की के बीज का उत्पादन और 1970 में अंगूरों के बाग, बादाम की कैलिफोर्निया पेपर शैल व शिपर आदि किस्में लगाईं और इसके साथ-साथ पोपलर की काश्त भी शुरू की। सरदार इकबाल सिंह रंधावा को सूर्यमुखी व मक्की के बढ़िया बीज उत्पादन हेतु सरकार की तरफ से प्रशंसा पत्र व सम्मान से नवाजा गया। अमृतपाल रंधावा ने अपनी खेती को बुलंदियों पर लेकर जाने के लिए अपना काम जारी रखा। खेती में जरूरत से अधिक कीटनाशकों के इस्तेमाल और मनुष्य शरीर पर पड़ रहे बुरे प्रभावों को ध्यान में रखते हुए अमृतपाल ने हल्दी की खेती शुरू की। वह कच्ची हल्दी की जगह उसका अपने प्रोसैसिंग प्लांट में पाऊडर बना कर बढ़िया पैकिंग करके सीधे ग्राहक को बेचकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।

यह युवा किसान एक एकड़ में लगभग 24 क्विंटल हल्दी से पाऊडर तैयार करता है और 200 रुपए प्रति किलो के हिसाब से रिटेल में बेचता है। एक एकड़ में हल्दी पैदा करने का खर्च लगभग 1.2 लाख रुपए आता है और सारे खर्चे निकाल कर 3 से साढ़े 3 लाख रुपए का शुद्ध मुनाफा हो जाता है। अमृतपाल हल्दी का बीज भी तैयार करते हैं जिसकी किसानों में भारी मांग है। आलू की पैदावार में अमृतपाल खुद बुआई करके और खुद मंडीकण करते है। उनका अपना कोल्ड स्टोर भी है। अमृतपाल की कामयाबी के पीछे उनकी पत्नी का पूरा सहयोग है जो कि खेती प्रबंध व अकाऊंटस की जिम्मेदारी निभा रही है। अमृतपाल का कहना है कि इस मुकाम पर वह अपने बुजुर्गों और परिवार के पूर्ण सहयोग की बदौलत ही पहुंच पाए हैं। इसी के साथ ही उनको पी.ए.यू. व होशियारपुर के केवीके सैंटर द्वारा प्रदान की जाती टैक्नोलॉजी से काफी बल मिलता है।

 


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Vatika

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