फर्जी जमीन पर फर्जी लोन! State Bank में इस तरह हुई करोड़ों की हेरा-फेरी...
punjabkesari.in Wednesday, Feb 05, 2025 - 12:52 AM (IST)
सुल्तानपुर लोधी/जालंधर (धीर, सोढ़ी, धवन) : पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने स्टेट बैंक ऑफ पटियाला (अब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) की ब्रांच सुलतानपुर लोधी जिला कपूरथला में हुए बहु-करोड़ घोटाले में नामजद आरोपी सतनाम सिंह और आरोपी सरबजीत सिंह नंबरदार दोनों निवासी पिंड सरूपवाल तहसील सुलतानपुर लोधी को गिरफ्तार किया है।
विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि 7 साल पहले दर्ज एक विजिलेंस जांच के आधार पर मुकदमा थाना विजिलेंस ब्यूरो रेंज जलंधर में दर्ज किया गया था। उक्त मुल्जिमों ने बैंक के ब्रांच मैनेजर और अन्य कर्मचारियों सहित आम व्यक्तियों और माल विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ मिलकर भ्रष्ट तरीकों से उक्त बैंक के कर्मचारियों के माध्यम से खजाने से कर्ज/लिमिटों के जरिए पैसे निकालकर गबन किया था। इस मामले में जांच के दौरान पता चला कि 30 अप्रैल 2016 तक की 14 कर्ज फाइलों के जरिए करीब 3 करोड़ 71 लाख रुपए का गबन किया गया।
घोटाले के दौरान आरोपीयों ने अधूरी रिपोर्टों और गारंटर डीड्स हासिल कर प्राइवेट व्यक्तियों और माल विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ मिलकर फर्जी ज़मीन पर फर्जी व्यक्तियों के बैंक लोन मंजूर करवाए थे। कर्जदारों की ज़मीन उनकी मालिकाना नहीं होने के बावजूद पंजाब सरकार की मालिकाना वाली ज़मीन को प्राइवेट व्यक्तियों की मालिकाना दिखाकर फरदों, फरद गिरदावरी और बार-रहित सर्टिफिकेट जारी करवाई गई थीं और वसीकें और बैनामे रजिस्टर करवाए गए थे।
इस मुकदमे में शामिल सतनाम सिंह सरूपवाला ने खेतीबाड़ी लिमिट लेने संबंधित फरद जमाबंदी, फरद हकीकत, फरद गिरदावरी, सर्टिफिकेट, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला सुलतानपुर लोधी के मैनेजर आरोपी सुलिंदर सिंह को दिए, जिसके आधार पर बैंक मैनेजर ने बैंक के दूसरे कर्मचारी सुरिंदर पाल, फील्ड अफसर और पैनल वकील तारा चंद आरोपी के साथ मिलीभगत करके अपनी निजी मुनाफे के लिए कर्ज लेने वाले सतनाम सिंह को कर्ज देने की मंशा से उक्त दोषियों द्वारा फर्जी और गलत रिपोर्टें तैयार कीं। इसके बाद उक्त बैंक मैनेजर ने सतनाम सिंह के साथ मिलीभगत करके उसका 16 लाख रुपये का कर्ज मंजूर कर दिया, जबकि माल महकमे के रिकॉर्ड के अनुसार पिंड लोहियां की उक्त जमाबंदी रिकॉर्ड से मेल नहीं खाती थी।
इसी तरह मॉर्टगेज डीड को तस्दीक करवाने पर पाया गया कि उक्त बैंक मैनेजर ने सतनाम सिंह और मॉर्टगेज डीड पर गवाही देने वाले व्यक्तियों के साथ मिलीभगत करके मॉर्टगेज डीड पर कार्यालय जॉइंट सब रजिस्ट्रार लोहियां का फर्जी नंबर लगाया, जिसके ऊपर गवाही उक्त मुल्जिम सरबजीत सिंह नंबरदार निवासी सरूपवाला द्वारा दी गई थी।
वर्णनीय है कि इस विजिलेंस जांच की पड़ताल के आधार पर उपरोक्त मुकदमा 33 व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज किया गया था, जिनमें से 28 मुल्जिम पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं और 3 मुल्जिमों को अदालत द्वारा भगोड़ा करार दिया जा चुका है। बाकी बचे मुल्जिमों को गिरफ्तार करने के लिए विजिलेंस ब्यूरो द्वारा चौतरफा गतिविधियां जारी हैं।