बुलंद हौसलों को सलाम: हंगरी से लेह लद्दाख तक साइकिल पर निकला यह शख्स

punjabkesari.in Friday, Feb 14, 2020 - 10:44 PM (IST)

होशियारपुर (अमरेन्द्र मिश्रा): बुलंद हौसलों के मालिक यूरोप के हंगरी देश के कोमाटो शहर के रहने वाले 27 वर्षीय युवा इंजीनियर विक्टर जीको हंगरी से अपनी साइकिल पर शुक्रवार को होशियारपुर पहुंचे। होशियारपुर में शहर के विख्यात साइक्लिस्ट बलराज सिंह चौहान ने उनका बड़े ही गर्मजोशी से स्वागत किया। होशियारपुर में खाना खाने के बाद विक्टर जीको अपने अगले पड़ाव के लिए अपनी साइकिल से हिमाचल प्रदेश के लिए निकल पड़े। शुक्रवार सायं मीडिया से बात करते हुए विक्टर जीको ने बताया कि उसका आदर्श हंगरी के ही रहने वाले लौग्वैज स्कॉलर रहे स्वर्गीय अलैक्जैंडर चोमस रहे हैं। 

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बचपन में ही कर लिया था साइकिल से लद्दाख जाने का निर्णय
होशियारपुर में बलराज सिंह चौहान के निवास पर मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि उसने बूदापैस्ट यूनिवर्सिटी के इंजीनियरिंग कॉलेज से एनर्जी विषय में बी.टैक तक की पढ़ाई की है। जब उसे पता चला कि अलैक्जैंडर चोमस साल 1819 में हंगरी से पैदल चल 1823 में भारत के लेह लद्दाख पहुंच लद्दाख की भाषा को अंग्रेजी में अनुवाद किया तो उसने भी ठान लिया कि वह भी एक दिन लद्दाख पहुंचेगा।

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हंगरी से 15 जुलाई 2019 को निकले हैं साइकिल पर
विक्टर जीको ने बताया कि जब उसने ठान लिया कि वह लद्दाख जाएगा तो घर के लोगों ने भी उसके मन की बात को रखने के लिए विरोध नहीं किया। घर से अनुमति मिलते ही वह अपनी विशेष प्रकार की साइकिल जिस पर वह रास्ते में थकने पर सो भी जाता है पर सवार हो 15 जुलाई 2019 रवाना हो गया। हंगरी से तुर्की, रोमानिया, बुल्गारिया, इराक, इरान, तुर्केमिनिस्तान, उजबैकिस्तान, ताजिकिस्तान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान होते हुए 7 फ्रवरी 2020 को बाघा बॉर्डर होते हुए भारत में प्रवेश किया। होशियारपुर तक उसने 10400 किलोमीटर की दूरी तय कर चुका है। अब हिमाचल प्रदेश के रास्ते मंडी, कुल्लू, मनाली, रोहतांग दर्रा पार करते हुए अपने अंतिम पड़ाव लेह व लद्दाख तक जाएंगे।

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रास्ते में हर जगह लोगों ने बढ़ाया है मनोबल
विक्टर जीको ने बताया कि रास्ते में हर देश में प्रवेश करते व गुजरते समय रास्ते में सभी ने स्वागत किया है। वह सभी देशों की भाषाओं की गहराई से अध्ययन करते हुए अपने अंतिम पड़ाव लद्दाख तक पहुंचने का निश्चय किया है। लद्दाख के बाद वह दार्जीलिंग जाएगा व उसके बाद हवाई सफर के जरिए अपने देश लौटेगा।


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Mohit

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