Whatsapp पर बिजी रहा Hospital का स्टाफ, ढाई महीने के मासूम की तड़प-तड़क कर हुई मौत
punjabkesari.in Tuesday, Aug 29, 2023 - 01:21 PM (IST)

अमृतसर : गुरु नानक देव अस्पताल के बाल रोग विभाग में स्टाफ की लापरवाही से दाखिल ढाई महीने के बच्चे की इलाज न होने के कारण मौत हो गई। अभिभावकों ने आरोप लगाया कि बच्चा जब बीमारी व दर्द से तड़प रहा था तो स्टाफ नर्स एक-दूसरे पर बच्चों की देख-रेख की जिम्मेदारी डालकर मोबाइल पर व्हाट्सएप चलाती रही। उन्होंने बताया कि स्टाफ नर्स के सामने अपने बच्चे की हालत बयां करते हुए वह हाथ-पैर जोड़कर गिर गया पर उनका दिल नहीं पसीजा। मामला अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉक्टर कर्मजीत सिंह के ध्यान में आने के बाद उन्होंने जांच के आदेश दिए हैं।
जानकारी के अनुसार गुरु नानक देव अस्पताल में रोजाना सैंकड़ों मरीज ओ.पी.डी. तथा एमरजेंसी में इलाज के लिए आते हैं। अस्पताल के अधीन ही बाल तथा गायनी विभाग बनाया गया है। गत दिन गुरु रामदास नगर के रहने वाले करन कुमार द्वारा अपने ढाई महीने के बच्चे को पीलिया होने की शिकायत के लिए बाल रोग विभाग में दाखिल करवाया गया। बच्चा रोग विभाग में जब वह अपने बच्चों को लेकर आया तो उसे इन्फेक्शन तथा पीलिया था, बच्चों के इलाज के लिए पहले वह डाक्टर तथा वार्ड में तैनात स्टाफ के पास इधर-उधर भटकता रहा। आखिरकार सुबह 11:00 बजे इलाज करने से पहले बच्चे का सैंपल लिया गया परंतु शाम 7:00 बजे तक सैंपल की रिपोर्ट उन्हें नहीं दी गई। इस दौरान बच्चों को ग्लूकोस दिया गया।
करन कुमार के अनुसार इस दौरान डॉक्टर भी उनके बच्चे की जांच करने नहीं आया। सिर्फ एक बार स्टाफ नर्स ग्लूकोस लगा कर चली गई पर बाद में नहीं आई। जब वह बार-बार स्टाफ नर्स के पास जाकर कहते कि बच्चों को बहुत दर्द हो रही है तथा ग्लूकोस खत्म होने वाला है तो स्टाफ नर्स उस समय अपने मोबाइल के व्हाट्सएप पर इतनी व्यस्त थी कि उसने कह दिया कि दूसरी स्टाफ नर्स के पास चले जाओ। जब वह दूसरी स्टाफ नर्स के पास गया तो उसने भी मोबाइल चलाना जरूरी समझा और उसकी बात नहीं सुनी।
उसके अनुसार इस दौरान रिपोर्ट आने से पहले ही उनके बच्चे की मौत हो गई थी। जब उन्होंने शोर मचाया तो तब स्टाफ ने आकर बच्चे को ऑक्सीजन लगाई और इलाज के नाम पर ड्रामेबाजी करनी शुरू कर दी। उसने कहा कि अस्पताल लापरवाही के कारण उसके बच्चे की मौत हुई है तथा स्टाफ के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
पहला बेटा था, मां का रो-रो कर बुरा हाल
बच्चे की मौत के बाद उसकी मां रमनदीप कौर का रो-रो कर बुरा हाल है। रमनदीप कौर ने बताया कि वह उनका पहला बेटा था पर सरकारी तंत्र की लापरवाही के कारण उनके बच्चे की जान चली गई है। उन्होंने कहा कि अगर बच्चे की ओर ध्यान दिया जाता तो आज उसका बच्चा जिंदा होता। बच्चे की मां के आंसू देखकर अस्पताल में मौजूद कई अभिभावक भी रो पड़े और वह सरकारी तंत्र को कोसते हुए नजर आए। उन्होंने पीड़ित परिवार से दुख सांझा करते हुए अस्पताल प्रशासन से मांग की है कि पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलवाया जाए।
सरकार मामले को गंभीरता से ले
समाज सेवक जय गोपाल लाली ने कहा कि घटना बेहद निंदनीय है। अगर बच्चे को सही समय पर उपचार दिया जाता तो बच्चे की जान बच जानी थी, परंतु इसकी ड्यूटी उसकी ड्यूटी के चक्कर में बच्चे की मौत हो गई है। जिस डाक्टर की ड्यूटी थी तथा वह मौके पर नहीं आया उसकी भी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए तथा उस पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में वह पंजाब सरकार को शिकायत भी दर्ज करवाने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह तो एक मामला है जो सामने आ गया, ऐसे कई मामले अस्पताल में प्रतिदिन होते रहते हैं, जो मीडिया तथा आम जनता के सामने नहीं आते तथा परिवार बेबस होकर यहां से चला जाता है। इस मामले पर सरकार को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई करनी चाहिए।
मामले की जांच के दिए आदेश
अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डा. कर्मजीत सिंह ने कहा कि मामला उनके ध्यान में आ गया है। मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं, जो भी आरोपी इस मामले में पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। लापरवाही किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अभिभावकों से भी अपील की है कि वह भी उन्हें लिखित में शिकायत दर्ज करवाए।
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