पंजाब के 13 जिलों में पानी में यूरेनियम, लोग हो रहे बीमार

punjabkesari.in Tuesday, Dec 17, 2019 - 01:42 PM (IST)

चंडीगढ़(हांडा): पंजाब की मालवा बैल्ट के लगभग 13 जिलों में भूमिगत जल में यूरेनियम या अन्य आर्सेनिक पदार्थ पाए गए थे, जिसे लेकर 9 वर्ष पहले एक जनहित याचिका दाखिल हुई थी। इस पर सुनवाई करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कई बार तल्ख टिप्पणियां करते हुए सरकार को दिशा-निर्देश भी जारी किए थे, लेकिन अभी तक स्थिति में सुधार नहीं हुआ और लोग लगातार यूरेनियम युक्त पानी पीने की वजह से बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।
PunjabKesari, uranium in water people getting sick
इसी संबंध में जालंधर निवासी के.एस. नागरा द्वारा भेजे गए पत्र पर संज्ञान लेते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को 14 जनवरी के नोटिस जारी कर दिए हैं। चीफ जस्टिस रवि शंकर झा और जस्टिस राजीव शर्मा की खंड पीठ ने इस याचिका को हाईकोर्ट में लगभग 9 साल से विचाराधीन जन हित याचिका के साथ संलग्न करते हुए इस पर पंजाब सरकार से जवाब मांगा है। मीडिया में प्रकाशित एक रिपोर्ट को आधार बनाकर लिखे गए इस पत्र में नागरा ने कहा है कि पंजाब के 504 आवासीय क्षेत्रों में भूमिगत जल में यूरेनियम और अन्य आर्सेनिक पदार्थ पाए गए हैं, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।

जालंधर, कपूरथला, नवांशहर में पानी में सेलेनियम की मात्रा ज्यादा
पत्र के अनुसार दोआबा क्षेत्र में जालंधर, कपूरथला, नवांशहर आदि क्षेत्रों में पानी में सेलेनियम नामक पदार्थ की 0.14 एम.जी./1 पाया गया है, जबकि यह 0.01 एम.जी. से अधिक होना रक्तचाप, उल्टी-दस्त, पेट का दर्द और बालों का झड़ना आदि जैसी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। इसी प्रकार फाजिल्का में 217, मोगा में 203, बरनाला में 115 और फिरोजपुर में 139 आवासीय क्षेत्रों में पानी में यूरेनियम की अधिकता लोगों के स्वास्थ्य के लिए समस्याएं उत्पन्न कर रही है। पत्र में एक स्टडी का जिक्र करते हुए नागरा ने कहा है कि इस स्टडी के अनुसार राज्य के 18 जिलों में पीने का पानी लोगों के स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त नहीं है।
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गौरतलब है कि हाल ही में मालवा क्षेत्र में यूरेनियम मुक्त जल उपलब्ध न होने पर हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को आदेश दिए थे कि विभिन्न विभागों के प्रधान सचिवों की समिति का गठन करके लोगों को यूरेनियम मुक्त जल उपलब्ध करवाया जाए। हाईकोर्ट ने इस समिति में स्थानीय निकाय विभाग, सिंचाई और जल संसाधन, जल आपूर्ति और स्वच्छता, ऊर्जा और वित्त विभाग के सचिवों को शामिल किए जाने के आदेश दिए हैं।


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Edited By

Sunita sarangal

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