Valentine Week: मूवी ब्रेक में मसाला डोसा ने निकाले दिल के अरमान बाहर

punjabkesari.in Tuesday, Feb 12, 2019 - 12:27 PM (IST)

जालंधर(भारती): लुधियाना के रहने वाले गुरपाल और गगन की 2 साल पहले ही लव कम अरेंज मैरिज हुई है। दरअसल गगन जिस स्कूल में पढ़ाती थी गुरपाल अक्सर वहां जाया करते थे। दोनों में जान-पहचान हुई लेकिन दिल वाली गाड़ी पटरी पर नहीं आ रही थी। इसके पीछे वजह थी- गुरपाल द्वारा पहले प्रपोज न करना। गगन बताती है यह तो मुझे प्रपोज करने वाले थे ही नहीं। इनके दिल के अरमान भी बाहर निकालने थे ऐसे में एक दिन मूवी ब्रेक के दौरान खाए गए मसाला डोसा ने मेरे लिए यह काम किया। 

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ऐसे मिले दो दिल

इन्हें डोसा बेहद पसंद था।  डोसे ने ऐसा जादू चलाया कि वह अपने मन की बात मुझ से बोल सके। गगन बताती है कि उनकी शादी की राह कभी इतनी सीधी नहीं थी। दरअसल गुरपाल के पिता ने उन्हें अपने बेटे के लिए लड़की ढूंढने को कहा था। मैंने 2-3 लड़कियों के बारे में उन्हें बताया भी लेकिन बात आगे कहां तक बढ़ पाई इसके बारे में मुझे बताया नहीं गया। उस दिन मूवी ब्रेक में गुरपाल ने मुझसे कहा- मैं तुमसे बात करना चाहता हूं। मैं उत्साहित थी। शायद आज तो कुछ न कुछ बोलेंगे। लेकिन वह बोले-मेरे पिता को मेरे लिए लड़कियां ढूंढने से रोको। मैंने पूछा- ऐसा क्यों! तो वह बोले- मेरे साथ कौन शादी करेगा। वह थोड़ा गुस्से में थे।

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मैंने कहा- जिसकी किस्मत में जो लिखा है उसे मिलता है। इस पर गुरपाल का जवाब सवाल के साथ था। वह बोले-क्या तुम मेरे से शादी करोगी? गुरपाल की बात सुनकर मैं आवाक् रह गई। साथ ही बोला- हां, करूंगी शादी। तुमसे ही करूंगी शादी।गगन बताती है कि उस दिन शायद भगवान ने ही हमें बातचीत करने का मौका दिया। हम जो फिल्म देखने गए थे उसकी 2 सीटें अलग-अलग मिली थीं। ऐसे में मैंने गुरपाल के साथ व्हीलचेयर पर बैठ कर फिल्म देखी। हम कंफर्ट में नहीं थे तो ऐसे में मूवी ब्रेक के दौरान बाहर आ गए। यहीं शुरू हुई बातचीत हमारी जिंदगी का टर्निंग प्वाइंट रहा।

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भाई-बहन के कारण बन गई जोड़ी
गगन और गुरपाल की जोड़ी कभी बन नहीं पाती अगर इधर गुरपाल की बहन तो उधर गगन के भाई ने बिचौलिए की भूमिका न निभाई होती। गगन बताती है कि गुरपाल सिर्फ अपनी बहन के अलावा किसी से दिल की बात शेयर नहीं करते थे। उनकी बहन ने भाई की दशा समझकर उन्हें फोन किया और गुरपाल के उनके प्रति जज्बातों से रू-ब-रू करवाया। इधर, मेरे घर वाले शादी के लिए मान नहीं रहे थे, ऐसे समय में मेरे भाई ने सक्रिय भूमिका निभाते हुए घर वालों को मनाया। गगन बताती है कि वह तो कभी-कभी सोचती है कि अगर हमारी जिंदगी में भाई-बहन न होते तो हमारा मिलना कितना मुश्किल होता।

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जब गुरपाल को गिफ्ट में दी मां की फोटो
गगन ने बताया कि शादी के बाद जब वह ससुराल आई तो घर में अपनी सास की एक भी फोटो न देख कर हैरान हो गई। मैंने पूछा तो इन्होंने बताया कि वह मां की फोटो देखकर बहुत इमोशनल हो जाते हैं इसलिए घर में उनकी कोई तस्वीर नहीं लगाई है। ऐसे वक्त में मैंने सबसे पहले अपनी सास की फोटो ढूंढी। बड़ी करवाकर फ्रेम करवाया और इनके जन्मदिन पर इन्हें गिफ्ट दी। कहा-कौन कहता है कि वह इस दुनिया में नहीं है। वह यहीं हैं-आपकी बहन के रूप में।

गुरपाल केयरिंग है,मेरा बहुत ध्यान रखते हैं

गगनबीर का कहना है कि गुरपाल केयरिंग है। मेरा बहुत ध्यान रखते हैं। खाना भी अकेले नहीं खाते। वैसे भी जो भगवान ने लिखा है वह अच्छा ही होगा। कई लोगों ने मुझे कहा कि मैंने शादी क्यों की पर मुझे किसी से कोई फर्क नहीं पड़ता कि लोग क्या बात करते हैं।

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swetha

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