दिल्ली बार्डर पर तनाव खत्म करने के लिए किसानों से तुरंत बात करे केंद्र सरकारः कैप्टन
punjabkesari.in Friday, Nov 27, 2020 - 03:03 PM (IST)

चंडीगढ़: किसान आंदोलन को लेकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने केंद्र सरकार से एक बार फिर से आग्रह किया है कि दिल्ली बार्डर पर किसानों और पुलिस में तनाव खत्म करने के लिए किसान नेताओं को बातचीत के लिए बुलाया जाए। उन्होंने कहा कि तनानपूर्ण माहौल में 3 दिसंबर की बजाए किसान नेताओं के साथ तुरंत बैठक की जानी चाहिए।
The voice of farmers cannot be muzzled indefinitely. Centre should immediately initiate talks with Kisan Union leaders to defuse the tense situation at the Delhi borders. Why wait till December 3? pic.twitter.com/e1zUUgDoyx
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) November 27, 2020
कैप्टन ने सवाल किया कि स्थिति जब नियंत्रण से बाहर हो रही है, तो केंद्र किसानों के साथ बातचीत करने के लिए तीन दिसंबर का इंतजार क्यों कर रहा है? कैप्टन ने ट्वीट कर कहा,‘‘किसानों की आवाज दबाई नहीं जा सकती है। केंद्र को दिल्ली की सीमाओं पर तनावपूर्ण स्थिति को शांत करने के लिए किसान संघ के नेताओं के साथ तुरंत बातचीत शुरू करनी चाहिए। अब जब स्थिति हाथ से निकल रही है तो 3 दिसंबर तक इंतजार क्यों करें?” वहीं दिल्ली पुलिस ने ‘दिल्ली चलो' मार्च के तहत राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च कर रहे किसानों को रोकने के लिए दिल्ली-हरियाणा सीमा पर कहीं आंसू गैस के गोले दागे, तो कहीं पानी की बौछारें कीं। भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती के बावजूद हरियाणा में पुलिस बैरिकेड तोड़ने के बाद पंजाब के किसानों के समूह शुक्रवार सुबह दिल्ली की दो सीमाओं के पास पहुंचने में कामयाब रहे ।
उन्होंने केंद्र से कहा कि वह राष्ट्र भावना दिखाएं और किसानों की सुनिश्चित न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग को स्वीकार करें। पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार को सुनिश्चित एमएसपी के लिए किसानों की मांग को स्वीकार करने की जरूरत है, जो हर किसान का मूल अधिकार है। अगर वे मौखिक आश्वासन दे सकते हैं तो मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि वे इसे कानूनी रुप से लागू क्यों नहीं कर सकते।” सिंह ने उन लोगों पर भी निशाना साधा जिन्होंने आरोप लगाया था कि कांग्रेस किसानों को 'अंधा' बताकर भड़का रही है और कहा कि किसान 'जीवन और आजीविका' के लिए लड़ रहे हैं। किसान नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि नए कानून से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी। केंद्र ने तीन दिसंबर को दिल्ली में एक और बातचीत के लिए पंजाब के कई कृषि निकायों को आमंत्रित किया है।