क्या जालंधर में एक बार फिर लगेगा लॉकडाउन?
punjabkesari.in Saturday, Mar 05, 2022 - 02:38 PM (IST)

जालंधर (खुराना/ सोमनाथ): करीब 500 करोड़ रुपए के सरफेस वाटर प्रोजेक्ट के तहत आज से कई महीने पहले शहर की कुछ सड़कों को तोड़ा गया था जिस कारण लोगों को बहुत परेशानियां आई पर विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को हो रहे नुक्सान को देखते हुए जालंधर नगर निगम ने सड़कों की खुदाई का काम बंद करवा दिया था। अब क्योंकि चुनावों हेतु मतदान की प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है, ऐसे में जालंधर निगम ने शहर की बाकी बची सड़कों को खोदने का काम दोबारा शुरू करवा दिया है, जिसके तहत शहर की करीब तमाम सड़कों को पानी के बड़े-बड़े पाइप डालने हेतु खोदा जाएगा।
सरफेस वाटर प्रोजैक्ट का कट्रैक्ट लेने वाली एल. एंड टी. कंपनी ने सड़कों की खुदाई का काम बर्ल्टन पार्क से शुरू भी कर दिया है जहां अंडर ग्राऊंड वाटर टैंक तक जाती लाइनों को डालने का काम प्रारंभ हो चुका है। आने वाले कुछ ही दिनों में गुलाब देवी रोड तथा शहर की अन्य मेन सड़कों पर खुदाई शुरू हो जाएगी जिससे शहर के हजारों दुकानदारों को लॉकडाऊन जैसे हालातों का सामना करना पड़ेगा। गौरतलब है कि एल. एंड टी. कंपनी ने पिछले समय दौरान जिन-जिन सड़कों पर पानी के बड़े-बड़े पाइप डालने के लिए खुदाई की, वहां अभी तक हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं। यह काम अड्डा होशियारपुर से शुरू किया गया था जहां खुदाई का काम ही महीनों चला और उसके कई माह बाद वहां सड़क बनाई जा सकी। उस समय भी अड्डा होशियारपुर से पंजपीर क्षेत्र तक के दुकानदारों को 4-5 महीने लाकडाऊन जैले हालातों का सामना करना पड़ा था और वहां कारोबार बिल्कुल ठप्प होकर रह गया था क्योंकि वाहनों के आने-जाने का कोई रास्ता ही नहीं बचा था।
अभी तक 8 किलोमीटर सड़कें ही खोदी, अब खुदाई 75 किलोमीटर लंबी सड़कों की होगी
एल. एंड टी कंपनी को काम शुरू किए हुए कई महीने हो चुके हैं और अभी तक कंपनी ने केवल 8 किलोमीटर सड़कों को खोदकर ही पाइपलाइन डाली है। अगले चरण में कंपनी ने 75 किलोमीटर लंबी सड़कों को खोदने का रोड मैप तैयार कर लिया है जिस कारण माना जा रहा है कि पिछले समय दौरान टुटी सड़कों से जिसने लोग परेशान रहे अब वह परेशानी 10 गुना और बढ़ जाएगी। साथ ही साथ दर्जनों मेन सड़कों पर कारोबार भी ठप्प होकर रह जाएगा।
पहले तो विधायकों ने रोक दिया था प्रोजेक्ट, अब नहीं रुकेगा
विधानसभा चुनावों से पहले टूटी सड़कों का सत्तापक्ष को नुक्सान होता देख कांग्रेसी विधायकों ने कंपनी पर दबाव डालकर सड़कों की खुदाई का काम रुका लिया था लेकिन अब मतदान की प्रक्रिया संपन्न हो जाने के बाद कंपनी इस प्रोजेक्ट को तेजी से आगे बढ़ाएगी और अब कोई भी विधायक या अन्य कांग्रेसी नेता इस प्रोजेक्ट को रोक नहीं पाएगा इसलिए शहर निवासी आने वाले कुछ महीनों में टूटी सड़कों की समस्या झेलने के लिए तैयार रहें।
जिस-जिस क्षेत्र में है पानी की टंकी, वहां हालात बहुत ज्यादा खराब होंगे
सरफेस वाटर प्रोजेक्ट के तहत शहर में पानी सप्लाई करने वाले तमाम ट्यूबवैलों को बंद करने की योजना है और उसके स्थान पर सतलुज दरिया के पानी को जालंधर तक लाकर उसे टंकियों के माध्यम से घरों सप्लाई किया जाना है। इसके लिए शहर में पहले से बनी 28 टंकियों का चयन किया गया है, जो टंकियां खस्ताहाल अवस्था में थी, उन्हें गिरा कर नया बनाया जाएगा और ठीक ठाक अवस्था में पड़ी टंकियों को प्रोजेक्ट के तहत इस्तेमाल में लाया जाएगा। हर टंकी तक वाटर सप्लाई लाइन पहुंचेगी इसलिए माना जा रहा है कि जिस कालोनी या क्षेत्र में पानी की टंकी स्थित है वहां सड़कों की खुदाई आवश्य होगी और आने वाले महीनों में हालात काफी खराब होंगे, ऐसे ही हालात भगत सिंह चौक में भी होंगे जहां डम्प के साथ लगती टंकी तक पाइप डालने के लिए सारी सड़क को खोदा जाएगा।
सड़कें तोड़नी आसान, लेकिन बनानी बहुत ही मुश्किल
सरफ्रेस वाटर प्रोजेक्ट के तहत पानी की पाइप डालने हेतु सड़कों की खुदाई का काम तो कंपनी द्वारा आसानी से किया जा रहा है पर इन सड़कों को दोबारा बनाने का काम बहुत ही मुश्किल है। गौरतलब है कि कंपनी ने गुलाब देवी रोड स्थित पुरनी से लेकर बस्ती बावा खेल नहर की पुली तक नहर के साथ-साथ सड़क पर पाइप डाले थे और कुछ महीनों बाद वहां कंपनी ने ही नई सड़क बना कर दी जो 10 दिन के भीतर ही टूट गई और उस जगह से बैठ गई जहां पाइप डाले गए थे। तकनीकी विशेषज्ञ मानते हैं कि खोदी गई सड़कों पर मिट्टी बैठने में कई महीने लगते हैं, उससे पहले यदि नई सड़क बना दी जाए तो वह निश्चित रूप से बैठ जाएगी। अब देखना होगा कि कंपनी जिन सड़कों को अब खोदेगी उन्हें बनाया कब जाएगा।
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