जालंधर के युवा समूह ने हासिल की बड़ी उपलब्धि, 14,248 फीट "मिनक्यानी पास ट्रेक" पर की सफलतापूर्वक चढ़ाई

punjabkesari.in Monday, Jul 03, 2023 - 09:40 PM (IST)

जालंधर/कपूरथला : जालंधर शहर के 9 युवा लड़के-लड़कियों के एक समूह ने मिनक्यानी पास ट्रेक हिमाचल प्रदेश को फ़तह किया है। समूह में कुल 9 सदस्य शामिल थे, जिनमें 3 महिलाएँ एवं 6 पुरुष थे। मिनक्यानी पास ट्रेक हिमाचल प्रदेश में सबसे कम खोजे गए कठिन चढ़ाई वाले ट्रेक में से एक है, जिसे चढ़ाई खड़ी (सीधी) होने के कारण कठिन माना जाता है। यह ट्रैक पास केरी झील से 7 कि.मी. की दूरी पर स्थित है और धौलाधार पर्वत श्रृंखला का हिस्सा है, जो अपनी साहसी लोगों को अपनी सुंदरता से आकर्षित करता है। मिनक्यानी दर्रे की ऊंचाई (चढ़ाई) समुद्र तल से लगभग 14000 फीट है। ट्रेकर्स द्वारा मापी गई कुल चढ़ाई 14,248 फीट रही है। 

ट्रेकर्स के ग्रुप लीडर रोमी बग्गा ने बताया कि उन्होंने इस ट्रैक को पार करने को एक मिशन के रूप में लिया। वह शहर में एक फिटनेस ट्रेनर हैं और अपना खुद का फिटनेस सेंटर वी.आर.वी. फिटनेस के नाम से चलाते हैं। रोमी बग्गा ने कुछ महीने पहले इसकी ट्रेनिंग शुरू की थी और जून 2023 में टीम ने एडवेंचर ट्रेक पार करने के लिए चढ़ाई शुरू की थी। उन्होंने बताया कि ट्रेक में कुल 9000 फीट की चढ़ाई की गई एवं कुल 38 किमी की दूरी तय की गई, जो लगभग 14,248 फीट मापी गई। इस अभियान को पूरा करने में लगभग 3 दिन एवं 2 रातें लगीं। टीम वी.आर.वी ने पिछले वर्षों में इंदरहर पास, रूपिन पास, एवरेस्ट बेस कैंप सहित कई ट्रेक फतह किए हैं। इस टीम में 3 महिलाएं नैना, आकृति तोहानी, जस्सी शामिल थीं, 9 पुरुष सदस्यों में रोमी बग्गा, रवि वड़ैच, हैप्पी, आशीष वासुदेव, आदित्य शर्मा, आकाश वासुदेव, जसविंदर पाहवा, सुनील भाटिया, हरीश अग्रवाल शामिल रहे। 

रोमी बग्गा ने कहा कि मिनक्यानी पास ट्रेक को महिलाओं के लिए जीतना असंभव माना जाता है, क्योंकि यहां रात का तापमान शून्य से माइनस 04 डिग्री तक नीचे चला जाता है। उन्हें गर्व है कि समूह की महिलाओं ने यह उपलब्धि भी हासिल की है। कुल 12 किमी की चढ़ाई के बाद टीम पहले चरण में केरी झील पर पहुंची। इस 12 किमी में कुल 3600 फीट की चढ़ाई की गई और पहले दिन की यात्रा पूरी करने में लगभग 6 घंटे लगे। दूसरा दिन यात्रा का सबसे कठिन था, जिसमें टीम को 7 किमी की दूरी में 5000 फीट की चढ़ाई करने में 12 घंटे लगे। टीम ने तकनीकी चढ़ाई उपकरणों की मदद से 1 किमी लंबे ग्लेशियर को भी पार किया गया। उन्होंने कहा कि मिनक्यानी दर्रे को फतह करने के लिए शारीरिक एवं मानसिक रूप से मजबूत होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस मिशन का उद्देश्य युवा पीढ़ी को फिटनेस के प्रति जागरूक करना, उन्हें प्रेरित करना और हमेशा अच्छे आगे बढ़ने का संदेश देना है!


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Content Writer

Subhash Kapoor

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