कुसुमजीत सिद्धू के वी.सी. बनने की राह में रुकावट बने UGC के निर्देश

punjabkesari.in Thursday, Mar 23, 2017 - 12:59 PM (IST)

पटियाला (राजेश) : सेवामुक्त आई.ए.एस. अधिकारी कुसुमजीत कौर सिद्धू को पंजाबी यूनिवॢसटी का वाइस चांसलर लगाने की राह में यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (यू.जी.सी.) द्वारा 2010 में जारी की गई हिदायतें रुकावट बन गई हैं। यू.जी.सी. द्वारा जारी की गई हिदायतों में स्पष्ट किया गया है कि वाइस चांसलर सिर्फ वही व्यक्ति लग सकता है, जिसके पास यूनिवर्सिटी में पढ़ाने का 10 वर्ष का तजुर्बा हो या फिर किसी प्रसिद्ध खोज या एकैडमिक प्रशासकीय संगठन में अच्छे पद पर 10 वर्ष का तजुर्बा हो। हाल ही में राजस्थान सरकार ने यह शर्तें पूरी न करते हुए जे.पी. सिंघल को राजस्थान यूनिवर्सिटी का वाइस चांसलर नियुक्त कर दिया था पर उनके पास पीएच.डी. डिग्री न होने के कारण व एकैडमिक अनुभव की कमी के कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था।

बेशक कैप्टन ने वर्ष 2002 में अपने कार्यकाल के दौरान पूर्व आई.ए.एस. अधिकारी एस.एस. बोपाराय को वाइस चांसलर नियुक्त कर दिया था पर इस बार हालात बहुत बदल गए हैं। अब यह देखने वाली बात होगी कि क्या कुसुमजीत सिद्धू वी.सी. बनेंगी या फिर कोई और बनेगा। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री कैप्टन किसी ब्यूरोक्रेट को ही यूनिवर्सिटी का वाइस चांसलर बनाना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ब्यूरोक्रेसी के पक्ष में हैं, जिस कारण सरकार ने यू.जी.सी. के निर्देशों को नजरअंदाज करके आदेश जारी कर दिया है। कैप्टन का पुराना इतिहास बताता है कि वह जो सोचते हैं, वह करके हटते हैं। वैसे पता लगा है कि पूर्व आई.ए.एस. कुसुमजीत कौर सिद्धू का भी मन अभी नहीं बना है कि वह वाइस चांसलर का पद संभालें। 
 


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