पाबंदी के बावजूद धड़ल्ले से बिक रही ‘ड्रैगन डोर’,अमृतसर में धमाका,1 व्यक्ति झुलसा

punjabkesari.in Friday, Jan 12, 2018 - 12:10 PM (IST)

अमृतसरः  प्रशासन द्वारा पाबंदी लगाए जाने के बावजूद ‘ड्रैगन डोर’ यानी चाइना डोर धड़ल्ले से बेची जा रही है। इस डोर के कारण हर साल दर्जनों हादसे होते हैं लेकिन इसके बावजूद इस डोर की बिक्री को सख्ती से बंद नहीं करवाया जा सका। कुछ पतंग विक्रेताओं द्वारा चंद पैसे कमाने के चक्कर में मासूम बच्चों की जान से खेला जा रहा है लेकिन सख्त कानून न होने के कारण इस मामले में कड़ी कार्रवाई नहीं हो पाती।  

 

दुकानों से दूर ठिकानों पर रखी जाती है चाइना डोर 
महानगर के विभिन्न हिस्सों में अब भी चाइना डोर बेचने की सूचनाएं मिल रही हैं। इसका परिणाम आए दिन इस डोर की चपेट में आकर मर रहे पक्षियों से भी मिल रहा है। किले के नजदीकी क्षेत्र, हाजीरतन व शहर के कई अन्य हिस्सों में चाइना डोर बेची जा रही है। उक्त दुकानदार इस डोर को अपनी दुकानों पर नहीं रखते बल्कि दुकानों के नजदीक किसी विशेष ठिकाने पर इसे स्टोर किया जाता है। जरूरत पडऩे पर ग्राहक को उसी ठिकाने से लाकर ये डोर दे दी जाती है। 


शहर में ड्रैगन डोर ने रामनगर कॉलोनी के एक घर में तांडव मचा दिया। 65 वर्षीय रामनाथ के छत के ऊपर हाथ से ड्रैगन डोर टच हुई और जोरदार धमाका हुआ। धमाके के कारण रामनाथ बुरी तरह झुलस गए। साथ ही घर के लैंटर पर दरारें पड़ गईं। घर के सभी ​बिजली उपकरण जलकर खराब हो गए। धमाका इतना जबरदस्त था कि रामनगर कॉलोनी थर्रा उठी।
 

 

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सिविल अस्पताल में लैबोरेट्री टेक्निशियन के रूप में सेवानिवृत्त रामनाथ सिंह अपने घर की छत पर पौधों को पानी लगा रहे थे। नंगे पांव जैसे ही वह छत पर पहुंचे तो वहां पड़ी ड्रैगन डोर 11000 किलोवॉट की तारों से टच कर गई। रामनाथ जब डोर को साइड पर करने लगे तो उस समय जबरदस्त धमाका हुआ। रामनाथ उछलकर छत के दूसरे छोर पर जा गिरे। उनका सारा शरीर झुलस गया। इसी दौरान लैंटर में दरारें पड़ गईं। घर के नीचे बैठे पारिवारिक सदस्यों ने धमाके की आवाज सुनी तो छत पर पहुंचे। यहां रामनाथ बुरी तरह से तड़प रहे थे। उन्हें तत्काल निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया। इस मौके रामनाथ ने घटना जानकारी देते हुए बताया, कि प्रशासन को इन ड्रैगन डोर बारे सोचना चाहिए और उस पर पाबंदी लगानी चाहिए। 


डॉक्टरों के अनुसार रामनाथ के पेट व टांगें झुलसी हैं। उनकी सर्जरी की जा रही है और उसकी सर्जरी को दस घंटे लगेंगे।  उन्होंने प्रशासन से अपील की कि ड्रैगन डोर पर पुरे साल के लिए कार्रवाई होनी चाहिए।  

सिविल अस्पताल में लैबोरेट्री टेक्निशियन के रूप में सेवानिवृत्त रामनाथ सिंह अपने घर की छत पर पौधों को पानी लगा रहे थे। नंगे पांव जैसे ही वह छत पर पहुंचे तो वहां पड़ी ड्रैगन डोर 11000 किलोवॉट की तारों से टच कर गई। रामनाथ जब डोर को साइड पर करने लगे तो उस समय जबरदस्त धमाका हुआ। रामनाथ उछलकर छत के दूसरे छोर पर जा गिरे। उनका सारा शरीर झुलस गया। इसी दौरान लैंटर में दरारें पड़ गईं। घर के नीचे बैठे पारिवारिक सदस्यों ने धमाके की आवाज सुनी तो छत पर पहुंचे। यहां रामनाथ बुरी तरह से तड़प रहे थे। उन्हें तत्काल निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया। इस मौके रामनाथ ने घटना जानकारी देते हुए बताया, कि प्रशासन को इन ड्रैगन डोर बारे सोचना चाहिए और उस पर पाबंदी लगानी चाहिए। 


डॉक्टरों के अनुसार रामनाथ के पेट व टांगें झुलसी हैं। उनकी सर्जरी की जा रही है और उसकी सर्जरी को दस घंटे लगेंगे।  उन्होंने प्रशासन से अपील की कि ड्रैगन डोर पर पुरे साल के लिए कार्रवाई होनी चाहिए।  

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