सट्टा बाजार के आंकड़े फेल, करोड़ों की रकम डूबी

punjabkesari.in Monday, Mar 13, 2017 - 11:29 AM (IST)

कपूरथला(भूषण): पंजाब विधानसभा चुनावों को लेकर सट्टा बाजार द्वारा जारी किए गए आंकड़े काफी हद तक फेल साबित होने से जहां हजारों लोगों द्वारा सट्टे में लगाई गई करोड़ों रुपए की रकम डूब गई है, वहीं चुनावी गणित बिगडऩे के कारण हुए नुक्सान से कई खाते-पीते परिवार कर्जदार हो गए हैं। गौरतलब है कि प्रदेश विधानसभा चुनावों को लेकर सट्टा बाजार ने पंजाब में इस बार आम आदमी पार्टी की सरकार आने का कयास लगाते हुए अकाली-भाजपा गठबंधन को 4 से 5 सीटों के बीच रखा था।

आम आदमी पार्टी की हार ने डुबोया सट्टा बाजार

इसे लेकर ज्यादातर लोगों ने आम आदमी पार्टी तथा अकाली-भाजपा गठबंधन पर सट्टा लगाया था तथा प्रदेश में किसी भी सट्टा कारोबारी ने कांग्रेस की सरकार आने की संभावना व्यक्त नहीं की थी लेकिन 11 मार्च को आए चुनावी नतीजों ने जहां कांग्रेस को बम्पर सफलता प्रदान कर सट्टा बाजार की हवा निकाल दी, वहीं अकाली-भाजपा की सीटें 18 तक पहुंचने से बड़ी संख्या में सट्टा लगाने वाले शौकीनों की जिंदगी भर कमाई गई रकम का बड़ा हिस्सा सट्टा बाजार में चला गया। वहीं आम आदमी पार्टी को इन चुनावों में 55 से 65 सीट देने वाले सट्टा बाजार का दावा उस समय मिट्टी में मिल गया जब आम आदमी पार्टी महज 22 सीटों पर ही सिमट गई। बताया जाता है कि इस बार प्रदेश भर में 80 प्रतिशत लोगों ने आम आदमी पार्टी की सरकार बनने को लेकर सट्टा लगाया था, जबकि अकाली-भाजपा गठबंधन के 5 सीटें से भी नीचे पहुंचने का आकलन किया गया था लेकिन मतगणना के बाद आए समीकरणों ने सट्टा बाजार की हवा निकाल दी है। 

उत्तर प्रदेश के चुनावों ने भी डाला प्रभाव  

उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों को लेकर देशभर के सट्टा बाजार ने भाजपा के मुकाबले सपा व कांग्रेस गठबंधन को कम भाव देते हुए अखिलेश यादव के फिर से मुख्यमंत्री बनने की संभावना जताई थी जिसने पंजाब में भी भारी असर दिखाया। इस बीच कई गुना कमाई करने के चक्कर में प्रदेश के विभिन्न जिलों से संबंधित सैंकड़ों सट्टे के शौकीनों ने सपा-कांग्रेस गठबंधन पर करोड़ों रुपए लगा डाले लेकिन चुनावी नतीजों ने उनकी सभी उम्मीदों को ध्वस्त कर दिया। सट्टेबाजी की मार में आए ज्यादातर खाते-पीते परिवारों की आर्थिक हालत अब इस कद्र खस्ता हो गई है कि पहले ही मंदी से जूझ रहे लोगों का इससे उबर पाना मुश्किल होगा।
 


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