''फरीदकोट के राज महल की शान को लगा धब्बा''

punjabkesari.in Tuesday, Jul 18, 2017 - 11:38 AM (IST)

फरीदकोट (हाली): दुनिया की विलक्षण इमारतों में शुमार फरीदकोट रियासत के आखिरी महाराजा हरिन्द्र सिंह के राज महल के सामने नगर कौंसिल ने शौचालय बनाकर इसकी सुंदरता पर दाग लगा दिया है। 1912 में महाराजा बलवीर सिंह की तरफ से 10 एकड़ में बनाए गए इस राज महल में खूबसूरत वृक्षों के साथ-साथ दुर्लभ प्रजातियों के पक्षियों और जानवरों की रिहायश भी है। फरीदकोट रियासत की दुर्लभ वस्तुएं यहां मौजूद हैं। इस महल की देखरेख आजकल रियासत का महारावल खेवा जी ट्रस्ट कर रहा है। इस इमारत के बाहर 600 मीटर लम्बी सड़क को माल रोड और ठंडी सड़क के तौर पर जाना जाता है।

1960 तक इस राज महल के आसपास घरों का दरवाजा, खिड़की या रोशनदान राज महल की तरफ खुले रखने की आज्ञा नहीं थी। 1989 में रियासत के आखिरी महाराजा हरिन्द्र सिंह की मौत के बाद इस सड़क की सुंदरता को ग्रहण लगना शुरू हो गया था। सड़क की सांभ-संभाल न होने के कारण इस सड़क पर राज महल की दीवार के साथ-साथ सैंकड़ों अनधिकृत सब्जियों और फलों की रेहडिय़ां लग रही हैं। इस सड़क की संभाल के लिए महारावल खेवा जी ट्रस्ट की तरफ से नगर कौंसिल को आर्थिक मदद भी दी जाती थी परन्तु संभाल न होने के कारण ट्रस्ट ने अब यह मदद देनी बंद कर दी है।

इस राज महल में रियासत की आखिरी वारिस महारानी दीपइन्द्र कौर कभी-कभार चक्कर मारती हैं जो महाराजा वर्धमान के खानदान की बहू हैं। महारावल खेवा जी ट्रस्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ललित मोहन गुप्ता ने कहा कि राज महल के मुख्य दरवाजे के सामने बने शौचालय और अनधिकृत रेहडिय़ां लगने के बारे में नगर कौंसिल को जानकारी दी गई थी परन्तु कोई सुनवाई नहीं हुई।

क्या कहते हैं अधिकारी
नगर कौंसिल की प्रधान उमा ग्रोवर ने कहा कि राज महल के दरवाजे के साथ बने शौचालय भारत सरकार की तरफ से भेजे फंडों की मदद से बनाए गए हैं। ये शौचालय शहर निवासियों और राहगीरों की सुविधा के लिए बनाए गए हैं।
 


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