देश का भविष्य खतरे में, चंद पैसों के लालच में गैर-कानूनी तरीके से करवाई जा रही बाल मजदूरी

punjabkesari.in Monday, Nov 18, 2019 - 02:50 PM (IST)

पठानकोट(मनिन्द्र, शारदा): हमारे देश में बाल मजदूरी एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है, जिसके बारे में हर वर्ग का जागरूक होना अति आवश्यक है। किसी भी क्षेत्र में बच्चों द्वारा अपने बचपन में दी गई सेवा को बाल मजदूरी कहते हैं।

हम बात करने जा रहे पठानकोट से जुगियाल रोड पर स्थित पैलेसों की जिसमें, आए दिन विवाह-शादियों के कार्यक्रम आयोजित होते हैं तथा उनमें नाबालिग बच्चों से बाल मजदूरी करवाई जाती है, जिसके कारण बच्चों का स्वर्णिम भविष्य खराब हो रहा है तथा पैसों के लालच में डालकर बच्चों को दिहाड़ी पर लाया जाता है, और उनसे बाल मजबूरी करवाई जाती है, जिसे रोकना समय की प्रबल मांग है, यदि इसे समय रहते न रोका गया तो आगामी समय में इसके गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं। बाल मजदूरी को गैर-जिम्मेदार माता-पिता की वजह से, या कम लागत में निवेश पर अपने फायदे को बढ़ाने के लिए मालिकों द्वारा जबरदस्ती बनाए गए दबाव की वजह से जीवन जीने के लिए जरूरी संसाधनों की कमी के चलते यह बच्चों द्वारा स्वत: किया जाता है, इसका कारण मायने नहीं रखता क्योंकि सभी कारकों की वजह से बच्चे बिना बचपन के अपना जीवन जीने को मजबूर होते हैं।

सामाजिक, बौद्धिक, शारीरिक, और मानसिक सभी दृष्टीकोण से बाल मजदूरी बच्चों की वृद्धि और विकास में अवरोध का काम करता है। बाल मजदूरी की वजह से बच्चे बचपन के प्यारे लम्हों से दूर हो जाते हैं, जो हर एक के जीवन का सबसे यादगार और खुशनुमा पल होता है। ये किसी बच्चे के नियमित स्कूल जाने की क्षमता को बाधित करता है, जो इन्हें सामाजिक रूप से देश का खतरनाक और नुक्सानदायिक नागरिक बनाता है। बाल मजदूरी को पूरी तरह से रोकने के लिए ढ़ेरों नियम-कानून बनाने के बावजूद भी यह गैर-कानूनी कृत्य दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है।


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