पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर के मन में था शहीद परिवारों के लिए अथाह सम्मान

punjabkesari.in Tuesday, Mar 19, 2019 - 04:14 PM (IST)

पठानकोट(शारदा,आदित्य): देश के पूर्व रक्षा मंत्री और गोवा के 4 बार मुख्यमंत्री रहे श्री मनोहर पार्रिकर के देहांत पर दुख प्रकट करते हुए शहीद परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव रविन्द्र विक्की ने कहा कि एक वर्ष से  पार्रिकर कैंसर से जिंदगी की लड़ाई लड़ रहे थे, उस समय भी वह अपने कामों में पूरी तरह से जुटे रहे और अंतिम सांस तक उन्होंने देश में योगदान डालने में अपना प्रयास किया। 

 उन्होंने कहा कि 3 वर्ष पहले उन्हें इस महान नेता से भेंट करने का अवसर मिला था जब वह रक्षामंत्री के तौर पर 5 जनवरी 2016 को पठानकोट एयरबेस पर फिदायीन हमले में शहीद हुए कैप्टन फतेह सिंह के परिजनों को संवेदना व्यक्ति करने हेतु गांव झंडा भुजरा पहुंचे थे। वह शहीद परिवारों से पूरी आत्मिकता से मिले और अपना नंबर देते हुए कहा कि इन परिवारों को कभी भी किसी भी प्रकार की समस्या हो तो वे सीधे उनसे बात कर सकते हैं। 

रविन्द्र विक्की ने बताया कि उस समय उन्होंने उनसे निवेदन किया था कि शहीद का बेटा गुरदीप राणा इस समय सिक्किम में तैनात है, तो इस दुख की घड़ी में वह परिवार को कैसे संभाल पाएगा तो तब उन्होंने सेना प्रमुख को आदेश दिया कि शहीद कैप्टन फतेह सिंह के बेटे को तिबड़ी कैंट में अटैच कर दिया जाए। अगले ही दिन उसकी पोसिं्टग आर्डर पहुंच गए और अढाई वर्ष वहां पर रहने के बाद वह ट्रेङ्क्षनग के लिए गया। 

पार्रिकर की सादगी आने वाली पीढिय़ों के लिए है मिसाल
रविन्द्र विक्की ने कहा कि वह बाद में भी शहीद के परिवार का हाल जानते रहे जो इस बात का द्योतक है कि उनके मन में शहीदों के परिवारों के लिए कितना सम्मान था। उन्होंने बताया कि उनकी सादगी, काम करने की लगन और बीमारी के समय भी काम में जुटे रहना आने वाली पीढिय़ों के लिए एक मिसाल है, ऐसे नेता की भरपाई आसानी से नहीं होती। 


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swetha

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