गजब: होशियारपुर में इस पेड़ पर लगते है साल में 3 बार रसीले आम

punjabkesari.in Thursday, Oct 29, 2020 - 04:23 PM (IST)

होशियारपुर(अमरेन्द्र मिश्रा): फलों के राजा कहे जाने वाले आम का नाता हमारी सभ्यता से शुरू से ही रहा है। देश के प्राय: सभी भागों में आमतौर पर जून से अगस्त तक के मौसम में हमें आम खाने को मिलते हैं। अगर आम के मौसम के बाद भी हम आम खाना चाहते हैं, तो हमें कर्नाटक व तामिलनाडु से आए आम या कोल्ड स्टोरेज से लेना पड़ता है, लेकिन हैरानीवाली बात है कि होशियारपुर में एन.आर.आई.केवल सिंह के आंगन में लगी बगिया में एक ऐसे आम का पेड़ है जिस पर हर साल एक बार नहीं, दो बार नहीं बल्कि तीन-तीन बार बड़े बड़े व रशीले मीठे-मीठे आम लगते हैं। साल में 12 महीने पेड़ पर लगे इस बेमौसमी ऑलटाइम सदाबहार आम फल के दीवानों का बरबस ही इस समय ना सिर्फ ध्यान खींच रहा बल्कि लोगों में आकर्षण के केन्द्र भी बना हुआ है।

तीनों ही सीजन में आम लगने से नाम पड़ा है सदाबहार व बारहमासी
भारत में इस समय 1500 से अधिक आम की किस्में पाई जाती हैं। सभी किस्म अपने आप में अच्छा खासा महत्व रखती है। होशियारपुर के फतेहगढ़ साहिब चुंगी के साथ सटे माऊंट व्यू कालोनी में एन.आर.आई.केवल सिंह की बगिया में  ऐसी ही एक किस्म की आम लगी है जिसपर साल के तीनों सीजन में आम लगता है। यानी पूरे साल भर ये प्रजाति फल देती है, इसीलिए इसका नाम रखा गया है हिंदी में सदाबहार व बारहमासी नाम पड़ गया है।

आम के सरताज अलफांसो से मिलती है स्वाद
माऊंट व्यू कालोनी में एन.आर.आई.केवल सिंह ने पंजाब केसरी को बताया कि करीब 4 साल पहले उसने आम के नर्सरी से यह पौधा लिया था। पहले ही साल गर्मी में फल लगने के बाद जब दोबारा सितम्बर महीने में व बाद में फरवरी महीने में भी आम लगा तो आश्चर्य लगा। उन्होंने बताया कि इस सदाबहार आम की कुछ खूबी आम के सरताज माने जाते अल्फांसो आम की तरह हैं। अल्फांसो भारत का सब से खास किस्म का आम है। इसे आम का सरताज कहा जाता है। बस इसी सरताज से मिलती जुलती चीजों जैसा सदाबहार आम है।एन.आर.आई.केवल सिंह ने बताया कि आम की ये प्रजाति अपने आप में अलग तरीके की है। हर सीजन में इस आम के पेड़ पर औसतन 25 से 40 किलोग्राम तक आम लगता है। साल के हर दिन पेड़ पर फूल से लेकर छोटे- बड़े आम लगा ही रहता है।


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