सरकारी खजाना खाली, मगर मालामाल होंगे कैप्टन के राजनीतिक सचिव

punjabkesari.in Wednesday, Sep 19, 2018 - 12:30 PM (IST)

जालंधर(रविंदर): सरकार का खजाना खाली है। विकास का हर काम रुका हुआ है। नई कोई योजना नहीं बन रही है। जनता से किया एक भी वायदा कैप्टन सरकार पूरा नहीं कर पाई , मगर बावजूद इसके सरकार मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिवों के लिए खजाना खोलने जा रही है। अगर सब कुछ सही रहा तो कैप्टन के राजनीतिक सचिव जल्द ही मालामाल हो जाएंगे, फिर चाहे प्रदेश की जनता को विकास के लिए अभी और इंतजार करना पड़े। 
 
पिछली अकाली-भाजपा सरकार पर खजाना खाली करने का दोष मढ़ा जा रहा है। सरकारी मुलाजिमों को तनख्वाह भी मुश्किल से मिल रही है, मगर पिछले डेढ़ साल में कांग्रेस सरकार भी ऐसी कोई पॉलिसी या योजना नहीं ला पाई है, जिससे खजाना भरा जा सके। हर योजना ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है और विकास के नाम पर प्रदेश को ग्रहण लगाया जा रहा है लेकिन मुख्यमंत्री अपने खासमखासों को खुश करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। पहले तो कैप्टन ने अपने कुनबे में अच्छी खासी ओ.एस.डीज व राजनीतिक सलाहकारों की फौज खड़ी कर  रखी है। हर महीने इन पर लाखों रुपए का खर्च आ रहा है, मगर सरकार यह बताने में नाकाम है कि इन ओ.एस.डी. व राजनीतिक सलाहकारों का प्रदेश की जनता और सरकार को क्या फायदा हो रहा है।

खजाना विभाग ने इजाजत देने से किया इंकार
राजनीतिक सचिवों को हर महीने मकान भत्ता देने व बकाया राशि करने के फैसले पर खजाना विभाग सहमत होता नजर नहीं आ रहा है। बकाया राशि 4.50 लाख प्रत्येक राजनीतिक सचिव को जारी करने से जहां खजाने पर 18 लाख रुपए का बोझ पड़ेगा, वहीं हर महीने 25 हजार मकान भत्ता देने से 1 लाख का हर महीने अतिरिक्त बोझ भी खजाने पर पड़ेगा। इसलिए खजाना विभाग ने इसे इजाजत देेने से इंकार कर दिया है। सरकार अब इसे सीधे कैबिनेट में पास करवा कर आदेश जारी करने के मूड में है। 

हर राजनीतिक सचिव को मिलेगा  4.50 लाख बकाया
अब सरकार कैप्टन के राजनीतिक सचिवों को सरकार की ओर से हर महीने 25 हजार रुपए मकान भत्ता दिया जाएगा। यह फैसला तैनाती आदेश जारी होने के समय से लागू होगा, जिससे हर राजनीतिक सचिव को पिछले डेढ़ साल का लगभग 4.50 लाख रुपए बकाया भी जारी किया जाएगा।  इस संबंधी फाइल पास करने के लिए मुख्यमंत्री आफिस भेज दी गई है और आने वाली कैबिनेट मीटिंग में इस पर मुहर भी लगने की संभावना है। गौर हो कि कैबिनेट की लंबी-चौड़ी ओ.एस.डीज की फौज में 4 ऐसे राजनीतिक सचिव भी शामिल हैं, जो कैप्टन की सियासत का काम देखते हैं। इनमें कैप्टन संदीप संधू मुख्यमंत्री के आफिस का काम संभालते हैं, जबकि करणपाल सिंह सेखों व मेजर अमरदीप सिंह मुख्यमंत्री के साथ रहते हुए उनका सारा काम देखते हैं। इसके अलावा विमल सुंबली सैक्रेटिएट में बैठकर मीडिया सचिव का काम देखते हैं। इन चारों राजनीतिक सचिवों को अभी तक चंडीगढ़ मेंं कोई सरकारी मकान या मकान भत्ता नहीं दिया जा रहा था। पिछले दिनों मुख्यमंत्री के 5 ओ.एस.डी. को मकान भत्ता देने के आदेश के बाद राजनीतिक सचिवों को भी मकान भत्ता देने की बात उठने लगी थी, जिसके बाद सैक्रेटिएट प्रशासन ने इस संबंधी फाइल तैयार कर मुख्यमंत्री आफिस भेजी है। 

 


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