Big News : Land Pooling Policy को लेकर पंजाब सरकार का बड़ा फैसला
punjabkesari.in Monday, Aug 11, 2025 - 06:59 PM (IST)

पंजाब डैस्क : पंजाब में मान सरकार का बड़ा फैसला सामने आया है। बताया जा रहा है कि पंजाब सरकार ने दिनांक 14.05.2025 को जारी लैंड पूलिंग नीति तथा इसके बाद के सभी संशोधनों को वापस ले लिया है। पंजाब सरकार ने इस संबंधी एक पत्र जारी कर बताया है कि दिनांक 14.05.2025 को जारी भूमि पूलिंग नीति तथा इसके बाद के सभी संशोधनों को वापस लिया जाता है। इसके परिणामस्वरूप, जारी किए गए सभी LOI, की गई पंजीकरण क्रियाएं या इसके अंतर्गत किए गए अन्य सभी कार्य भविष्य में रद्द कर दिए जाएंगे। इस तरह से अब इसमें 3 महीने में हुए सारे कामकाज भी रद्द कर दिए जाएंगे।
बता दें कि इस स्कीम के आने के बाद से पंजाब सरकार लगातार विरोधियों के निशाने पर थी। हाल ही में हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से पूछा था कि आपका फैसला क्या है, जिस पर पंजाब सरकार के वकीलों ने कहा था कि हम सरकार से बातचीत करके अगली जानकारी देंगे। इसके बाद हाईकोर्ट ने इस पर चार हफ्ते के लिए स्टे लगा दिया था। लेकिन आज पंजाब सरकार के हाउसिंग और अर्बन डेवलपमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने इस संबंध में लेटर जारी कर बताया है कि 14 मई 2025 को लाई गई पंजाब लैंड पॉलिसी और इससे जुड़े अमेंडमेंट वापिस लिए जाते हैं। अतः इस तरह से इस पालिसी के तहत लेटर आफ इंटेंट (LOI), रजिस्ट्रेशन और अन्य कार्य वापस लिए जाएंगे।
गौरतलब है कि लैंड पूलिंग पालिसी जोकि 2011 में अकाली सरकार के समय लागू हुई थी। इस पालिसी के तहत राज्य में जमीन को अधिग्रहित करे इंडस्ट्रियल, कमर्शियल व रिहायशी सैक्टर विकसित किए जाने थे। लेकिन पंजाब के किसान लगातार इस पालिसी के विरोध में थे, किसानों का कहना था कि पंजाब सरकार इस पालिसी के तहत उनकी जमीन पर कब्जा करना चाहती है, जिसके चलते पंजाब सरकार को उक्त पालिसी को वापस लेना पड़ा है।
आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार हमेशा से किसानों की सरकार रही है, जिसने शुरुआत से ही किसानों के हितों को अपनी प्राथमिकता बनाया है। चाहे किसानों की कर्जमाफी हो, फसलों के लिए बेहतर दाम की लड़ाई हो, सिंचाई सुविधाओं का विस्तार हो या बिजली के बिलों में राहत हर कदम पर किसानों का भला सोचा गया है। इसी सोच के तहत लैंड पूलिंग पॉलिसी 2025 भी बनाई गई थी, जिसका उद्देश्य किसानों को विकास में सीधा सांझेदार बनाना, उनकी जमीन के मूल्य को कई गुना बढ़ाना और उन्हें आधुनिक सुविधाओं से जोड़ना था। लेकिन पंजाब सरकार का मानना है कि विकास तभी सार्थक है, जब उसमें किसान खुश और संतुष्ट हों। अगर किसी नीति को लेकर किसानों में असहमति है, तो उसे जबरन लागू करना जनहित और लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ है। इसी कारण मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में सरकार ने किसानों की राय को सर्वोपरि मानते हुए लैंड पूलिंग पॉलिसी को वापस लेने का बड़ा और ऐतिहासिक फैसला किया।
यह कदम यह साबित करता है कि पंजाब सरकार के लिए किसान सिर्फ वोट देने वाले नहीं, बल्कि अपने परिवार का हिस्सा हैं। जब परिवार का कोई सदस्य असंतुष्ट हो, तो उसकी बात सुनकर फैसला बदलना ही सच्ची सेवा और संवेदनशील नेतृत्व की पहचान है। सरकार ने दिखा दिया कि वह जिद की राजनीति नहीं, बल्कि विश्वास और सांझेदारी की राजनीति करती है। इस फैसले के पीछे एक स्पष्ट संदेश है, पंजाब का हर किसान निश्चिंत रहे, उसकी जमीन, उसका हक और उसकी मेहनत की कमाई पूरी तरह सुरक्षित है। सरकार किसी भी योजना को किसानों की सहमति और भागीदारी के बिना लागू नहीं करेगी। यह केवल एक पॉलिसी वापसी नहीं, बल्कि किसानों के साथ विश्वास, सम्मान और सांझेदारी के रिश्ते को और मजबूत करने का संकल्प है।
पंजाब का हर किसान यह भरोसा रखे कि उसकी जमीन, उसका हक और उसकी मेहनत की कमाई पूरी तरह सुरक्षित है। यह केवल एक पॉलिसी वापसी नहीं, बल्कि किसानों के साथ सम्मान और विश्वास के रिश्ते को और मजबूत करने का संकल्प है। मान सरकार ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि पंजाबियत की असली पहचान मिट्टी, मेहनत और मान को बचाने के लिए वह हमेशा किसानों के साथ खड़ी है। किसानों की खुशहाली ही पंजाब की खुशहाली है और यही मान सरकार का सबसे बड़ा लक्ष्य है।