शहर पैरिस या सिंगापुर तो बना नहीं, फोकल प्वाइंट को स्विट्जरलैंड बनाने की घोषणा कर गए चेयरमैन गोगी

punjabkesari.in Wednesday, Mar 11, 2020 - 10:52 AM (IST)

जालंधर(खुराना): पूर्व में सरकारों में रहे कांग्रेस नेताओं ने जालंधर शहर को पैरिस अथवा सिंगापुर जैसा बनाने के वायदे किए थे, जो एक प्रतिशत भी पूरा नहीं हो सके, परंतु आज पी.एस.आई.ई.सी. के चेयरमैन व कांग्रेस नेता गुरप्रीत सिंह गोगी ने जालंधर के फोकल प्वाइंट को स्विट्जरलैंड बनाने का वायदा शहर के उद्योगपतियों से कर दिया। वह यहीं पर नहीं रुके, बल्कि उन्होंने यह भी कह दिया कि यह वायदा वह इस दीवाली से पहले ही पूरा करके दिखाएंगे। जब श्री गोगी यह वायदा कर रहे थे तो उनके साथ मंच पर शहर के प्रथम नागरिक व मेयर जगदीश राजा, विधायक राजिंद्र बेरी, विधायक सुशील रिंकू व विभिन्न औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे। 

पी.एस.आई.ई.सी. के चेयरमैन गोगी के जालंधर आगमन के उपलक्ष्य में स्थानीय स्पोर्ट्स एंड सर्जिकल कॉम्पलैक्स एसोसिएशन, फोकल प्वाइंट एसो. ज्वाइंट एक्शन कमेटी तथा लैदर कॉम्पलैक्स एसो. की ओर से एक स्थानीय होटल में इंडस्ट्री की बैठक का आयोजन किया गया था, जहां ये सभी महानुभाव इकट्ठे हुए। इस बैठक दौरान जहां औद्योगिक प्रतिनिधियों ने चेयरमैन के सामने समस्याओं की झड़ी लगा दी, वहीं चेयरमैन गोगी ने भी इंडस्ट्री को खुश करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। कार्यक्रम में मंच संचालन प्रधान मनीष अरोड़ा ने किया और उन्होंने सभी प्रतिनिधियों का स्वागत भी किया। 

अब इंडस्ट्री हेतु कुछ करना ही होगा : विधायक रिंकू 
बैठक दौरान विधायक रिंकू ने भी इंडस्ट्री के रोष को भांपते हुए अपनी सरकार को लपेटने में कोई कसर नहीं छोड़ी और कहा कि सरकार के एजैंडे में इंडस्ट्री पीछे ही रहती है। आज हम सरकार में हैं तो हमें इंडस्ट्री की बात करनी होगी। 2017 में इसी इंडस्ट्री ने कांग्रेस को बड़ा समर्थन देकर सरकार बनवाई थी, परंतु आज हम इंडस्ट्री के लिए जो चाहते हैं वह कर नहीं पा रहे। उन्होंने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि सर्जिकल कॉम्पलैक्स में फायर स्टेशन हेतु सारी ग्रांट मुख्यमंत्री से लाकर दी जाएगी। 

लैदर कॉम्पलैक्स की सड़कें 9.92 करोड़ से नई बनेंगी : चेयरमैन गोगी 
बैठक को सम्बोधित करते हुए पी.एस.आई.ई.सी. के चेयरमैन गुरप्रीत सिंह गोगी ने कहा कि उनका विभाग लैदर कॉम्पलैक्स में 9.92 करोड़ की लागत से कंक्रीट की नई सड़कें बनवाने जा रहा है। इसके अलावा फोकल प्वाइंट में 9.57 करोड़ रुपए का काम चल रहा है जिसके तहत सड़क निर्माण और वाटर सप्लाई में सुधार होगा। यह प्रोजैक्ट दीवाली तक पूरा हो जाएगा, जिसके तहत फोकल प्वाइंट को स्विट्जरलैंड जैसा बना दिया जाएगा। 18 करोड़ रुपए की लागत से वहां एस.टी.पी. बनेगा, इसलिए उन्होंने निगम से आग्रह किया कि वह एक साल के लिए इंडस्ट्री को सीवर की राहत दे। उन्होंने सर्जिकल कॉम्पलैक्स एसो. को टैंकी वाले कमरों में डिस्पैंसरी शुरू करने को कहा। 

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चेयरमैन गोगी ने कहा कि पी.एस.आई.ई.सी. ने अपने कॉम्पलैक्सों हेतु सीवर क्लीनिंग मशीन खरीद ली है जिसकी आर.सी. बन रही है। 31 मार्च से पहले यह काम करना शुरू कर देगी। उन्होंने अधिकारियों को फोकल प्वाइंट की टैंकी तोड़ने तथा बाकियों की रिपोर्ट बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री के एन्हांसमैंट, नॉन-कंस्ट्रक्शन व अन्य केसों के लिए वन टाइम सैटलमैंट स्कीम जल्द लाई जा रही है। बैठक दौरान उद्योगपति अजय महाजन, एच.आर. ग्रुप से सुरेश शर्मा, राकेश बहल, राज कुमार शर्मा, ए.एस. राजपाल, जसविंद्र सिंह, पी.एस.आई.ई.सी. के डायरैक्टर रमेश ग्रेवाल, उद्योगपति नवीन चोपड़ा, सुभाष धीर इत्यादि विशेष रूप से उपस्थित थे। 

इंडस्ट्री कभी सरकार की प्राथमिकता नहीं रही : गुरशरण सिंह 
ज्वाइंट एक्शन कमेटी के कन्वीनर गुरशरण सिंह ने अपनी शैली के अनुरूप शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि किसी भी सरकार के लिए इंडस्ट्री कभी प्राथमिकता नहीं रही। हाल ही में कांग्रेस सरकार ने किसानों को दी जाने वाली फ्री बिजली की ग्रांट 6200 करोड़ से बढ़ाकर 8000 करोड़ कर दी, जबकि इंडस्ट्री को उसके अपने पैसे ही सरकार नहीं दे रही। पंजाब सरकार में उद्योग जगत की कोई सुनवाई नहीं होती है। वहां बैठकें होती हैं, परंतु रिजल्ट कोई नहीं निकलता। उन्होंने चेयरमैन से कहा कि 3 साल निकल गए व 2 रह गए हैं। अपने सी.एम. तक इंडस्ट्री का रोष पहुंचा दो। अगर इंडस्ट्री ने चाबी घुमा दी तो सरकार के लिए विकट स्थिति बन जाएगी। वैट जी.एस.टी. के करोड़ों रुपए सरकार के पास फंसे हुए हैं। पंजाब लगातार पीछे जा रहा है। ई.टी.पी. लगाने हेतु उनकी एसो. वर्षों से प्रयास कर रही है, परंतु उसमें अडंगा डाला जा रहा है। अब हाईकोर्ट में इस बाबत याचिका दायर है, परंतु पी.एस.आई.ई.सी. के अधिकारियों के पास अदालत को चार लाइनों का जवाब लिखने का टाइम नहीं है। 

उन्होंने प्लांट ट्रांसफर में आ रही दिक्कतों के अलावा फोकल प्वाइंट के सीवर को निगम द्वारा काटे जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि फोकल प्वाइंट में खाली पड़ी जगहों पर रिहायश या लेबर के रहने हेतु निर्माण की अनुमति मिलनी चाहिए। इंडस्ट्री के छोटे-छोटे काम स्थानीय स्तर पर किए जाने चाहिएं। फोकल प्वाइंट में खस्ताहाल टैंकी को तुरंत तोड़ा जाना चाहिए तथा फोकल प्वाइंट व अन्य कॉम्पलैक्स नगर निगम को ट्रांसफर होने चाहिएं। 

मनीष अरोड़ा ने डिस्पैंसरी हेतु जगह मांगी 
स्पोर्ट्स एंड सर्जिकल एसो. के प्रधान मनीष अरोड़ा ने जहां फायर स्टेशन हेतु जगह देने के लिए चेयरमैन गोगी का आभार व्यक्त किया, वहीं मांग की कि कॉम्पलैक्स में एसो. को डिस्पैंसरी हेतु जगह उपलब्ध करवाई जाए। इसके लिए उन्होंने टैंकी के नीचे बने पुराने कमरों का सुझाव दिया और कहा कि एसो. खुद डिस्पैंसरी चलाने का इंतजाम कर लेगी। उन्होंने सीवरेज व्यवस्था हेतु मशीन की खरीद का सुझाव दिया और फ्री होल्ड प्लॉट पर भी प्रति वर्ग गज ट्रांसफर फीस को लेकर विरोध जताया। उन्होंने प्लॉट के सभी पार्टनरों को चंडीगढ़ बुलाए जाने की बजाय जालंधर में ही यह औपचारिकता निभाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि अभी तक हम सड़कों, कूड़े तथा सीवरेज व पानी की समस्या से ही बाहर नहीं निकल पाए हैं, इसलिए यह व्यवस्था निजी हाथों में सौंप दी जाए। 

टैक्स सभी ले रहे, मैंटीनैंस कोई नहीं कर रहा : प्रवीण नन्नी 
लैदर कॉम्पलैक्स एसो. के प्रधान प्रवीण अरोड़ा नन्नी ने अपने सम्बोधन में प्लॉट ट्रांसफर में आ रही दिक्कतों का जिक्र किया और कहा कि उद्योगपति पी.एस.आई.ई.सी. तथा नगर निगम को मैंटीनैंस चार्ज व प्रॉपर्टी टैक्स अदा कर रहे हैं, परंतु कोई भी विभाग लैदर कॉम्पलैक्स को मैन्टेन नहीं कर रहा। लैंड इन्हासमैंट के पैसे कहां जा रहे हैं? उन्होंने कहा कि सॉलिड वेस्ट के बारे में कोई कुछ नहीं कर रहा, जिसके कारण लैदर कॉम्पलैक्स की इंडस्ट्री को हर महीने 15 लाख रुपए खर्च कर अपना सॉलिड वेस्ट निंबुआ भेजना पड़ रहा है, जिस पर 12-13 लाख रुपए ट्रांसपोर्ट का ही खर्च आ जाता है। एक ओर सरकार लैदर कॉम्पलैक्स में नए यूनिट लगाने की अनुमति नहीं दे रही है, वहीं दूसरी ओर इंडस्ट्री न लगाने वालों के प्लॉट कैंसिल किए जा रहे हैं जो सरासर विरोधी बाते हैं। उन्होंने लैदर कॉम्पलैक्स की सड़कों के सुधार के लिए पास हुए 9.92 लाख रुपए के प्रोजैक्ट के लिए चेयरमैन गोगी व अन्य का आभार जताया। 

अभी किल्ला आया है, भैंस नहीं बंधी : आर.के. गांधी 
स्पोर्ट्स एंड सर्जिकल कॉम्पलैक्स एसो. के चेयरमैन आर.के. गांधी ने कॉम्पलैक्स में फायर स्टेशन हेतु जगह मिलने पर चेयरमैन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अभी किल्ला आया है भैंस नहीं बंधी अर्थात जगह मिली है अभी वहां फायर स्टेशन बनना है और सुविधा मिलनी है। उन्होंने फ्री होल्ड प्लॉटों के बारे में आ रही दिक्कतों का जिक्र किया और कहा कि सरकारी अधिकारी केन्द्र सरकार की योजनाओं का पूरी तरह लाभ नहीं उठा रहे हैं, जिससे इंडस्ट्री पीछे जा रही है। 

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मेयर ने दिए आश्वासन 
बैठक दौरान उपस्थित मेयर जगदीश राजा ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमैंट के मुद्दे पर कहा कि वरियाणा में सॉलिड वेस्ट फिंकवाने की मंजूरी वह दिलवा देंगे। जिन शर्तों पर इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट या पुडा कालोनियों को टेकओवर करता है, उन्हीं शर्तों पर फोकल प्वाइंट व कॉम्पलैक्सों को निगम यदि टेकओवर करे तो उन्हें कोई एतराज नहीं है। मेयर ने चेयरमैन की मांग पर फुलकारी शोरूम के लिए निगम के रंगला वेहड़ा कॉम्पलैक्स का सुझाव दिया। 

फ्री होल्ड प्लॉट के बारे में पॉलिसी लेकर आए कांग्रेस : मग्गू 
रबड़ कारोबारी अशोक मग्गू ने समारोह दौरान कहा कि इस समय व्यापारी बहुत दुखी हैं। कैप्टन सरकार के दो साल शेष बचे हैं, इसलिए कांग्रेस नेताओं को चाहिए कि वे इंडस्ट्री का दुख सी.एम. तक पहुंचाएं। कांग्रेस सरकार को फ्री होल्ड प्लॉट को बदलने वाली पॉलिसी शीघ्र लेकर आनी चाहिए। 5 रुपए वाली सस्ती बिजली आज 9 रुपए में मिल रही है। 40 साल से स्पोर्ट्स एंड सर्जिकल कॉम्पलैक्स में सीवरेज की समस्या बरकरार है, जबकि सफाई की जिम्मेदारी पी.एस.आई.ई.सी. की है। 

विधायक बेरी ने अपनी ही सरकार को लिया निशाने पर 
जालंधर के विधायक परगट सिंह की तरह विधायक राजिंद्र बेरी ने भी बैठक दौरान अपनी ही सरकार को निशाने पर लिया और कहा कि आज हम किसानों को फ्री बिजली, उनकी खराब हुई फसल के मुआवजे और उनकी कर्ज माफी की ओर तो पूरा ध्यान दे रहे हैं, परंतु हम इंडस्ट्री की बात ही नहीं करते, जबकि इंडस्ट्री है तो हम हैं, इंडस्ट्री है तो रोजगार है। इसी कारण न केवल बच्चे बाहर जा रहे हैं, बल्कि लाखों रुपए साथ लेकर भी जा रहे हैं। दिल्ली में केजरीवाल सरकार लोगों को सरकारी कामों में सुविधा देने के कारण दोबारा आई। वहां 50 रुपए जमा करवाओ तो ड्राइविंग लाइसैंस आपके घर पहुंच जाता है, परंतु आज पंजाब में एक लर्निंग लाइसैंस बनवाना हो तो न केवल हजार रुपए लग जाते हैं, बल्कि कई चक्कर काटने पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में सब कहते हैं कि हम सस्ती बिजली दे रहे हैं, परंतु हमें समझ नहीं आता कि यह सस्ती बिजली कब व किसे दी जाती है। अगर इंडस्ट्री कायम रहेगी तो शहर कायम रहेंगे और शहरों से ही अगली सरकार बनेगी। 

बावा हैनरी प्रति गुस्सा मेयर पर निकाला 
करीब 3 घंटे चली बैठक पूर्णत: शांतिपूर्वक रही, परंतु अंत में उस समय थोड़ा हंगामा हो गया जब ज्वाइंट एक्शन कमेटी के कन्वीनर गुरशरण सिंह व कई उद्योगपतियों ने इंडस्ट्रीयल एस्टेट का मामला उठाते हुए कहा कि वहां उद्योगपति नरक में रह रहे हैं। गुरशरण सिंह ने कहा कि पचासों बार विनती कर चुके हैं, परंतु कोई हल नहीं हो रहा है। उन्होंने मेयर से कहा कि अगर नॉर्थ से विधायक बावा हैनरी वहां विकास कार्य नहीं होने दे रहे या समस्या के हल में विघ्न डाल रहे हैं तो हमें बताएं, हम उन्हें सीधा कर देंगे। उन्होंने मेयर से कहा कि एक बार इंडस्ट्रीयल एस्टेट का दौरा कर वहां के हालात जरूर देखें, जहां इंडस्ट्री इसलिए खत्म हो रही है क्योंकि वहां ग्राहक तो क्या कारोबारी तक के लिए जाने का रास्ता नहीं है। 


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Edited By

Sunita sarangal

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