हाल-ए-सिविल सर्जन कार्यालय: मौत के साए में काम करता है स्टाफ

punjabkesari.in Friday, Aug 17, 2018 - 02:09 PM (IST)

जालंधर (रत्ता): आजादी से पहले की बनी सिविल सर्जन दफ्तर की इमारत दिन-प्रतिदिन खंडहर बनती जा रही है। आजकल इसकी हालत ऐसी है कि वहां का स्टाफ हर रोज मौत के साए में काम करता है।लगभग 100 साल पहले निर्मित  इस इमारत की मुरम्मत के नाम पर कभी-कभार विभाग द्वारा लीपापोती चाहे करवाई गई हो लेकिन वास्तव में इस इमारत के कुछ हिस्सों का नवनिर्माण अवश्य करवाया जाता रहा है। अब इस इमारत की जो दशा है वह किसी से छिपी नहीं है। इस इमारत का जहां हर रोज कहीं न कहीं से सीमैंट गिरता रहता है वहीं इसकी एक दीवार भी  पिछले दिनों गिर चुकी है। उल्लेखनीय है कि इस इमारत का कुछ हिस्सा संबंधित विभागों द्वारा चाहे 80 प्रतिशत असुरक्षित घोषित किया जा चुका है लेकिन फिर भी लगता है कि उच्चाधिकारियों को इस बात की जरा भी परवाह नहीं है।

अपने दफ्तर के लिए झट से फंड मंगवा लेते हैं अधिकारी
हैरानी की बात यह है कि स्टाफ के कमरों की छतें व दीवारें चाहे खस्ता हालत में हैं लेकिन बड़े साहब का दफ्तर पूरी तरह टिप-टॉप है। इसका मुख्य कारण यह है कि अपने दफ्तर की रैनोवेशन के लिए अधिकारी झट से फंड मंगवा लेते हैं।

स्टाफ कभी भी आ सकता है बीमारियों की चपेट में 
सिविल सर्जन दफ्तर के प्रांगण में पड़ा रहने वाला कूड़ा-कर्कट और खड़ा रहता बरसाती पानी कभी भी दफ्तर में बीमारियां फैलने का कारण बन सकता है और स्टाफ इनकी चपेट में आ सकता है। क्या इस ओर कोई अधिकारी ध्यान देगा?


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