इंटरनैशनल कंपनियों में जॉब दिलाने के नाम पर Fraud

punjabkesari.in Sunday, Jul 14, 2019 - 03:29 PM (IST)

जालंधर (वरुण): सोशल साइट्स पर बायोडाटा डाल कर नौकरी ढूंढ रहे पढ़े-लिखे युवाओं पर अब ठगों की नजर है। ये ठग खुद को इंटरनैशनल कंपनियों के एच.आर. डिपार्टमैंट का बताकर पहले तो रजिस्ट्रेशन फीस के नाम पर ऑनलाइन पैसे मंगवाते हैं और बाद में युवाओं को कंपनियों के अप्वॉइंटमैंट लैटर भेज कर सिक्योरिटी के तौर पर भी रकम लेकर मोबाइल नंबर बंद कर लेते हैं। 

ऐसी ही एक ठगी जालंधर कैंट की रहने वाली युवती के साथ हुई। उक्त युवती ने बताया कि जून माह में उसने अपना बायोडाटा ट्विटर पर अपलोड किया था। कुछ देर बाद ही एक लड़की का फोन आया जो खुद को इंटरनैशनल आटो मोबाइल कंपनी की अधिकारी बता रही थी। उस महिला ने युवती को असिस्टैंट ब्रांच मैनेजर की जॉब ऑफर की और 32,500 रुपए की सैलरी बताई। आगे का प्रोसैस शुरू करने के लिए महिला ने रजिस्ट्रेशन फीस 1400 रुपए ट्रांसफर करने को कहा। इसके बाद उसने ऑनलाइन पैसे बताए गए बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए।

इसी बीच महिला ने उसे चंडीगढ़ में ट्रेनिंग देने की बात कही और सिक्योरिटी के लिए 7200 रुपए जमा करवाने को कहा, जो ट्रेनिंग के पहले ही दिन वापस कर दिए जाएंगे। युवती ने शक जताया तो महिला ने उसे कंपनी का अप्वॉइंटमैंट लैटर भेज दिया जिसे देख कर उसे विश्वास हो गया और दोबारा से उसने 7200 रुपए उसी बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए। 

पीड़ित युवती ने कहा कि इस सारे प्रोसैस के बीच उसकी 4 लोगों से बात हुई जिनमें से 2 युवक व 2 महिलाएं थीं। पैसे लेने के बाद उक्त लोगों ने उसकी फोन काल उठानी बंद कर दी। अब सभी नंबर बंद हैं। 

युवती ने इस संबंधी कंट्रोल रूम में शिकायत दी जिसके बाद उसे साइबर क्राइम सैल में शिकायत देने को कहा गया। युवती ने कहा कि उसने साइबर क्राइम सैल में भी फोन किया, लेकिन वे शिकायत देने के लिए उसे सैल में बुला रहे थे, जिसके कारण उसने शिकायत ही नहीं की। 

जॉब एजैंसियों के नाम से भी हो रहा ऑन लाइन फ्रॉड
ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले जॉब एजैंसियों के नाम से भी फ्रॉड कर रहे हैं। जॉब की तलाश कर रहे लोगों के सोशल साइट्स से बायोडाटा लेकर उनसे फोन पर संपर्क किया जाता है। ठग पहले तो सारी डिटेल व इंटरव्यू लेते हैं और बाद में ऑनलाइन फार्म भरने के लिए 50 रुपए फीस डैबिट कार्ड या फिर कै्रडिट कार्ड के जरिए भेजने को कहते हैं। जैसे ही कार्ड का पिन नंबर डाला जाता तो कार्ड को हैक करके सारी नकदी कार्ड से ट्रांसफर कर ली जाती है और इसके लिए ओ.टी.पी. नंबर की भी जरूरत नहीं होती। 

ऑन लाइन फ्रॉड करने वाले लोगों पर नकेल कसने के लिए साइबर क्राइम सैल की टीम काम कर रही है। युवा इन लोगों से सतर्क रहें। इस तरह के कॉल करने वाले लोगों को ऑनलाइन पेमैंट न करें। अगर करनी है तो फोन करने वाले के बारे सारी जानकारी लेनी चाहिए, जिस कंपनी की वे बात करते हैं, वहां का नंबर लेकर सारी डिजीटेल खंगाल कर ही पैसे दें।


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Mohit

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