Women''s day special : कैब ड्राइवर के बाद अब यह काम कर अपना परिवार चला रही कांता चौहान, पढ़िए कहानी
punjabkesari.in Monday, Mar 08, 2021 - 03:56 PM (IST)

जालंधर (खुशबू): मल्टीटास्किंग की जब भी बात होती है तो महिलाएं हर काम को हंसते- हंसते हुए बड़ी ही बाखूबी निभाती हैं। अब हम आपको एक ऐसी महिला की कहानी से आपको रुबरू करवाएंगें जिन्होंने जीवन की सच्चाई को समझा और जरूरत पड़ने पर कभी सारथी तो कभी अन्पूर्णा की भूमिका में खुद को ढाल लिया। लॉकडाउन ने उन्हें जीवन में अपनी भूमिका बदलने को मजबूर किया लेकिन जीरो से शुरू हो कर एक बार फिर से सशक्त होकर समाज में खड़ी हुई। जी हम बात कर रहे जालंधर कांता चौहान की…
लॉकडाउन के बाद शुरू किया परांठा जंक्शन
कांता चौहान ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान उनकी कैब की नौकरी बंद हो गई थी तो उन्होंने अपने घर का खर्चा चलाने के लिए परांठा जंक्शन की शुरूआत की थी। इस समय वह बस स्टैंड के पास फ्लाईओवर के नीचे रेहड़ी लगा कर कांता चौहान परांठा जंक्शन के नाम से अपना काम चला रही हैं।
रही चुकी है जलांधर की पहली कैब ड्राइवर
परांठा जंक्शन चलाने से पहले कांता जालंधर की पहली महिला कैब ड्राइवर भी रह चुकी है। पति के एक्सीडेंट के बाद घर का गुजारा चलाने के लिए उन्होंने एक्टिवा चलानी शुरू की थी। लॉकडाउन लगने के कारण उनका काम बंद हो गया लेकिन फिर भी लॉकडाउन के दौरान उन्होंने काफी लोगों की मदद की। बिना पैसे के लोगों को तक खाना पहुंचाया।
अब महिला को ही दिया रोजगार
काम शुरू करने के बाद जब कांता को एक मददगार की जरूरत थी तो उन्होंने अपने साथ एक महिला को ही बतौर मददगार रखा। उनका मानना है कि एक महिला ही महिला को अच्छे से समझ सकती है। जब बात आती है रोजगार और पैरों पर खड़े होने की हो तो हमें महिलाओं को हमेशा मौका देना चाहिए।