किसानों को खेतों में जाकर किया जा रहा जागरूक

punjabkesari.in Monday, Jun 25, 2018 - 01:59 PM (IST)

खन्ना(कमल): जिला लुधियाना में इस समय धान की रोपाई का सीजन पर जोरों पर है। मिशन तंदरुस्त पंजाब के चलते किसानों को धान की रोपाई संबंधित तकनीकी जानकारी देने के लिए कृषि और किसान भलाई विभाग की तरफ से लगातार यत्न किए जा रहे हैं, जिससे रोपाई के अवसर पर उन तकनीकों का प्रयोग किया जाए जिसके साथ धरती की उपजाऊ शक्ति बनी रहे, धरती के निचले स्तर के पानी का बचाव हो और इसका वातावरण पर बुरा प्रभाव न पड़े। इस संबंधी किसानों की सहायता और तकनीकी जानकारी के लिए हैल्पलाइन नंबर 98886-74820 भी जारी किया गया है।  

इस संबंधी जानकारी देते मुख्य कृषि अफसर पंजाब डा. बलदेव सिंह ने बताया कि उनके विभाग की तरफ से किसानों को उनके खेतों में जाकर धान की रोपाई संबंधी तकनीकी जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी लुधियाना और उनके विभाग की तरफ से किसानों को यह सलाह दी गई है कि यदि किसी किसान ने गेहूं की फसल में पूर्ण मात्रा में डी.ए.पी. खाद प्रयोग की थी तो अब धान की फसल के लिए डी.ए.पी. डालने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि देखने में आया है कि धान की रोपाई कर रहे मजदूर खेत में प्रति वर्ग मीटर 17-18 पनीरी के पौधे ही लगा रहे हैं, जबकि यह संख्या 33 तक हो सकती है। धान की फसल से उचित झाड़ लेने के लिए जरूरी है कि पनीरी के पौधों में उचित फासला रखा जाए। इसी तरह किसानों को चाहिए कि धान के खेत में उस समय पर ही पानी लगाना चाहिए जब पानी पौधों की जड़ तक सूख जाए। हर समय खेत को पानी के साथ भरा रखने का भी कोई लाभ नहीं होता। 

उन्होंने किसानों को सलाह दी कि वह धान में यूरिया खाद उस समय पर प्रयोग करें जब खेत में पानी कम हो क्योंकि ज्यादा पानी में खाद डाली जाती है तो वह हवा में उड़ जाती है और उसका नतीजा भी कम मिलता है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वह धान की रोपाई और इसकी संंभाल के लिए पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी और कृषि विभाग की तरफ से जारी मापदंडों की ही पालना करें।आज उन्होंने गांव चक्क कलां, घमणेवाल, धोथड़, राणके सहित अन्य गांवों में जाकर किसानों को तकनीकी जानकारी दी।  


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