50 करोड़ पहुंचा म्यूनिसिपल टैक्स का बकाया आंकड़ा

punjabkesari.in Sunday, Aug 19, 2018 - 10:47 AM (IST)

लुधियाना(हितेश): पावरकॉम द्वारा वसूले जा रहे म्यूनिसिपल टैक्स का आंकड़ा 50 करोड़ पार कर गया है, जो पैसा ट्रांसफर करने के लिए नगर निगम कमिश्नर ने एक बार फिर प्रिंसीपल सैक्रेटरी पॉवर को सिफारिश भेजी है।

यहां बताना उचित होगा कि जी.एस.टी. लागू होने के बाद बिजली पर चुंगी खत्म करके म्यूनिसिपल टैक्स लागू किया जा चुका है, यह ऑर्डर पिछले साल नवंबर में जारी किए गए थे, जिस पर अमल करने के नाम पर पावरकॉम ने म्यूनिसिपल टैक्स की वसूली शुरू कर दी थी, लेकिन अब तक यह पैसा नगर निगम को ट्रांसफर नहीं किया गया है, जिसे लेकर पावरकॉम के चीफ इंजीनियर को कई बार लैटर लिखने के बाद भी कोई असर नहीं पड़ा तो नगर निगम ने सरकार का रुख कर लिया है, जिसके तहत कमिश्नर ने एक बार फिर से पिं्रसीपल सैक्रेटरी पावर को यह पैसा ट्रांसफर करने की सिफारिश भेजी है।

चुंगी के भी 10 करोड़ बकाया
म्यूनिसिपल टैक्स के अलावा पावरकॉम द्वारा नगर निगम को पहले बिजली के बिल के साथ वसूल की जाती रही चुंगी का पैसा भी काफी समय से रोककर रखा हुआ है, नगर निगम के रिकॉर्ड के मुताबिक सिर्फ अगर नगर डिवीजन का पैसा क्लियर किया गया है, बाकी 10 करोड़ के लिए रैगुलर रिमांइडर भेजने के बावजूद कोई पैसा नहीं मिला।

हर माह 9 करोड़ के बिजली के बिल देता है निगम
नगर निगम द्वारा हर महीने पावरकॉम को बिजली के बिल के रूप में करीब 9 करोड़ का भुगतान किया जाता है, जिसमें दफ्तरों के अलावा ट्यूबवेल व स्ट्रीट लाइट के बिल शामिल हैं, जिनकी समय पर अदायगी न होने की सूरत में पावरकॉम द्वारा कनैक्शन काटने से भी गुरेज नहीं किया जाता है।

बिलों की कटौती करने की वाॢनंग का भी नहीं हुआ कोई असर
पैसा ट्रांसफर न करने के लिए पावरकॉम ने पहले नगर निगम के बिजली के बिल पेंङ्क्षडग होने का हवाला दिया था, लेकिन बाद में वो बिल म्यूनिसिपल कमेटी, इंप्रूवमैंट ट्रस्ट व सीवरेज बोर्ड के निकले इस पर मेयर ने वाॢनग दी कि यदि पावरकॉम ने पेमैंट ट्रांसफर न की उसको बिल देने की बजाय म्यूनिसिपल टैक्स के बकाया में से कटौती शुरू कर दी जाएगी, लेकिन न तो इस वाॢनग का पावरकॉम पर कोई असर पड़ा है और न ही नगर निगम ने इस पर अमल शुरू किया है।

म्यूनिसिपल लि. के बाहर भी टैक्स की कलैक्शन कर रहा है पावरकॉम
पावरकॉम द्वारा नगर निगम को तो म्यूनिसिपल टैक्स के फंड ट्रांसफर नहीं किए जा रहे हैं, जबकि म्यूनिसिपल लि. के बाहर के एरिया में भी इस टैक्स की वसूली होने का एक मामला जरूर सामने आ गया है, हालांकि पावरकॉम द्वारा यह पैसा म्यूनिसिपल कमेटी के एरिया में से वसूलने की बात कही जा रही है, लेकिन उसके अलावा भी कई बाहरी इलाकों के बिल में म्यूनिसिपल टैक्स का आंकड़ा शामिल किया गया है।

फंड ट्रांसफर होने से निगम को कंगाली के दौर में मिलेगी बड़ी राहत

नगर निगम को इस समय म्यूनिसिपल टैक्स के पैसे की ज्यादा जरूरत इसलिए भी महसूस हो रही है, क्योंकि कंगाली सिर चढ़कर बोल रही है, जिसके तहत मुलाजिमों को सैलेरी देने के अलावा रूटीन खर्चों के लिए पैसा नहीं है। इस दौर में अगर नगर निगम को 50 करोड़ का फंड ट्रांसफर  हो जाता है तो यह पैसा ठेकेदारों को  रिलीज करके नए  पुराने विकास कार्यों को शुरू करवाया जा सकता है।


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swetha

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