पानी-सीवरेज के बिलों को लेकर नगर निगम अफसरों पर खड़े हुए सवाल, जानें क्या है मामला
punjabkesari.in Saturday, Apr 06, 2024 - 02:08 PM (IST)
लुधियाना (हितेश) : एक तरफ जहां नगर निगम द्वारा बजट टारगेट को पीछे छोड़ते हुए अब तक की सबसे ज्यादा प्रॉपर्टी टैक्स कलेक्शन की गई है। वहीं, पानी-सीवरेज के बिलों की वसूली पिछले साल से भी 23.40 करोड़ डाउन हुई है। यहां बताना उचित होगा कि नगर निगम द्वारा 2023-24 के बजट में पानी-सीवरेज के बिलों की वसूली के रूप में 60 करोड़ जुटाने का टारगेट रखा गया था, लेकिन सिर्फ 41.67 करोड़ की रिकवरी हो पाई है।
इसके मुकाबले 2022-23 के दौरान नगर निगम को पानी-सीवरेज के बिलों की वसूली के रूप में 65.08 करोड़ का रेवेन्यू मिला था जिसे लेकर नगर निगम अफसरों पर सवाल खड़े हो रहें हैं, क्योंकि बड़ी संख्या में लोग पानी-सीवरेज के बिलों की अदायगी नहीं कर रहे और अवैध रूप से चल रहे कनेक्शनों का आंकड़ा भी दिन ब दिन बढ़ रहा है।
ब्याज-पेनल्टी की माफी का भी नही हुआ फायदा
पानी-सीवरेज के बिलों की वसूली का आंकड़ा बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार द्वारा 5 मार्च को वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी जारी की गई थी। जिसके तहत 3 महीने के भीतर बकाया पानी-सीवरेज के बिलों की अदायगी करने पर ब्याज-पेनल्टी की माफी देने का फैसला किया गया था लेकिन 25 दिन के भीतर भी नगर निगम के अफसर इस योजना का फायदा लेने में कामयाब नही हुए।
यह है जोन वाइज रिपोर्ट कार्ड
- जोन ए : 7.11 करोड
- जोन बी : 14.99 करोड
- जोन सी : 7.35 करोड
- जोन डी : 12.20 करोड
24 घंटे वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट पर पड़ सकता है असर
पानी-सीवरेज के बिलों की वसूली पिछले साल से भी डाउन होने का असर 24 घंटे वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट पर पड़ सकता है।
क्योंकि इस योजना के लिए ग्रांट देने से पहले वर्ल्ड बैंक द्वारा पानी-सीवरेज पर आने वाली लागत की भरपाई करने की शर्त लगाई गई है जिसके लिए सरकारी वाटर सप्लाई कंपनी का गठन किया गया है और पानी-सीवरेज की बिलिंग उसी कंपनी के जरिए हो रही है।
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