रेत के मुद्दे से नहीं छूट रहा कांग्रेस का पीछा

punjabkesari.in Friday, May 11, 2018 - 04:03 PM (IST)

लुधियाना(हितेश): अकाली दल के खिलाफ  तैयार किए गए रेत के मुद्दे से अब खुद कांग्रेस का पीछा ही नहीं छूट रहा है। पहले कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह को इस्तीफा देना पड़ा और अब शाहकोट उप चुनाव मुश्किल हो गया है। यहां बताना उचित होगा कि अकाली-भाजपा सरकार के समय महंगी होने के बावजूद रेत की किल्लत की समस्या का हर किसी को सामना करना पड़ा, जिसे चुनाव में मुद्दा बनाकर कांग्रेस व ‘आप’ पार्टी ने पंजाब को रेत माफिया से निजात दिलाने का वायदा किया। मगर बाद में कांग्रेस की सरकार बनने पर भी हालात नहीं बदले। भले ही रेत खदानों की बोली ई-ऑक्शन के जरिए की गई लेकिन कांग्रेसी नेताओं ने उसमें हिस्सा लेकर सारा खेल खराब कर दिया।

यहां तक कि 10 वर्ष तक सत्ता से बाहर रहने वाले कई कांग्रेसी नेताओं ने अवैध खनन के काम पर कब्जा जमा लिया, जिसमें कई पुराने अकाली नेता भी पार्टनर बन गए जिससे चर्चा छिड़ गई कि सरकार बदली लेकिन रेत माफिया के चेहरे नहीं बदले। यह मामला राहुल गांधी के पास पहुंचा तो राणा गुरजीत सिंह को इस्तीफा देना पड़ा और जांच कमिशन द्वारा क्लीनचिट देने का हवाला देते हुए कैप्टन द्वारा जिद्द करने के बावजूद राहुल उनको दोबारा मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए राजी नहीं हुए। यहां तक कि रेत माफिया के साथ नाम जुडऩे के कारण कई नेताओं को मिलने वाले मंत्री व दूसरे सरकारी पदों पर रोक लगा दी गई।

मामला अभी ठंडा नहीं हुआ था कि शाहकोट से उम्मीदवार रहे लाडी शेरोवालिया द्वारा रेत माफिया को अपने लोगों को एडजस्ट करने की बात कहने का स्टिंग सामने आ गया। कैप्टन की सिफारिश पर उनको अप चुनाव का टिकट दिया गया, जिसे अकाली दल व दूसरी विरोधी पार्टियां मुद्दा बना ही रही थीं कि पुलिस ने माइङ्क्षनग के मामले में लाडी के खिलाफ  केस दर्ज कर लिया है। जिसे लेकर सफाई देने के लिए खुद चीफ  मिनिस्टर को सामने आना पड़ा, उससे जुड़े घटनाक्रम के तहत पुलिस इंस्पैक्टर द्वारा इस्तीफा देने के बाद जिस तरह दबाव होने व धमकियां मिलने की बात मीडिया के सामने कही जा रही हैं। यहां कहना गलत नहीं होगा कि कांग्रेस द्वारा अकाली दल के खिलाफ  तैयार किया गया रेत का मुद्दा आज खुद उसके गले की फांस बनकर रह गया है।

किसकी शह पर सीधा कैप्टन को चैलेंज कर रहा पुलिस इंस्पैक्टर
इस मामले में कैप्टन का कहना है कि राणा गुरजीत सिंह ने पुलिस इंस्पैक्टर को उसकी गतिविधियों के चलते अपने एरिया से निकलवाया था, जो इसकी रंजिश निकाल रहा है। यहां तक कि कैप्टन ने इंस्पैक्टर के सुखपाल खैहरा व दलजीत चीमा के साथ संपर्क में होने का दावा करते हुए साजिश रचने का आरोप लगाया है। इसके जवाब में इंस्पैक्टर सीधा कैप्टन पर ही हमलावर हो गया है, उसने अपनी वायरल हो रही वीडियो को लेकर यहां तक कह दिया है कि अगर कैप्टन ने ‘अरूसा’ रखी है तो क्या वह कोई महिला दोस्त नहीं रख सकता। यहां तक फाइव स्टार होटल में ठहरने को लेकर भी इंस्पैक्टर ने अपनी तुलना कैप्टन के साथ की है। इससे पहले वह डी.एस.पी. से लेकर एस.एस.पी, डी.सी. व आई.जी. तक के खिलाफ  जहर उगल चुका है। शायद उसे यह आभास हो गया है कि इतने फ्रंट खोलने के बाद नौकरी करना आसान नहीं होगा। इसलिए वह इंस्पैक्टर अपना इस्तीफा वापस लेने के बावजूद ड्यूटी पर न जाने की बात कह रहा है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Vatika

Recommended News

Related News