Punjab को मिलने जा रहे नए तोहफे, पढ़ें कौन-कौन से Projects चला रही है केंद्र सरकार
punjabkesari.in Thursday, Mar 13, 2025 - 05:17 PM (IST)

नई दिल्ली : पंजाब सोने जैसी फसलों, रंग-बिरंगे त्योहारों और अदम्य (untamed) जज़्बे की धरती हमेशा से बदलाव का गवाह रहा है। ऐतिहासिक रूप से यह भारत का अन्न भंडार और सांस्कृतिक संगम रहा है और अब यह आधुनिक बदलाव की दहलीज पर खड़ा है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 4,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को हरी झंडी दिखाते हुए पंजाब की सड़कों, रेलवे और हवाई अड्डों को नई उड़ान दी है। यह केवल यात्रा को आसान बनाने की बात नहीं है, बल्कि यह पंजाब के भविष्य को नई संभावनाओं से जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
सड़कें: समृद्धि की नई राह
आज जब आप पंजाब के ग्रामीण इलाकों से गुजरते हैं तो आपको प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत चल रहे कार्य साफ दिखाई देंगे। PMGSY-III के तहत 3,337 किमी सड़कों और 32 पुलों को मंजूरी दी गई है, जिसमें 2024-25 में 833 करोड़ रुपये की लागत से 1,658 किमी सड़कें अपग्रेड की जाएंगी। अकेले अक्टूबर 2023 में 40.28 किमी सड़कें बनकर तैयार हुईं, जिस पर 13.70 करोड़ रुपये खर्च हुए। ये केवल सड़कें नहीं हैं, बल्कि ये जीवनरेखाएं हैं जो किसानों को मंडियों से, बच्चों को स्कूलों से, और गांवों को दुनिया से जोड़ती हैं।
औद्योगिक क्षेत्र में नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट प्रोग्राम (NICDP) पंजाब को विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) का केंद्र बना रहा है। अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और चंडीगढ़-अमृतसर गलियारे में निवेश और नौकरियों की नई संभावनाएं पैदा हो रही हैं। वहीं, भारतमाला परियोजना के तहत बन रहे आधुनिक हाईवे जैसे दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे (जो यात्रा समय को 8 घंटे से घटाकर 4 घंटे कर देगा) शहरों की भीड़भाड़ कम कर रहे हैं और पर्यटन को गति दे रहे हैं। पहले चरण में 8,000-10,000 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं और 600-700 किमी का संचालन हो चुका है, लेकिन 2026 तक की देरी धैर्य की परीक्षा ले रही है। यह एक्सप्रेसवे 40,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है।
रेलवे: हाई-स्पीड सपनों को मिल रही रफ्तार
कल्पना करें कि आप दिल्ली से अमृतसर केवल 2.5 घंटे में पहुंच जाएं। प्रस्तावित दिल्ली-अमृतसर बुलेट ट्रेन, जो 300-350 किमी/घंटा की रफ्तार से दौड़ेगी, केवल एक सपना नहीं बल्कि पंजाब के तेज़ रफ्तार भविष्य की झलक है। इसी के साथ वंदे भारत एक्सप्रेस पहले ही यात्रा के समय को कम कर रही है (अमृतसर-दिल्ली मात्र 5-6 घंटे में), जिससे रेलवे क्रांति की शुरुआत हो रही है। स्वर्ण मंदिर जाने वाले तीर्थयात्री, व्यापार के सिलसिले में सफर करने वाले व्यापारी और पंजाब की विरासत को जानने आने वाले पर्यटक सभी को रेलवे के इस बदलाव से फायदा होगा, जहां दूरी नहीं, बल्कि समय घटेगा।
हवाईअड्डे: पांच नदियों की धरती को नई ऊंचाइयां
पंजाब का आसमान भी बदलाव की गवाही दे रहा है। उड़ान (UDAN) योजना के तहत आदमपुर, बठिंडा और पठानकोट जैसे हवाईअड्डों को सक्रिय किया गया है, जिससे छोटे शहर दिल्ली और अन्य स्थानों से जुड़ गए हैं। अमृतसर और मोहाली हवाईअड्डों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकसित किया जा रहा है, जबकि लुधियाना के पास हलवारा में बन रहा ग्रीनफील्ड हवाईअड्डा भीड़भाड़ को कम करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने का काम करेगा। ये हवाई पट्टियां सिर्फ हवाई जहाजों के लिए नहीं हैं, बल्कि पर्यटन, व्यापार और निवेश को बढ़ाने वाले लॉन्चपैड हैं, जिससे पंजाब अब देश के केंद्र में आएगा।
आगे की राह: उम्मीद और दृढ़ता का संगम
यह इंफ्रास्ट्रक्चर विकास अभियान जो भारतमाला और केंद्रीय सड़क एवं इंफ्रास्ट्रक्चर निधि (CRIF) के तहत हर साल 1,500-2,000 करोड़ रुपये के सहयोग से आगे बढ़ रहा है एक नए युग की शुरुआत कर रहा है। लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं हैं: भूमि अधिग्रहण विवाद, पर्यावरणीय प्रभाव और एक सीमावर्ती राज्य के सुरक्षा संबंधी विशेष आवश्यकताएं। इस दृष्टि को साकार करने के लिए समय पर अमल और स्थानीय समर्थन अनिवार्य होगा।
पंजाब के किसान, व्यापारी और परिवार सिर्फ देख नहीं रहे, वे इंतजार कर रहे हैं। एक राज्य जो कभी अपनी दृढ़ता के लिए जाना जाता था, अब अपनी पहुंच के लिए जाना जाएगा। हर नए किलोमीटर पर सड़क, हर नई रेल पटरी, हर नया रनवे पंजाब के गौरवशाली अतीत और सुनहरे भविष्य के बीच एक पुल की तरह होगा। इसे सफल बनाना हमारी जिम्मेदारी है क्योंकि पंजाब को आगे बढ़ना ही चाहिए।