328 लापता स्वरूपों का मामला, अली बाबा चाली चोरों ने मीटिंग कर लिया यू-टर्न: मन्ना

punjabkesari.in Tuesday, Sep 08, 2020 - 02:11 PM (IST)

अमृतसर(अनजान): पूर्व कांग्रेसी नेता व प्रसिद्ध समाज सेवी मनदीप सिंह मन्ना ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के 328 लापता हुए पवित्र स्वरूपों संबंधी शिरोमणि अकाली दल व शिरोमणि कमेटी को लंबे हाथों लेते कहा कि शिरोमणि कमेटी प्रधान भाई गोबिन्द सिंह लौंगोवाल द्वारा 27 अगस्त की मीटिंग में आरोपियों पर फौजदारी मुकद्दमे करने का बयान देते हुए आगे वाली मीटिंग में यू-टर्न लेना अपने आप को व बादलों को बचाने के लिए घिनौनी चाल चली गई है। उन्होंने आरोप लगाते कहा कि अली बाबा चालीस चोरों ने मीटिंग कर यू-टर्न इसलिए लिया ताकि उनके अपने भेद न खुल सके। हमें कहीं न कहीं यह अंदेशा है कि जिन पर मुकद्दमे दर्ज किए जाने थे, उन्होंने कहा कि हम अदालत में आपकी भी पोल खोलेंगे। इसलिए लौंगोवाल द्वारा अपने आकाओं को बचाने के लिए यह फैसला लिया गया।

प्रधान शिरोमणि कमेटी द्वारा यह कहा जाना कि कमेटी अपने आप में फैसले लेने में समर्थ है। अगर समर्थ है तो जब बुर्ज जवाहरके, बरगाड़ी और बहबल कलां में कांड घटा था, तब फैसले क्यों न कर सके। पिछले 3 वर्षों से सिट सुराग ढूंढने में लगी हुई है, परन्तु कामयाबी नहीं मिली। जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा था कि या तो जांच कमेटी द्वारा आई रिपोर्ट के अनुसार आरोपियों को सजाएं दिला कर रहूंगा या फिर इस्तीफा दे दूंगा। अब जत्थेदार साहिब या तो इंसाफ दिलाएं नहीं तो एक तरफ हो जाएं। 

उन्होंने मुख्य सचिव डा. रूप सिंह पर आरोप लगाते कहा कि उनकी जमीर मर चुकी है। कभी मैं इस मनुष्य का बहुत सत्कार करता था परन्तु यह कह देना कि क्वारंटाइन के बाद जवाब दूंगा, अब क्यों नहीं जवाब देते। यह सब बादलों को बचाने के लिए किया जा रहा है और डा. रूप सिंह बादलों के सभी बुरे कार्यों की सर्जरी करते रहे हैं। अब सिंह साहिब इनको बर्तन मांजने या झाड़ू की सेवा लगाकर न क्षमा करें, बल्कि सजा दिलाएं या फिर जत्थेदारी छोड़ दें। 

एक स्वरूप पटियाला में चोरी हुआ था तो सुखबीर बादल ने कहा था कि मैं ईंट के साथ ईंट खड़का दूंगा और यहां तो 328 स्वरूप गायब हैं, यहां सुखबीर बादल क्यों नहीं बोलते। हर स्वरूप पर नंबर होता है, संगत से अपील की जाए कि इस नंबर के स्वरूप रिकार्ड में नहीं हैं, जिनके पास हैं बताएं। अगर स्वरूप ढूंढने हो तो ढूंढ सकते हैं, परन्तु शिरोमणि कमेटी की नीयत में खोट है। उन्होंने कैप्टन अमरेंद्र सिंह मुख्यमंत्री पंजाब को इन आरोपियों पर एफ.आई.आर. दर्ज करवा कर सिलाखोंं के पीछे बंद करने के लिए भी अपील की।
 


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