1 October से बदलने जा रहे ये 6 Rules, जरा ध्यान दें...
punjabkesari.in Saturday, Sep 28, 2024 - 03:49 PM (IST)
पंजाब डेस्क: 1 अक्टूबर 2024 से आधार कार्ड को लेकर 6 बदलाव होने जा रहे है। दरअसल, फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग (F&O Trading) पर सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) और टीडीएस (TDS) दर में बदलाव होने जा रहा हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बजट पेश करते समय इन बदलावों की घोषणा की थी,जो अब 1 अक्टूबर से लागू होंगे, जो इस प्रकार हैः-
1. Share Buyback पर Tax: बायबैक के माध्यम से शेयरधारकों द्वारा अर्जित किसी भी लाभ पर अब लाभांश कराधान के समान कर लगाया जाएगा। ऐसे लेनदेन से होने वाले पूंजीगत लाभ पर शेयरों के अधिग्रहण की लागत के आधार पर कर लगाया जाएगा।
2. प्रतिभूति लेनदेन कर (STT) में वृद्धि: वायदा और विकल्प (F&O) व्यापार पर STT में वृद्धि होगी। वर्तमान में 0.01% से बढ़कर 0.02% हो जाएगा। इसका मतलब है कि डेरिवेटिव में व्यापार करने वाले निवेशकों को लेनदेन पर अधिक कर का भुगतान करना होगा।
3. फ्लोटिंग रेट बॉन्ड पर TDS: सरकार या राज्य निकायों द्वारा जारी फ्लोटिंग रेट बॉन्ड से ₹10,000 से अधिक की आय पर 10% टीडीएस लागू होगा। यदि आय ₹10,000 से कम है, तो कोई टीडीएस नहीं लगाया जाएगा।
4.TDS दरों में बदलाव: आयकर की कई धाराओं (194डीए, 194एच, 194-आईबी, 194एम) के तहत टीडीएस दरें 5% से घटाकर 2% की जाएंगी। ई-कॉमर्स ऑपरेटरों के लिए, टीडीएस दर 1% से घटाकर 0.1% की जाएगी।
5. प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास योजना:
1 अक्टूबर, 2024 से प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास योजना 2024 लागू की जाएगी, जो करदाताओं को लंबित कर विवादों को सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाने के लिए एक तंत्र प्रदान करेगी।
6. आधार-पैन लिंकेज:
कर दाखिल करने या पैन आवेदन के लिए आधार संख्या के स्थान पर आधार नामांकन आईडी के उपयोग की अनुमति देने वाला प्रावधान अब 1 अक्टूबर, 2024 से मान्य नहीं होगा। इस कदम का उद्देश्य पैन नंबर के दुरुपयोग और दोहराव को रोकना है। ये बदलाव कर अनुपालन को सुव्यवस्थित करने और राजस्व बढ़ाने के लिए भारत सरकार के प्रयासों का हिस्सा हैं। व्यापारियों, निवेशकों और करदाताओं के लिए दंड से बचने और अपने कर दायित्वों को अनुकूलतम बनाने के लिए इन अद्यतनों के बारे में जागरूक रहना महत्वपूर्ण है।
आधार को लिंक करना: सभी नागरिकों को अपने आधार को बैंक खातों, मोबाइल नंबरों, और अन्य सरकारी योजनाओं से लिंक करना आवश्यक होगा।
बच्चों के आधार: 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए आधार बनाने के लिए नए दिशा-निर्देश लागू होंगे, जिसमें माता-पिता की सहमति आवश्यक हो सकती है।