अवैध कालोनियों को लेकर बड़ा कदम उठाने की तैयारी में ''आप'' सरकार
punjabkesari.in Friday, Jul 14, 2023 - 02:13 PM (IST)

जालंधर (खुराना): 2013 में उस समय की अकाली भाजपा सरकार तथा 2018 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने अवैध कालोनियों को रैगुलर करने वाली पॉलिसी घोषित की थी। यह अलग बात है कि दोनों ही पालिसियों का कालोनाईजरों को उतना फायदा नहीं हुआ जितनी उम्मीद उन्होंने लगा रखी थी। यही कारण रहा कि 2017 के विधानसभा चुनावों में प्रॉपर्टी सैक्टर ने अकाली भाजपा का विरोध करके कांग्रेस को समर्थन घोषित किया था और उसके बाद कांग्रेस से भी निराश होकर 2022 के चुनावों में आम आदमी पार्टी को जीत दिलाने में भूमिका अदा की।
अब आम आदमी पार्टी पर इस बात का दबाव है कि प्रॉपर्टी सैक्टर को राहत देनी है ताकि आगामी चुनावों में उनका समर्थन बरकरार रहे। इसी के चलते माना जा रहा है कि आप सरकार आने वाले दिनों में अवैध कालोनियों को रैगुलर करने बाबत पॉलिसी ला सकती है। गौरतलब है कि पंजाब कालोनाइजर एंड बिल्डर एसोसिएशन के सदस्यों ने गत दिवस लोकल बाडीज मंत्री बलकार सिंह से मिलकर मांग की है कि 2018 की पॉलिसी के तहत जिन कॉलोनाइजरों ने अपनी कालोनियों को मंजूर करवाने के लिए अप्लाई किया है, उन सभी को मंजूरी दी जाए। उन्होंने कहा कि नियमानुसार 10 प्रतिशत, 50 प्रतिशत और 100 प्रतिशत फीस भी जमा की हुई है।
लोकल बाडी मंत्री से मिले एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि इन कालोनियों के प्लाट होल्डर्स के प्लाटों की एन.ओ.सी लेने में रुकावट न खड़ी की जाए क्योंकि यह सभी नक्शा मंजूर करवाने के समय ई.डी.सी के रूप में फीस जमा करवा चुके हैं। एसोसिएशन के प्रधान जी.एस. लांबा, मेजर सिंह, पंकज सूद, रजनीश खन्ना, ओम प्रकाश ने कहा कि कालोनी की मंजूरी के लिए पहली किस्त के रूप में 50 प्रतिशत फीस लेने के बाद बकाया 50 प्रतिशत फीस 3 किस्तों में ली जा सकती है। इससे सरकार को भी रैवेन्यू मिल जाएगा।
एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा कि किसी भी दुकान या घर को दोबारा बेचने के समय एन.ओ.सी. की शर्त को भी खत्म किया जाए क्योंकि लोग पहले ही नक्शा पास करवाने के समय एन.ओ.सी ले चुके होते हैं। उन्होंने यह भी मांग रखी कि सभी मकान और अपार्टमेंट जो 31 मई 2023 तक बन गए हैं, उन्हें जायज फीस लेकर रैगुलर किया जाए। चाहे इन प्लॉटों पर निर्माण के लिए नक्शे पास नहीं करवाए गए हैं लेकिन इन्हें अब मंजूर कर लिया जाना चाहिए।
उन्होंने यह भी मांग रखी कि नगर निगम, काउंसिलों, पुडा की सभी शाखाओं में अब तक लंबित सभी नक्शों को मंजूर कर दिया जाए। कई नक्शे 6 महीने से अधिक समय से लटके हुए हैं, इससे निर्माण कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। इन कालोनाइजरों ने कहा कि शहरों में अवैध कालोनियों को विकसित होने से रोकने के लिए नई कॉलोनी को डिवैल्प करने के लिए 2 एकड़ की भी मंजूरी मिलनी चाहिए। पांच एकड़ की शर्त को खत्म किया जाए। ऐसा करने से शहरी इलाकों में अवैध कालोनियां विकसित नहीं होंगी।
उन्होंने कहा कि हर तरह की मंजूरी की प्रक्रिया को सरल किया जाए। चेंज ऑफ लैंड यूज, लेआऊट और मैप को हर हफ्ते मीटिंग में मंजूर किया जाए। लैटर ऑफ इंटेंट जारी होने के 15 दिन बाद लाइसैंस भी जारी किया जाए। अन्य विभागों से ली जाने वाली मंजूरियों को भी विभागों से तालमेल के आधार पर जल्द से जल्द निपटाया जाए। मेजर सिंह, पंकज सूद ने कहा कि पिछले कई सालों में कई पॉलिसियां आई हैं लेकिन अवैध कालोनियों का मुद्दा हल नहीं हो रहा। यह सरकार और आम पब्लिक के लिए मुश्किल का सबब बन गया है। उन्होंने कहा कि पंजाब में 650 मंजूरशुदा कालोनियों के मुकाबले 40 हजार अवैध कालोनियां विकसित हुई हैं इसलिए नई पालिसी कालोनाइजरों से सलाह करके लाई जाए। मंत्री बलकार सिंह ने कालोनाइजरों को चंडीगढ़ बुला लिया है ताकि इस मामले पर आगे कार्यवाही की जा सके।
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