इन वरिष्ठ नेताओं को नजरअंदाज करना ''आप'' को पड़ सकता है भारी

punjabkesari.in Wednesday, Jan 05, 2022 - 01:22 PM (IST)

अमृतसर: जिला अमृतसर मे आम आदमी पार्टी की ओर से चाहे सभी हलकों में अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया गया है, लेकिन कुछ हलकों में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और टिकट के दावेदारों को नजरअंदाज करना 'आप' को महंगा पड़ सकता है। आम आदमी पार्टी की ओर से जिला अमृतसर के 11 हलकों से उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया गया है, जिनमें तीन हलका सैंट्रल मजीठिया तथा उत्तरी में लंबे समय से पार्टी के साथ जुड़े आप के वरिष्ठ एवं सक्रिय नेताओं में निराशा का आलम देखने को मिल रहा है। चाहे यह नेता ऊपरी दावे कर रहे हैं कि वे पार्टी के साथ ही जुड़े रहेंगे और उन्हें पार्टी का फैसला मंजूर है, लेकिन अंदरखाते वे और उनके समर्थक उक्त हलकों से उम्मीदवारों के विरोध में भी जा सकते हैं।

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हलका उत्तरी में मनीष अग्रवाल में निराशा
अमृतसर के हलका उत्तरी की हॉट सीट के बात करें तो वहां पर लंबे समय से 'आप' के वरिष्ठ नेता मनीष अग्रवाल सक्रिय थे। इससे पहले वे 2017 में पार्टी टिकट पर चुनाव भी लड़ चुके हैं और वे पिछले 1 साल से अपने हलके में पूरी सक्रियता से कार्यरत थे। ऐसे में कुछ माह पहले पूर्व आई.जी. कुंवर विजय प्रताप सिंह ने 'आप' में शामिल होकर एक मजबूत उम्मीदवार घोषित कर दिया गया। मनीष अग्रवाल के समर्थकों द्वाा इसका विरोध किया गया और लिखित रूप में पार्टी हाईकमान को अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिए कहा गया, लेकिन इसके बावजूद पार्टी अपने फैसले पर अटल रही, क्योंकि उन्हें कुंवर विजय प्रताप सिंह से मजबूत कोई उम्मीदवार उस हलके में दिखाई नहीं दिया।

उधर, मनीष अग्रवाल का कहना है कि पिछले विधानसभा चुनाव में उन्हें केवल 27 दिन पहले ही टिकट मिलने के कारण वे चाहे सीट नहीं जीत पाए, लेकिन उन्होंने 11 हजार से अधिक वोट हासिल किए थे। उसके उपरांत वे एक वफादार सिपाही की तरह पार्टी से जुड़े रहे और वे अपने हलके में अपनी अच्छी पैठ बनाने में सफल रहे। अगर उन्हें पार्टी मौका दे तो जरूर जीत हासिल करते हैं। विगत दिवस पार्टी द्वारा हलका सैंट्रल और मजीठा में 2 उम्मीदवारों की घोषणा ने सबको हैरानी में डाल दिया।

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हलका सैंट्रल से अशोक तलवाड़ को किया नजरअंदाज
हलका सैंट्रल में डॉ. अजय गुप्ता को उम्मीदवार घोषित करने से वहां से टिकट के दावेदार एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक तलवार जो कि पंजाब के संयुक्त सचिव भी हैं, को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया। डॉ. अजय गुप्ता पिछले विधानसभा चुनाव में 'आप' की ओर से चुनाव लड़ कर केवल 7171 वोट ही हासिल कर पाए, जिससे उनकी जमानत तक जब्त हो गई, लेकिन इसके बावजूद पार्टी द्वारा उन्हें एक बार फिर से चुनाव लड़ने का मौका दे दिया गया। इससे पार्टी के संस्थापक सदस्य एवं दो बार जिला अध्यक्ष रह चुके अशोक तलवार एवं उनके समर्थकों में भारी निराशा देखने को मिली। चाहे अशोक तलवार का कहना है कि वे पार्टी के साथ हैं और उन्हें पार्टी का फैसला मंजूर है और वे किसी तरह के विरोध या पार्टी बदलने के मूड में नहीं है, लेकिन क्या वे खुलकर चुनाव दौरान आप उम्मीदवार का साथ दे पाएंगे या नहीं इसके बारे में कहना मुश्किल है।

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हलका मजीठा से गुरभेज सिंह के समर्थक विरोध के मूड में
हलका मजीठा से वरिष्ठ कांग्रेसी नेता लाली मीठिया का 2 दिन पहले पार्टी में शामिल होना और साथ ही उनके लिए टिकट की घोषणा होना हल्का मजीठा से टिकट के दावेदार सहित उनके समर्थकों के लिए हैरानी और निराशा पैदा करने वाला फैसला रहा। मजीठा हलके से 'आप' के वरिष्ठ नेता गुरभेज सिंह सिद्धू जो कि लगभग 6 साल से पार्टी के साथ जुड़े हुए थे और सर्कल इंचार्ज से लेकर हलका इंचार्ज तक उन्होंने पार्टी के साथ पूरी ईमानदारी और वफादारी से काम किया। ऐसे में एकदम से उन्हें नजरांदाज करना उनके समर्थकों की आंखों में खटक रहा है और यह भी पता चला है कि उनके समर्थकों द्वारा पार्टी हाईकमान तक संपर्क करके उन्हें अपना फैसला बदलने के लिए कहा जा रहा है। यह भी पता चला है कि गुरभेज सिंह सिद्धू के समर्थक उनके साथ मिलकर पार्टी कार्यालय पर रोष प्रदर्शन भी कर सकते हैं। 'आप' नेता गुरभेज सिंह सिद्धू एवं उनके समर्थकों का कहना है कि पार्टी को चाहे लाली मजीठिया एक मजबूत नेता के रूप में नजर आ रहे हैं, लेकिन वास्तविक रूप से वह तीन बार चुनाव हार चुके हैं और आगे भी उन्हें 'आप' कार्यकर्ताओं व हलके के लोगों का साथ मिलने की कम ही उम्मीद है।

इस संबंध में जब 'आप' पंजाब के वरिष्ठ नेताओं से संपर्क किया गया तो उन्होंने इस संबंध में कुछ भी टिप्पणी करने से इंकार करते हुए इस संबंध में स्थानीय नेताओं से संपर्क करने के लिए कहकर पल्ला झाड़ लिया।

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Content Writer

Sunita sarangal

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