'आप' के सुशील रिंकू : आखिर कितना नफा कितना नुक्सान
punjabkesari.in Wednesday, Apr 05, 2023 - 06:25 PM (IST)

जालंधर (अनिल पाहवा) : जालंधर वैस्ट से कांग्रेस के पूर्व विधायक सुशील रिंकू के आज आम आदमी पार्टी में शामिल होने के बाद राजनीतिक हलकों में कई तरह के कयास लगने शुरू हो गए हैं। बताया जा रहा है कि सुशील रिंकू के 'आप' ज्वाइन करने के बाद जालंधऱ में राजनीतिक समीकरण कई तरह से बदल गए हैं। कहां सुशील रिंकू कांग्रेस में काम करते थे और कहां वहीं रिंकू अब् कांग्रेस के खिलाफ आम आदमी पार्टी में काम करेंगे। बात सिर्फ राजनीतिक समीकरण की ही नहीं है, बल्कि आम आदमी पार्टी के अंदर पहले से मौजूद रिंकू के धुरंधर विरोधी शीतल अंगुराल का क्या होगा, यह एक बड़ा सवाल आज खड़ा हो गया है।
शीतल अंगुराल और सुशील रिंकू की दोस्ती और दुश्मनी किसी से छिपी नहीं है। दुश्मनी इतनी कि एक-दूसरे के खिलाफ कोई मौका नहीं छोड़ते, लेकिन अब माहौल बदल गया है। अब सुशील रिंकू शीतल अंगुराल की ही पार्टी में चले गए हैं, तो ऐसे में सबसे बड़ी समस्या शीतल अंगुराल के लिए पैदा हो गई है क्योंकि शीतल अंगुराल के पास अब कोई बहुत ज्यादा विकल्प नहीं बचे हैं या तो वह आम आदमी पार्टी में ही रहकर काम करें या वापस भाजपा में चले जाएं। वैसे कहा जा रहा है कि शीतल अंगुराल को कुछ दिन पहले ही सुशील रिंकू के आप ज्वाइन करने की भनक लग गई थी, जिसके कारण वह पार्टी से अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे थे, जिसका कोई असर नहीं हुआ। वैसे यह भी पता लगा है कि सी.एम. भगवंत मान ने आज शीतल अंगुराल के साथ एक मीटिंग भी की है।
अब बड़ा सवाल यह है कि शीतल अंगुराल का जो होगा सो होगा, लेकिन सुशील रिंकू आम आदमी पार्टी में आकर कितने कामयाब रहेगे। लोकसभा चुनावों में टिकट को लेकर सुशील रिंकू के नाम पर मोहर लगनी लगभग तय है। अगर रिंकू इस सीट को जीतने में सफल रहते हैं तो आने वाला समय सुशील रिंकू का है। आम आदमी पार्टी में रिंकू जो जगह बना लेंगे, वो शायद किसी ने सोची भी नहीं होगी। इससे सुशील रिंकू तो मजबूत होंगे, लेकिन उनके विरोधी काफी हद तक कमजोर हो जाएंगे। यहां तक कि शीतल अंगुराल, जिनके साथ उनका छत्तीस का आंकड़ा है को भी अंततः सुशील रिंकू के साथ मिलकर ही चलना पड़ेगा।
अगर सुशील रिंकू यह चुनाव जीतने में सफल नहीं होते तब भी उनको कोई बहुत नुक्सान नहीं होगा, वो राजनीतिक कद-काठी में अंगुराल बंधुओं से ऊपर ही रहेंगे। लेकिन यह तो आने वाला समय ही बताएगा। जहां तक जालंधऱ लोकसभा सीट की बात है तो इसमें कुल 9 विधानसभा सीटे हैं, जिनमें 4 पर आम आदमी पार्टी तथा 5 पर कांग्रेस के विधायक हैं। इस समय अगर चुनाव होते हैं तो खींचतान काफी तेज रहेगी क्योंकि कांग्रेस तथा आम आदमी पार्टी दोनों के बीच कड़ी टक्कर होने की पूरी संभावना है।