आखिर क्यों मांगी इन्वेस्टीगेशन एजेंसी ने मजीठिया से शादी की फोटो व एल्बम

punjabkesari.in Wednesday, Jan 26, 2022 - 11:38 AM (IST)

चंडीगढ़ (रमेश हांडा): पूर्व राजस्व मंत्री विक्रम सिंह मजीठिया की अग्रिम जमानत पंजाब व हरियाणा उनकी ओर से इन्वैस्टीगेशन एजेंसी को गुमराह कर रहा जबकि कोर्ट ने जिन शर्तों पर उन्हें बेल दी थी, उनमें इंवेस्टीगेशन ज्वाइन करने के बाद जांच में सहयोग करने को कहा गया था। जांच दल ने मजीठिया को लिखित में सवाल दिए थे जिनमें उनसे उनकी शादी की फोटो एल्बम व वीडियो फिल्म लाने को कहा गया था लेकिन मजीठिया ने जांच दल से कहा कि फोटो एल्बम और वीडियो फिल्म गुम हो गई हैं। जब सरकार और पुलिस की ओर से कोर्ट में कहा गया कि मजीठिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे तो मजीठिया के वकील सोमवार को मजीठिया की शादी की फोटो एल्बम और वीडियो फिल्म वाला बॉक्स कोर्ट में लेकर आ गए। कोर्ट को बताया गया कि विक्रम मजीठिया नहीं चाहते थे कि उनकी पर्सनल फोटोग्राफ निचले स्तर के अधिकारी देखें।

जांच एजेंसी देखना चाहती थी कि ड्रग तस्करी और मनी लॉन्डिंग के धंधे में लिप्त कनाडा निवासी सतप्रीत सिंह सत्ता, जगजीत सिंह चहल, मनिंदर सिंह औलख, परमिंदर सिंह पिंडी और अमरिंदर सिंह लाडी विक्रम की शादी में आए थे या नहीं और किस-किसने स्टेज में सांझा किया था। कोर्ट में पेश हुई रिपोर्ट में बताया गया था कि उक्त आरोपी जब मजीठिया की शादी में आए थे तो वह मजीठिया के खुद के व चंडीगढ़ स्थित सरकारी आवास में भी रहे थे और कैबिनेट मंत्री रहते हुए उन्हें मजीठिया ने अपनी सरकारी कार व गनमैन भी दिए थे जिन्हें लेकर वे लोग कई जगह आते-जाते रहे थे।
जांच एजेंसी उस मामले में भी जानकारी चहती थी कि अमरिंदर सिंह और परमिंदर सिंह पिंडी को चाहल के माध्यम से इंस्पेक्टर जनपाल ने 50 किलो ड्रग पाऊडर सप्लाई किया था जोकि ठीक नहीं निकला था जिसके बाद दिए गए 70 लाख वापिस मांगने पर दोनों पक्षों में झड़प हुई थी और तब मजीठिया ने ही दोनों पक्षों में समझौता करवाया था। कोर्ट को बताया गया कि उक्त डील का मजीठिया को भी पता था जिन्होंने मनी लॉन्डिंग भी ड्रग रैकेट को लेकर की थी।

इन सभी आरोपों के संबंध में मजीठिया से सवाल भी पूछे गए लेकिन उन्होंने सीधे जवाब नहीं दिए। कोर्ट ने कई मौकों पर पेश हुई स्टेट्स रिपोर्ट्स का भी आदेशों में जिक्र किया है जिनमें हर बार मजीठिया के राजनीतिक रसूख के कारण कार्रवाई न होने का जिक्र किया गया है। जस्टिस लीजा गिल ने अपने 44 पृष्ठों के आदेशों में एन.डी.पी.एस. की धारा 37 के तहत संगीन मामले में आरोपी को अंतरिम बेल दिए जाने के प्रावधान का भी जिक्र किया है जिसमें सुप्रीम कोर्ट के ऐसे कई मामलों का उदाहरण दिया गया है, जिसमें आरोपियों को अग्रिम जमानत नहीं मिली थी।

मजीठिया के 3 दिन 26 को खत्म, नॉमिनेशन 27 को
विक्रम मजीठिया के वकीलों ने चुनावों का वास्ता देते हुए नॉमिनेशन फाइल करने और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने के लिए एक सप्ताह की अग्रिम जमानत अवधि बढ़ाने की मांग की थी लेकिन कोर्ट ने उन्हें केवल 3 दिन की अंतरिम बेल देते हुए गिरफ्तारी पर रोक के आदेश दिए ये 3 दिन 24 जनवरी से शुरू माने जाएंगे जो 26 जनवरी को समाप्त हो जाएंगे जबकि नॉमिनेशन 27 से शुरू होनी है।

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News Editor

Urmila

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