मोहाली के बाद पंजाब का दूसरा सॉफ्टवेयर पार्क गुरु नगरी में बनाने की थी मांग: श्वेत मलिक

punjabkesari.in Sunday, Sep 01, 2024 - 03:13 PM (IST)

अमृतसर: पंजाब भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और अमृतसर के पूर्व मेयर श्वेत मलिक ने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है जिसमें उन्होंने लिखा है कि वह 2016 में सांसद बने थे जब कैप्टन अमरिंदर सिंह लोकसभा के सदस्य थे। उन्होंने तत्कालीन केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद को मोहाली के बाद पंजाब का दूसरा सॉफ्टवेयर पार्क गुरु नगरी अमृतसर के लिए अलॉट करने का अनुरोध किया था। 

उन्होंने उनका अनुरोध स्वीकार कर लिया और वलहल्ला वेरका अमृतसर में दूसरे सॉफ्टवेयर वेयर पार्क का उद्घाटन किया। अब प्रयासों सदका 20 करोड़ से अधिक के निवेश से अमृतसर के विकास का इंजन सॉफ्टवेयर पार्क तैयार है। उन्होंने कहा कि यहां के उद्यमियों को बहुत सारी सब्सिडियों और अमृतसर में इलेक्ट्रॉनिक निर्माण उद्योग में आने के लिए प्रशिक्षण मिलेगा। टेक्सटाइल उद्योग में गिरावट आने के बाद यह एक बार फिर इलेक्ट्रॉनिक उद्योग का केंद्र बन जाएगा।

श्वेत मलिक ने कहा कि उन्होंने उस समय सांसद के तौर पर अमृतसर के विकास के मुद्दे उठाए थे और मोदी जी ने उन्हें अमृतसर-कटरा-दिल्ली एक्सप्रेस हाईवे, दिल्ली अमृतसर वंदे भारत ट्रेन, मॉडर्न रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, अटारी पर आई.सी.पी. बार्डर ट्रेड पोस्ट, कंपनी बाग, गोल बाग, जलियांवाला बाग, भंडारी व रेगो रेलवे पुलों का विकास, अमृतसर के लोगों की सुरक्षा के लिए  80 करोड़ रुपये की लागत से सी.सी.टी.वी. कैमरे और मछली मंडी में मल्टी लेवल पार्किंग के नवीनीकरण की बात कही थी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को सलाम, सॉफ्टवेयर पार्क का विवरण मोहाली के बाद अमृतसर जल्द ही पंजाब में लघु और मध्यम उद्यमों (एस.एम.ईज) का केंद्र बन सकता है क्योंकि सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया (एस.टी.पी.आई.) अति-आधुनिक दूसरा केंद्र जल्द ही शुरू होने की संभावना है। 

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उन्होंने कहा कि एस.टी.पी.आई. के डायरेक्टर जनरल अरविंद कुमार ने कहा कि जल्द ही इसका उद्घाटन किया जायेगा क्योंकि एस.टी.पी.आई., आई.टी., आई.टी.ई.एस. कंपनियों को टीयर-2 और 3 शहरों में लाने के लिए रूपरेखा पर काम किया जा रहा है। क्षेत्र में आई.टी. सेक्टर के विकास के लिए इकोसिस्टम को नई स्टार्टअप यूनिटों के साथ-साथ बड़ी आई.टी. कंपिनयों मोहाली स्थित एस.टी.पी.आई. के ध्यान केंद्रित करना चाहिए। पिछले वित्तीय वर्ष में 5,000 करोड़ रुपये का निर्यात कारोबार दर्ज किया गया था। वर्तमान में स्टार्टअप पंजाब में 42 स्टार्ट-अप रजिस्टर्ड है।  

पंजाब उद्योग और वाणिज्य सचिव-सह-निदेशक सिबिन सी ने कहा कि हालांकि संख्या कम लग सकती है, लेकिन स्टार्ट-अप की गुणवत्ता शानदार है। स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने पहले ही इनोवेशन मिशन पंजाब की स्थापना की है, जो राज्य में स्टार्ट-अप इकोसिस्टम बनाने के लिए अग्रणी ग्लोबल निवेशकों और विशेषज्ञों को लाने के लिए एक अद्वितीय सार्वजनिक-निजी भागीदारी है। मिशन का उद्देश्य पंजाब की विकास क्षमता को उजागर करना और रोजगार पैदा करने वाली एक प्रफुल्लता आर्थिकता पैदा करना है।  सिबिन ने कहा कि स्टार्ट-अप को वित्त देने के लिए 150 करोड़ रुपये का एक इनोवेशन फंड भी बनाया गया है।

-40,000 वर्ग फुट में फैला एस.टी.पी.आई. केंद्र प्लग एंड प्ले, इनक्यूबेशन, डेटा सेंटर आदि सुविधाएं प्रदान करेगा।
-यह आई.टी./आई.टी.ई.एस. उद्यमियों को इस क्षेत्र में काम शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
-मोहाली के सॉफ्टवेयर पार्क ने 5,000 करोड़ रुपये का निर्यात कारोबार दर्ज किया।

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News Editor

Urmila

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