पर्यावरण को लेकर हो जाए सावधान! वरना भविष्य में बच्चों के मुंह में निपल्स की जगह होंगे अस्थमा पम्प

punjabkesari.in Tuesday, Nov 29, 2022 - 03:13 PM (IST)

लुधियाना(राम) : पंजाब में बढ़ रहे प्रदूषण तथा पर्यावरण को लेकर ‘पंजाब केसरी’ द्वारा खबरें प्रकाशित कर लगातार सरकार को जगाने का प्रयास किया जाता रहा है ताकि सरकार सूबे के अन्य मसलों के साथ पंजाब में बढ़ रहे प्रदूषण को गम्भीरता से लेते हुए ठोस कदम उठाये। हालांकि यह जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की ही नही आम नागरिकों की भी बनती जिसको लेकर आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से समझेंगे की प्रदेश में प्रदूषण रूपी दानव कैसे दिन-प्रतिदिन दिन भयंकर बनता जा रहा है जिसे गम्भीरता से नही लिया गया तो हमारी आने वाली पीढ़ी के नवजात शिशुओं के मुंह में दूध की निपल्स की जगह अस्थमा पम्प पकड़ाना पड़ेगा।

पर्यावरण का रखोगे ख्याल तो भविष्य होगा खुशहाल : डॉक्टर रोहित रामपाल
इस विषय पर त्वचा विशेषज्ञ डॉक्टर रोहित रामपाल से बात की गई तो उन्होंने वायु प्रदूषण से होने वाले रोग व उनसे बचने की जानकारी देते कहा कि प्रदेश इस समय
भयंकर वायु प्रदूषण से जूझ रहा है। हवा का स्तर बार बार गंभीर श्रेणी में पहुंच रहा है और दीवाली के बाद किसानों द्वारा पराली जलाने से वातावरण में लगातार बढ़ते प्रदूषण की वजह से आम जन मानस को सांस से जुड़ी अनेक बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। वायु प्रदूषण दिल, फेफड़ों, किडनी आदि समस्याओं से जूझ रहे मरीजों के लिए जान लेवा साबित हो रहा है और बच्चों में भी सांस की अनेक बीमारियां देखने में आ रहीं है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण का रखोगे ख्याल तो भविष्य खुशहाल होगा। डॉक्टर रोहित रामपाल ने लोगों को अपील करते हुए कहा की अपने आसपास कोई प्रदूषण फैला रहा है तो उसको ऐसा करने से रोकें अगर हम पर्यावरण का खयाल रखोगे तो भविष्य को खुशहाल बनाया जा सकता है।

वायु प्रदूषण से उत्पन्न होने वाले रोग
1: एलर्जी

धूल ,धुआं, जहरीली गैसों एवं गंध से किसी को, किसी भी उम्र में रोगी होना संभव है।

ए- स्वसन तंत्र की एलर्जी
एलर्जिकल कफ एंड कोराइजा, एलर्जिकल राइनाइटिस, बार बार छींक आना नाक से पतला अथवा गाढ़ा पानी निकलना, ब्रोंकाइटिस, ऐस्थमा, इंफाइसेमा, एवं न्यूमोनिया इत्यादि।

बी-त्वचा संबंधी एलर्जी
एलर्जीकल डर्मेटाइटिस, अर्टिकेरिया, एग्जिमा, त्वचा का सूखा, रूखा एवं धब्बेदार हो जाना, पानी भरे फफोले निकल आना, त्वचा और म्यूकस मेंब्रेन में दरारें पड़ जाना, एवं शोथ इत्यादि।

2: पाचन संबंधी गड़बड़ियां
बुखार के साथ उल्टी ,मिचली, पेट दर्द, दस्त लग जाना, भूख की कमी इत्यादि।

3: न्यूरोलॉजिकल गड़बड़ियां
जहरीली गैसों के कारण विभिन्न प्रकार की तंत्रिका तंत्र संबंधी गड़बड़ियां उत्पन्न हो जाती हैं जिनमें चक्कर आना, बेहोशी किसी एक अंग अथवा पूरे शरीर की लकवा ग्रस्तता, घ्राण एवं श्रवण शक्ति का समाप्त हो जाना, एवं सुस्ती बेचैनी इत्यादि।

वायु प्रदूषण से होने वाली हानियों से बचाव के उपाय

1:- अपनी दिनचर्या में ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं।

2:- बाहर जाने से पहले मास्क तथा सन ग्लॉस लगाए।

3:- दिन में दो बार पी,एच न्यूटल माइल्ड फेस वॉश से चेहरा धोएं।

4:- पौष्टिक आहार के साथ नियमित कसरत करें।

5:- अपने घर मे पौधे लगा ग्रीन एरिया बनाएं।

एक व्यक्ति एक पौधा मुहिम भी पर्यावण सुधार में हो सकता है कारगार: एस.एल. वर्मा
दूषित वायु पर्यावरण की समस्या को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते वरिष्ठ कारोबारी एस,एल वर्मा ने कहा की पेड़ पौधे पर्यावरण को फ़िल्टर करने का काम करते है। बढ़ती आबादी के कारण हमने अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए बहुत पेड़ काटे है आज जरूरत है की प्रदेश का हर एक नागरिक एक पेड़ लगा कर अपना योगदान दे जिस से भविष्य में पर्यावरण के सुधार में बहुत लाभ हो सकता है तथा यह मुहिम हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए वरदान सिद्ध होगी।

वायु प्रदूषण फैला रही गुड़ बनाने वाली बेलगाम अवैध भट्ठियों पर शिकंजा कसे सरकार : हरनेक सिंह
वायु प्रदूषण पर बात करते हुए हरनेक सिंह जिला प्रधान पी,पी ह्यूमन राइट्स कमेटी ने कहा की पंजाब में हजारों गुड़ बनाने वाली अवैध भट्ठियां चल रही है जो कोयला तथा घटिया ईंधन का उपयोग करती है जिस से निकलने वाले जहरीले धुएं को दूर से देखा जा सकता है पंजाब प्रदूषण बोर्ड तथा सरकार को चाहिए की इन अवैध भट्ठियों पर नकेल कस करवाई करें ताकि गुड़ निकालने वाले कारोबारी प्रदूषण रहित भट्ठियों का प्रयोग करना शुरू करें जिस से वायु प्रदूषण की रोकथाम में लाभ होगा। इस विषय पर त्वचा विशेषज्ञ डॉक्टर रोहित रामपाल से बात की गई तो उन्होंने वायु प्रदूषण से होने वाले रोग व उनसे बचने की जानकारी देते कहा की अपनी दिनचर्या में बदलाव कर वायु प्रदूषण से होने वाली हानियों से बचाव किया जा सकता है।

1:- अपनी दिनचर्या में ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं

2:- बाहर जाने से पहले मास्क तथा सन ग्लॉस लगाएं।

3:- दिन में 2 बार पी,एच न्यूटल माइल्ड फेस वॉश से चेहरा धोएं।

4:- पोष्टिक आहार के साथ नियमित कसरत करें।

5:- हफ्ते में 2 दिन स्टीम बाथ लें।

5:- अपने घर में पौधे लगा ग्रीन एरिया बनाए


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Content Writer

Vatika

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