Air India के अधिकारियों ने जहाज में नहीं बैठने दिए बच्चे, पूरा वाक्य जान रह जाएंगे हैरान

punjabkesari.in Thursday, Dec 03, 2020 - 10:54 AM (IST)

अमृतसरर (इन्द्रजीत): अमृतसर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दो बालकों को अमृतसर एयरपोर्ट पर एयर इंडिया एक्सप्रेस के अधिकारियों ने इसलिए रोक लिया कि उनके पास कोविड-19 टैस्ट रिपोर्ट प्राइवेट लैबोरेट्री की नहीं थी। दुबई जाने वाले इन बच्चों के अभिभावकों ने इनकी रिपोर्ट सरकारी तौर पर इसलिए बनवाई थी कि इसे कहीं चैलेंज न हो जाए, लेकिन अमृतसर एयरपोर्ट पर एयर इंडिया के अधिकारियों ने उसे यह कहकर रोक लिया कि प्राइवेट अस्पताल की रिपोर्ट लाई जाए, जहां पर वह कहते हैं। नतीजन बालकों की फ्लाइट मे रवानगी को भी रोक दिया गया। दुबई जाने वाले 2 बालकों में एक नाबालिग है, जबकि दूसरा 22 वर्ष का।

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जानकारी के मुताबिक अमृतसर एयरपोर्ट पर 2 बच्चे हरजिंदर सिंह, दलजीत सिंह निवासी गढ़दीवाला जिला रोपड अमृतसर से दुबई की तरफ जाने वाले थे उनकी उड़ान सुबह 11.30 बजे के करीब थी। जैसे ही इन बालकों ने एयरपोर्ट पर एयर इंडिया एक्सप्रैस के अधिकारियों को अपने दस्तावेज दिखाए तो उन्होंने इसके लिए कोविड-19 की रिपोर्ट मांगी। बालकों द्वारा रिपोर्ट देने के उपरांत एयर इंडिया अधिकारी ने यह कहकर उनकी फ्लाइट की रवानगी रोक दी कि उनके पास दी गई रिपोर्ट सरकारी है और वह सरकारी रिपोर्ट पर विश्वास नहीं करते। 

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अधिकारी ने कहा कि वह उसी लेबोरेटरी से टैस्ट करवा कर आए, जहां पर उन्हें कहा गया है। इस पर वह दोनों मायूस हो गए और उन्होंने पत्रकारों से संपर्क किया। हैरानी की बात तब हुई जब पत्रकारों ने उक्त अधिकारी से बात करनी चाही तो उसने फोन पर बात करने से इनकार कर दिया है। इस पर जब पत्रकारों ने वहां खड़े बालकों को यह कहा कि स्पीकर फोन से उसे फोन सुनाया जाए तो वह अधिकारी स्पीकर की आवाज से दूर निकलकर फोन के नजदीक आने से भी इनकार करते रहे। इससे साफ जाहिर होता है कि इसमें कुछ गड़बड़झाला है। प्राइवेट रिपोर्ट को न मानकर सरकारी रिपोर्ट को मानना तो समझ में आता है, लेकिन सरकारी रिपोर्ट को नजरअंदाज करके प्राइवेट रिपोर्ट की मांग करना किसी अज्ञात गड़बड़ से कम नहीं है। जैसे ही मीडिया से बात करवाने की बात कही वैसे ही एयर इंडिया के अधिकारियों ने उन्हें एयरपोर्ट परिसर से बाहर निकाल दिया। 

क्या कहते हैं अधिकारी?
इस संबंध में एक एयरपोर्ट अधिकारी ने बताया कि फ्लाइट में जाने देना अथवा रोकना यह विमानन कंपनी के हाथ में है, एयरपोर्ट प्रबंधन के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। वहीं दूसरी ओर एयर इंडिया के स्थानीय मैनेजर निरंजन सिंह से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि मामले की जांच की जाएगी, क्योंकि यह गंभीर विषय है।

क्या कहते हैं बालकों के अभिभावक?
इस संबंध में बालकों के अभिभावकों ने दुबई से बातचीत में पत्रकारों को बताया कि विमानन कंपनी के इसी अंदाज के कारण उनकी पहले भी दो बार फ्लाइट रोकी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि वहां की सरकारें आने वाले यात्रियों की सरकारी रिपोर्ट को अधिक प्राथमिकता देती हैं, लेकिन एयरपोर्ट पर तैनात एयर इंडिया के अधिकारियों ने उनका भारी नुक्सान कर दिया है, क्योंकि अब उन्हें टिकट दोबारा बनानी पड़ेगी।


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