जालंधर कैंट हलके के अकाली, कांग्रेसी व भाजपा वर्कर ‘आप’ में हो रहे हैं शामिल

punjabkesari.in Friday, Mar 03, 2023 - 12:50 PM (IST)

जालंधर: जालंधर कैंट हलके में शिरोमणि अकाली दल, कांग्रेस व भाजपा के वर्कर लगातार आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हो रहे हैं। ‘आप’ की मजबूती के लिए पार्टी के हलका प्रभारी सुरिन्द्र सिंह सोढी पूर्व आई.जी. समेत कई वरिष्ठ आप नेताओं ने अपनी गतिविधियों को तेज किया हुआ है। कैंट में ‘आप’ की चल रहे अंधेरी शिरोमणि अकाली दल के जगबीर सिंह बराड़, कांग्रेस के परगट सिंह व भाजपा के सरबजीत सिंह मक्कड़ के लिए भारी मुसीबत बनी हुई है।

अब इन तीनों नेताओं को आ रहे जालंधर नगर निगम के चुनावों तथा उससे भी पहले होने वाले कंटोनमैंट बोर्ड के चुनावों के लिए ठोस उम्मीदवार तलाशने होंगे लेकिन बराड़, परगट व मक्कड़ ने हलके में कोई राजनीतिक सरगरमी दिखाई नहीं दे रही है। इसी से निराश होकर अकाली, कांग्रेसी व भाजपा वर्कर अपने नेताओं का साथ छोड़कर ‘आप’ का दामन पकड़ते जा रहे हैं, जिससे आपका पलड़ा भारी होता जा रहा है।

परगट सिंह की जीत में बड़ी भूमिका निभाने वाली लगभग सभी कांग्रेसी उनका साथ छोड़ गए हैं। इसी तरह मक्कड़ के माध्यम से शिरोमणि अकाली दल को अलविदा कहकर भाजपा में शामिल हुए सौदागर सिंह औजला व उनकी पत्नी परमिन्द्र कौर औजला ने भी भाजपा छोड़कर ‘आप’ का दामन पकड़ लिया था। बुधवार को जगबीर सिंह बराड़ के खासमखास उन्हें छोड़कर आप में चले गए। यह वो खासमखास थे जो कि पार्टी स्तर से ऊपर उठकर बराड़ के साथ खड़े रहते थे। इन वर्करों ने बराड़ के अकाली दल, पी.पी.पी. व कांग्रेस में रहते हुए उनका साथ दिया। 2007 के बाद बराड़ की राजनीतिक किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया।

हालांकि परगट सिंह ने एक बार अकाली दल व 2 बार कांग्रेस की तरफ से जालंधर कैंट हलके में विधान सभा का चुनाव जीता। हालांकि 2017 के मुकाबले 2022 में परगट सिंह का वोट बैंक काफी नीचे आ गया। 2017 में 30 हजार वोटों वाली लीड 2022 में 5 हजार रह गई। कांग्रेस की सरकार व कैबिनेट मंत्री रहने के बावजूद भी उन्हें 25 हजार वोटें कम पड़ीं। जो उनका साथ छोड़ गए हैं, वह अगर चुनावों में उन्हें छोड़ जाते तो परगट सिंह लगातार तीसरी बार जीत नहीं हासिल कर सकते थे। अब साथियों के छोड़ने से परगट सिंह असहाय नजर आ रहे हैं।

इसके अलावा 2007 में कंवजीत सिंह लाली को हराकर आदमपुर हलके से विधायक चुने गए सरबजीत सिंह मक्कड़ ने कैंट हलके से 2017 में अकाली दल तथा 2022 में भाजपा की तरफ से चुनाव लड़ा। अकाली दल छोड़कर वह भाजपा में शामिल हो गए थे। दोनों बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2017 में उन्होंने 30 हजार व 2022 में उन्हें 15 हजार के करीब वोट मिले। आदमपुर हलका रिजर्व हो जाने के बाद मक्कड़ को न ही कपूरथला रास आया और न ही जालंधर कैंट। अब भी भाजपा में जाकर संघर्ष कर रहे हैं और अब आने वाले निगम चुनाव में प्रतिष्ठा दाव पर लगेगी।

वहीं ‘आप’ के मौजूदा हलका प्रभारी सुरिन्द्र सिंह सोढी 2022 में पहली बार चुनाव मैदान में उतरे और 35 हजार वोट हासिल करने में कामयाब रहे। हालांकि मजबूत टीम न बना पाने के कारण वह चुनाव नहीं जीत पाए। अब सोढी पूरी सरगरमी के साथ कैंट हलके में आप को मजबूत बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। हलके की उन्नति के लेकर भी वह विशेष ध्यान दे रहे हैं। अपने हलके की बेहतरी को लेकर सोढी मुख्यमंत्री भगवंत मान तथा पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं व मंत्रियों के भी सम्पर्क में रहते हैं।

अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here

पंजाब की खबरें Instagram पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here

अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Urmila

Recommended News

Related News