अमृतसर ट्रेन हादसाःरावण दहन की अनुमति तो ली पर आयोजकों ने प्रशासन को नहीं किया सूचित

punjabkesari.in Monday, Oct 22, 2018 - 10:20 AM (IST)

अमृतसरः पंजाब के अमृतसर में दशहरे वाले दिन हुए भयानक ट्रेन हादसे ने खुशी के पलों को पूरी तरह से मातम में बदल दिया। इस हादसे में 59 लोगों की मौत,जबकि 57 घायल गए थे। अब इस बड़ी मानव त्रासदी की जिम्मेदारी लेने वाला कोई नहीं है। सभी एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। वहीं पंजाब सरकार ने इस हादसे के जांच के आदेश दिए हैं।  

हादसे के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर हो कार्रवाईःजोशी

भाजपा के पंजाब मीडिया प्रभारी विनीत जोशी ने इस हादसे में लापरवाही बरतने वाले अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर, पुलिस कमिश्नर और नगर कौंसिल कमिश्नर की बर्खास्तगी के साथ इन पर नरसंहार का मामला दर्ज करने की मांग की है।   उन्होंने कहा कि मासूम लोगों की जान के लिए जिला प्रशासन जिम्मेदार था,जिन्होंने दशहरा आयोजकों को रावण दहन की तो अनुमति दे दी। पर सुरक्षा के लिए पर्याप्त मात्रा में पुलिस अधिकारियों की तैनाती नहीं  की। इन अधिकारियों ने न ही रेलवे अधिकारियों को इस संबंधी सूचित किया।

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रेल लाइनों पर चलना और खड़े होना गैर कानूनीःबांसल

वहीं पूर्व रेलवे मंत्री पवन बांसल ने कहा कि रेलवे लाइनों पर खड़े होना या चलना गैर कानूनी है। पर ट्रेन चालक को भी जिम्मेदारी समझते हुए स्पीड कम करनी चाहिए थी।  उन्होंने कहा कि इस हादसे में जिला तथा रेलवे प्रशासन में समन्वय की कमी पाई गई है। अगर प्रशासन ने रावण दहन की अनुमति दी थी तो आम जनता की सुरक्षा के लिए रेलवे अधिकारियों को सूचित क्यों नहीं किया। अगर वह विभाग को सूचित करते तो अधिकारी ट्रेन को धीमा करने या लाल झंडे वाले व्यक्ति को तैनात करने के निर्देश देते।

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इस हादसे के लिए ट्रेन चालक, आयोजक, पुलिसकर्मी ,गार्ड जिम्मेदार हैं। उल्लेखनीय है कि उक्त दशहरे समारोह का आयोजन विजय मदन के बेटे सौरभ मदान द्वारा किया गया था। इसमें कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू मुख्यातिथि के तौर पर पुहुंची थी।  आयोजक भी हादसे के बाद घर को ताला लगाकर परिवार सहित फरार हो गया है।

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