पंजाब बंद की कॉल के बीच किसानों का एक और बड़ा ऐलान

punjabkesari.in Saturday, Dec 28, 2024 - 09:02 PM (IST)

पटियाला : 30 दिसंबर के पंजाब बंद के आह्वान के बीच किसानों ने एक और बड़ा ऐलान किया है। दरअसल, संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने पंजाब और हरियाणा में किसान महापंचायत बुलाने का निमंत्रण दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने चल रहे संघर्षों को तेज करने के लिए 9 जनवरी, 2025 को मोगा, पंजाब और  टोहाना, हरियाणा में  4 जनवरी, 2025 को किसान महापंचायत आयोजित करने की घोषणा की। दोनों महापंचायतों में संयुक्त किसान मोर्चा का राष्ट्रीय नेतृत्व शामिल होगा। SKM ने कहा कि हम केंद्र सरकार से अपनी मांग दोहराते हैं कि एमएसपी और ऋण माफी सहित बुनियादी मांगों के लिए संघर्ष कर रहे सभी किसान संगठनों के साथ तत्काल बातचीत की जाए। पंजाब बॉर्डर पर भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की जान बचाई जाए।

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30 के बंद को सफल बनाने के लिए किसानों ने की बैठक 

वहीं, खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसान संघर्ष के दौरान 30 दिसंबर के बंद को सफल बनाने के लिए भारतीय किसान एसोसिएशन के पंजाब अध्यक्ष हरिंदर सिंह नंडायाली की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें संगरूर, पटियाला, मालेरकोटला, फतेहगढ़ साहिब जिलों के पदाधिकारी और सक्रिय कार्यकर्ता शामिल हुए और किसान संगठन के दिग्गज किसान नेता सतनाम सिंह बाहरू भी शामिल हुए। इस अवसर पर सतनाम सिंह बाहरू ने देश भर में चल रहे किसान आंदोलन की संक्षिप्त जानकारी सांझा करते हुए कहा कि आज कर्मचारियों की ड्यूटियां लगा दी गई हैं। केंद्र सरकार की चुप्पी तोड़ने और किसानों के संघर्ष को मजबूत करने के लिए खनौरी और शंभू बॉर्डर के प्रमुख किसान नेताओं द्वारा 30 दिसंबर को पंजाब बंद का आह्वान किया गया है, जिससे व्यापारियों ने शहरों और कस्बों में एक कारवां बनाया है। इसे सफल बनाने के लिए पंजाब बंद के आह्वान का समर्थन करने का अनुरोध किया जाना चाहिए। इसके साथ ही आज खनौरी बॉर्डर पर किसानों की हुई बैठक के दौरान एक और बड़ा ऐलान किया गया है और महापंचायत बुलाने का न्योता दिया गया है।

बहिरू ने कहा कि एक देश एक बाजार कानून के जरिए पंजाब में चल रही मंडीकरण को खत्म कर प्राइवेट सेक्टर को सौंपने जा रहा है और इसी तरह केंद्र सरकार ने जो नया कृषि ड्राफ्ट राज्यों को भेजा है। अगर केंद्र सरकार राज्य सरकारों के दबाव से गुजरेगी तो किसानों की खून-पसीने से उगाई गई फसल निजी घरानों के माध्यम से लूट ली जाएगी, वहीं चारा बाजार से जुड़ा कारोबार भी चौपट हो जाएगा।

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News Editor

Kamini

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