जालंधर का ये इलाका बना नशे का अड्डा, पुलिस प्रशासन पर उठ रहे सवाल
punjabkesari.in Monday, Dec 02, 2024 - 01:46 PM (IST)
जालंधर: जालंधर शहर के थाना डिवीजन नम्बर 3 क्षेत्र स्थित भगत सिंह चौक के पास पार्किंग में नशेड़ियों ने एक नया नशे का अड्डा बना लिया है। यहां पेड़ों के झाड़ के पीछे छुपकर नशेड़ी चिट्टे के टीके लगाते हैं और इस गैरकानूनी गतिविधि का समूह बना लिया है। यह स्थिति चिंता का विषय बन चुकी है, क्योंकि इस इलाके में नशे की लत युवाओं को अपनी चपेट में ले रही है, और पुलिस प्रशासन इस पर कोई ठोस कार्रवाई करने में नाकाम साबित हो रहा है।
नशे का अड्डा: युवा पीढ़ी की बर्बादी का कारण
भगत सिंह चौक के पास स्थित पार्किंग के एकांत इलाके में नशेड़ी चुपके से अपने नशे के जाल में फंस रहे हैं। यहां पेड़ों के झाड़ के पीछे वे चिट्टा (हेरोइन) के टीके लगाते हैं, जिससे न केवल उनका स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है, बल्कि शहर की युवा पीढ़ी को भी नशे की लत लग रही है। एक तरफ जहां पंजाब में नशे की समस्या लगातार बढ़ रही है, वहीं इस तरह के नशे के अड्डों का खुला होना शहर की गंभीर चिंता का विषय बन चुका है।
जालंधर में नशे की बढ़ती समस्या
पंजाब, और खासकर जालंधर, पहले से ही नशे की समस्या से जूझ रहा है। यदि युवाओं के लिए ऐसे नशे के अड्डे बढ़ते गए, तो भविष्य में इसका असर न सिर्फ शहर, बल्कि राज्य पर भी पड़ सकता है। यह हालत दर्शाती है कि पंजाब के युवा इस तरह नशे के लिए अपनी ज़िंदगी को बर्बाद कर रहे हैं। अगर प्रशासन ने इस पर तुरंत सख्त कदम नहीं उठाए, तो आने वाले दिनों में यह स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
पुलिस प्रशासन की नाकामी
स्थानीय निवासियों का कहना है कि नशे के इन अड्डों को पुलिस की नजरों से बचाना मुश्किल नहीं है, लेकिन फिर भी पुलिस प्रशासन इस पर कोई कार्रवाई करने में नाकाम रहा है। स्थानीय लोग कहते हैं कि अगर पुलिस प्रशासन सक्रिय होता तो इस समस्या का समाधान पहले ही हो सकता था।
क्या किया जा सकता है?
इस स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए सबसे पहले पुलिस को नशे के अड्डों पर सख्ती से छापेमारी करनी होगी और नशे के व्यापारियों को कड़ी सजा देनी होगी। साथ ही, नगर निगम और प्रशासन को भी युवाओं के लिए जागरूकता अभियान चलाने चाहिए, ताकि वे नशे से बच सकें। साथ ही, पार्किंग और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाए, ताकि ऐसे नशे के अड्डों का अस्तित्व समाप्त हो सके। इसके अलावा, शहरवासियों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। उन्हें नशे के प्रति जागरूक करना और ऐसी गतिविधियों के खिलाफ आवाज उठानी होगी। थाना डिवीजन नम्बर 3 के एस.एच.ओ. को फोन पर इस गंभीर मुद्दे पर बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन उठाना उचित नहीं समझा।
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