नहीं सुधर रहे ऑटो और ई-रिक्शा चालक, प्रशासन के आदेशों की उड़ा रहे धज्जियां
punjabkesari.in Thursday, Apr 04, 2024 - 11:27 AM (IST)
लुधियाना : महानगर के अड़ियल ऑटो व ई-रिक्शा चालक न तो वर्दी पहन रहे हैं और न ही ऑटो के आगे पीछे नेम प्लेट लगवा रहे है। हालांकि पुलिस प्रशासन उन्हें कई बार इस संबंधी मोहलत भी दे चुका है लेकिन शहर के अधिकतर ऑटो व ई-रिक्शा चालकों के कान पर जूं तक नहीं सरक रही।
बता दें कि फरवरी महीने में ट्रैफिक पुलिस ने यूनियन नेताओं के साथ बैठक कर उन्हें अल्टीमेटम दिया था कि सभी ऑटो व ई-रिक्शा चालक 15 मार्च तक अपने वाहनों के कागजात पूरे कर स्टील ग्रे रंग की वर्दी पहनेंगे और नेम प्लेट लगाने के साथ-साथ ऑटो के आगे पीछे नाम व पते की प्लेट भी लगाएंगे। 15 मार्च की डैडलाइन खत्म होने पर कुछ यूनियन नेताओं ने पुलिस प्रशासन से मोहलत की मांग की तो अधिकारियों ने उन्हें फिर कुछ दिन का समय दे दिया दे दिया।
इसके बाद डीजल ऑटो रिक्शा की एंट्री शहर में बंद करने के मुद्दे पर ऑटो चालक एक बार फिर से एकत्रित हुए और अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री की संगरूर रिहायश पर कूच करने का ऐलान किया लेकिन उनके कूच से पहले ही पुलिस अधिकारियों और राजनेताओं के साथ बैठक के दौरान उन्हें फिर से 2 महीने का समय दे दिया गया। हालांकि अधिकारी साफ कह रहे हैं कि ऑटो व ई-रिक्शा चालकों को वर्दी पहननी और नेम प्लेट लगानी ही पड़ेगी पर बावजूद इसके ऑटो और ई-रिक्शा चालक सुधरने का नाम नहीं ले रहे। आज भी शहर में 60 प्रतिशत से अधिक ऑटो में ई-रिक्शा चालक न तो वर्दी पहन रहे हैं और न ही नेम प्लेट लगा रहे हैं। इसके साथ ही कई रिक्शा चालकों ने नंबर प्लेट भी नहीं लगवाई।
नियम न मानने वाले चालकों के साथ नहीं है यूनियन : मामा
जिला ऑटो रिक्शा वर्कर्ज फैडरेशन के प्रधान सतीश कुमार मामा का कहना है कि पुलिस प्रशासन द्वारा बताए गए नियमों को न मानने वाले चालकों का यूनियन नहीं कभी साथ देगी। उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन ने मोहलत दी है तो सभी ऑटो और ई-रिक्शा चालकों को वर्दी पहनने के साथ-साथ नेम प्लेट जरूर लगानी। चाहिए। इसके साथ ही ऑटो के आगे-पीछे नाम-पते की प्लेट भी लगवाना जरूरी है।
नियम न मानने वालों पर प्रशासन करे सख्ती- चन्नप्रीत
वहीं रेलवे स्टेशन स्टैंड के प्रधान चन्नप्रीत सिंह सन्नी का कहना है कि प्रशासन नियम न मानने वाले ऑटो और ई-रिक्शा के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। उन्होंने कहा कि जो ऑटो उनके स्टैंड के मार्फत चलते हैं, उनके सभी चालक वर्दी पहनने के साथ-साथ अन्य नियमों का पालन कर रहे हैं जबकि शहर में हजारों की संख्या में ऐसे ऑटो और ई-रिक्शा है जो नियमों के विपरीत चल रहे हैं।
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