जत्थेदार मंड का हरसिमरत पर पलटवार, कहा-''अरदास है कि बेअदबी मामले में कार्रवाई न करने वालों का कुछ न रहे''

punjabkesari.in Friday, May 17, 2019 - 08:46 AM (IST)

मलोट(जुनेजा): सरबत खालसा की ओर से अकाल तख्त के बनाए कार्यकारी जत्थेदार और पूर्व एम.पी. ध्यान सिंह मंड ने केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल पर पलटवार करते हुए कहा कि हम भी अरदास करते हैं कि बेअदबी मामलों में जिम्मेदार व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई न करने वालों का कुछ न रहे। 

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जत्थेदार मंड 17 मई को फाजिल्का से लेकर अबोहर, मलोट और लम्बी तक बठिंडा और फिरोजपुर से उम्मीदवार और बादल परिवार के सदस्यों हरसिमरत कौर बादल और सुखबीर सिंह बादल के विरुद्ध काली झंडियां लेकर निकाले जा रहे मार्च की तैयारी संबंधी मलोट आए थे और पत्रकारों के साथ बातचीत कर रहे थे। उन्होंने हरसिमरत कौर बादल की ओर से दिए बयान कि बेअदबियों के मामले पर राजनीति करने वालों का कुछ न रहे, पर पलटवार करते हुए कहा है कि हमारी भी यह अरदास है कि जो लोग उस समय सरकार के मुखी थे और सब कुछ जानते हुए भी बेअदबियों के मामलों में जिम्मेदार दोषियों के विरुद्ध जानबूझकर कार्रवाई न करने वाले लोगों का भी कुछ न रहे। उन्होंने कहा कि सारी दुनिया जानती है कि इस सभी के लिए बादलों का परिवार जिम्मेदार है और इस का रहना भी कुछ नहीं। 

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जत्थेदार मंड ने कहा कि उनकी तरफ से बरगाड़ी मोर्चे के कारण ही सरकार ने अज्ञात दोषियों की शिनाख्त की। पुलिस अधिकारियों और बेअदबियां करने वालों को जेल भेजा था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मंत्रियों ने गुरु साहिब की हजूरी में आकर कार्रवाई का यकीन दिलाया था जिस पर हमें धरना बंद करना पड़ा। मंड ने कहा कि इतिहास में आज तक कोई ऐसा सिख आंदोलन नहीं जिसमें कौम का नुक्सान न हुआ हो परंतु हमने दिखा दिया है कि सिख कौम के पास भी दिमाग है और बरगाड़ी से संघर्ष सड़कों पर नहीं जाने दिया बल्कि सड़कों से लोग हमारे संघर्ष में आकर मिले हैं। हमारी सबसे बड़ी प्राप्ति यह है कि किसी तरह का जानी और माली नुक्सान नहीं होने दिया और अपनी मांगें भी मनवा ली हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी की दखलअंदाजी के कारण सिट के अहम मैंबर आई.जी. कुंवर विजय प्रताप सिंह को बदल दिया नहीं तो अब तक बादलों ने अंदर होना था। 
 
 


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