आत्मसमर्पण के समय कांग्रेस के बड़े नेताओं ने सिद्धू से बनाई दूरी, डॉ. गांधी ने निभाई यारी

punjabkesari.in Saturday, May 21, 2022 - 02:48 PM (IST)

पटियाला(बलजिन्द्र):  सुप्रीम कोर्ट की तरफ से पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू को सुनाई एक साल की सजा के संबंध में जब सिद्धू माननीय अदालत में आत्मसमर्पण करने गए तो पंजाब के बड़े कांग्रेसी नेताओं ने नवजोत सिंह सिद्धू से दूरी बना ली। आज अश्विनी सेखड़ी, सुरजीत धीमान आदि को छोड़ कर कोई बड़ा नेता नवजोत सिंह सिद्धू के घर मिलने भी नहीं पहुंचा। यहां तक जो वीरवार को प्रदर्शन के दौरान सिद्धू के साथ फोटो खिंचवा रहे थे, वे भी आज नजर नहीं आए।

स्थानीय नेताओं में पंजाब कांग्रेस के प्रवक्ता गौरव संधू, शहरी प्रधान नरिन्दर लाली और शैरी रियाड़ के अलावा कोई बड़ा चेहरा दिखाई नहीं दिया। हालांकि जब से नवजोत सिंह सिद्धू को अध्यक्ष पद से उतारा है, उसके बाद ही कांग्रेसी नेताओं की तरफ से दूरी बनानी शुरू हो गई थी परन्तु आज तो लगभग एक तरह से किनारा ही कर लिया गया।नवजोत सिंह सिद्धू के लिए राजनीति में लगभग पिछला एक साल बड़े उतार चढ़ाव वाला रहा। नवजोत सिंह सिद्धू हालांकि साल 2004 से सक्रिय राजनीति में भाग ले रहे हैं और 3 बार मैंबर पार्लियामैंट और एक बार विधायक और लगभग 2 साल तक पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री भी रह चुके हैं परन्तु पिछले साल जुलाई से नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब की राजनीति का सितारा तब बनने लगे, जब कैप्टन अमरेंद्र सिंह के खिलाफ कांग्रेस के कुछ नेताओं और मंत्रियों ने नवजोत सिंह सिद्धू के साथ मिलकर हाईकमांड के पास कैप्टन अमरेंद्र सिंह का विरोध शुरू किया।

देखते ही देखते हालात बदले और कांग्रेस की हाईकमांड ने कैप्टन अमरेंद्र सिंह के विरोध को नजरअंदाज करते हुए बड़ा दाव खेलते हुए नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का प्रधान स्थापित कर दिया और नवजोत सिंह सिद्धू की सरकार और पार्टी दोनों तरफ तूती बोलने लगी और वह शिखर पर तब पहुंच गए जब कैप्टन अमरेंद्र सिंह को मुख्यमंत्री के पद से उतार कर चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का मुख्यमंत्री बना दिया गया तो इस कशमकश में कई चेहरों को नदारद किया गया परन्तु नवजोत सिंह सिद्धू कुछ दिन मुख्यमंत्री के साथ मिल कर काम करते नज़र आए और चारों तरफ़ उनकी तूती बोलने लग पड़ी। परन्तु यह ज़्यादा देर तक बरकरार न रह सकी और उनके चरणजीत सिंह चन्नी के साथ मन मुटाव सार्वजनिक हो गए। इधर सरकार का समय भी खत्म होने लगा और कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को अनधिकृत तौर पर मुख्यमंत्री का चेहरा बना कर चुनाव लड़ने की तैयारियां शुरु कर दीं और नवजोत सिंह सिद्धू का कद घटता गया। जब चन्नी को विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का अधिकृत तौर पर चेहरा ऐलान दिया तो नवजोत सिंह सिद्धू के लिए मुश्किल समय शुरू हो गया और इसी दौरान वह अमृतसर से विधानसभा की चुनाव भी हार गए और कांग्रेस की हाईकमांड ने नवजोत सिंह सिद्धू को उतार नौजवान नेता अमरिन्दर सिंह राज वड़िंग को प्रधान बना दिया और नवजोत सिंह सिद्धू इन हलातों से उबरने की कोशिश कर ही रहे थे कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने 34 साल पुराने एक केस में उन को सजा सुना दी और शुक्रवार को वह केंद्रीय जेल में एक कैदी के रूप में बंद हैं।

 

पूर्व मैंबर पार्लियामेंट डा. धर्मवीर गांधी ने निभाई दोस्ती
जहां नवजोत सिंह सिद्धू से कांग्रेसी नेताओं ने दूरी बनाई, वहां पूर्व मैंबर पार्लियामैंट डा. धर्मवीर गांधी ने दोस्ती निभाते हुए कोर्ट में सरैंडर करने से पहले नवजोत सिंह सिद्धू को मिलने के लिए नवजोत सिंह सिद्धू के घर पहुंच गए। हालांकि उन्होंने मीडिया से दूरी बना कर रखी परन्तु काफी देर तक उनके घर की पहली मंजिल पर नवजोत सिंह सिद्धू के साथ रहे। इससे पहले भी विधानसभा चुनाव में डा. धर्मवीर गांधी नवजोत सिंह सिद्धू की तारीफ कर चुके हैं।

 


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Vatika

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